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मनरेगा के तहत रोजगार और विकास कार्यों का दायरा बढ़ाने पर फोकस करेंः मुख्य सचिव

प्रदेश के मुख्य सचिव डीबी गुप्ता ने मनरेगा योजना के लाइन विभागों के उच्चाधिकारियों को विभिन्न योजनाओं के तहत सम्पति सृजन और विकास के कार्यों का दायरा बढ़ाने पर फोकस करने के निर्देश दिए हैं. ताकि, कोरोना काल में अधिक से अधिक लोगों को रोजगार मिल सके.

Jaipur News, Rajasthan News
मुख्य सचिव ने की अधिकारियों के साथ की बैठक
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Published : Jun 25, 2020, 2:56 AM IST

जयपुर. मुख्य सचिव सीएस डीबी गुप्ता ने बुधवार को सचिवालय में मनरेगा योजना के विभिन्न लाइन विभागों की योजनाओं से कन्वर्जेन्स कार्यों की प्रगति की समीक्षा के लिए राज्य स्तरीय समन्वय समिति की बैठक बुलाई. इस दौरान डीबी गुप्ता ने मनरेगा योजना के लाइन विभागों के उच्चाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वो विभिन्न योजनाओं के तहत सम्पति सृजन और विकास के कार्यों का दायरा बढ़ाने पर फोकस करें. ताकि वर्तमान परिस्थितियों में अधिक से अधिक लोगों को रोजगार मिल सके. वहीं, इससे कोरोना संक्रमण काल में मजदूरों के जीवनदायनी बन कर उभरी मनरेगा योजना का दायरा और बढ़ेगा.

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मुख्य सचिव ने की अधिकारियों के साथ की बैठक

उन्होंने कहा कि मनरेगा योजना महत्वपूर्ण योजना है. जिसके अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों के श्रमिकों और प्रवासियों को ग्राम स्तर पर ही अधिक से अधिक कार्य करवाने और रोजगार सुलभ कराने के लिए राज्य सरकार प्रयासरत है. विभाग भी अपने बजट के साथ-साथ मनरेगा बजट का उपयोग कर श्रमिकों से छोटे-छोटे कार्य जैसे तालाब, नाड़ी, जोहड़ खुदवाकर और वृक्षारोपण से लोगों को रोजगार मुहिया करवा सकते हैं.

इसके अलावा डीबी गुप्ता ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वो इस वित्तीय वर्ष में विभागवार क्या कार्य शुरू कर सकते हैं. इसकी सूची बनाकर ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग को भिजवाए, ताकि उन कार्यों को प्राथमिकता से करवाया जा सके. उन्होंने सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधिकारियों से कहा कि वो राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय राजमार्गों के दोनों तरफ अधिक से अधिक वृक्षारोपण करने, दुर्घटनाएं रोकने के लिए ग्रामीण सड़कों की चौड़ाई बढ़ाने और सड़कों के किनारे खड्डाें में मिट्टी डलवाने जैसे कार्यों से मनरेगा श्रमिकों को रोजगार दे सकते हैं.

पढ़ेंः गुटबाजी कांग्रेस में नहीं भाजपा में है...हम चाहते तो दूसरा वोट भी होता रिजेक्ट : महेश जोशी

बैठक में मौजूद अतिरिक्त मुख्य सचिव ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज राजेश्वर सिंह ने कहा कि मनरेगा योजना से कोरोना काल में ग्रामीण श्रमिकों के अलावा प्रवासी राजस्थानियों को भी रोजगार मिल रहा है. मनरेगा के तहत प्रतिदिन 50 लाख 19 हजार से अधिक के श्रम नियोजन के साथ राजस्थान देश में पहले पायदान पर है. योजनान्तर्गत 43 लाख कार्य पूरे हो चुके हैं और 6.81 लाख कार्य प्रगति पर हैं. साथ ही 99.96 प्रतिशत श्रमिकों को 15 दिन में मजदूरी का भुगतान किया जा रहा है.

ये रहे मौजूद

बैठक में सचिव, वन एवं पर्यावरण डी.एन. पाण्डेय, अतिरिक्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक (विकास) शिखा मेहरा, शासन सचिव, जल संसाधन नवीन महाजन, शासन सचिव (खाद्य) सिद्वार्थ महाजन, विशिष्ठ शासन सचिव वित्त सुधीर शर्मा, आयुक्त मनरेगा पीसी किशन, आयुक्त कृषि डॉ. ओम प्रकाश, आयुक्त उद्यानिकी वी सरवन कुमार, आयुक्त, जलग्रहण एवं मृदा संरक्षण के आयुक्त एस.आर. बनजारा और मुख्य अभियन्ता पीडब्ल्यूडी चिनहरी मीना सहित लाइन विभागों के अधिकारीगण उपस्थित रहे.

जयपुर. मुख्य सचिव सीएस डीबी गुप्ता ने बुधवार को सचिवालय में मनरेगा योजना के विभिन्न लाइन विभागों की योजनाओं से कन्वर्जेन्स कार्यों की प्रगति की समीक्षा के लिए राज्य स्तरीय समन्वय समिति की बैठक बुलाई. इस दौरान डीबी गुप्ता ने मनरेगा योजना के लाइन विभागों के उच्चाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वो विभिन्न योजनाओं के तहत सम्पति सृजन और विकास के कार्यों का दायरा बढ़ाने पर फोकस करें. ताकि वर्तमान परिस्थितियों में अधिक से अधिक लोगों को रोजगार मिल सके. वहीं, इससे कोरोना संक्रमण काल में मजदूरों के जीवनदायनी बन कर उभरी मनरेगा योजना का दायरा और बढ़ेगा.

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मुख्य सचिव ने की अधिकारियों के साथ की बैठक

उन्होंने कहा कि मनरेगा योजना महत्वपूर्ण योजना है. जिसके अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों के श्रमिकों और प्रवासियों को ग्राम स्तर पर ही अधिक से अधिक कार्य करवाने और रोजगार सुलभ कराने के लिए राज्य सरकार प्रयासरत है. विभाग भी अपने बजट के साथ-साथ मनरेगा बजट का उपयोग कर श्रमिकों से छोटे-छोटे कार्य जैसे तालाब, नाड़ी, जोहड़ खुदवाकर और वृक्षारोपण से लोगों को रोजगार मुहिया करवा सकते हैं.

इसके अलावा डीबी गुप्ता ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वो इस वित्तीय वर्ष में विभागवार क्या कार्य शुरू कर सकते हैं. इसकी सूची बनाकर ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग को भिजवाए, ताकि उन कार्यों को प्राथमिकता से करवाया जा सके. उन्होंने सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधिकारियों से कहा कि वो राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय राजमार्गों के दोनों तरफ अधिक से अधिक वृक्षारोपण करने, दुर्घटनाएं रोकने के लिए ग्रामीण सड़कों की चौड़ाई बढ़ाने और सड़कों के किनारे खड्डाें में मिट्टी डलवाने जैसे कार्यों से मनरेगा श्रमिकों को रोजगार दे सकते हैं.

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बैठक में मौजूद अतिरिक्त मुख्य सचिव ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज राजेश्वर सिंह ने कहा कि मनरेगा योजना से कोरोना काल में ग्रामीण श्रमिकों के अलावा प्रवासी राजस्थानियों को भी रोजगार मिल रहा है. मनरेगा के तहत प्रतिदिन 50 लाख 19 हजार से अधिक के श्रम नियोजन के साथ राजस्थान देश में पहले पायदान पर है. योजनान्तर्गत 43 लाख कार्य पूरे हो चुके हैं और 6.81 लाख कार्य प्रगति पर हैं. साथ ही 99.96 प्रतिशत श्रमिकों को 15 दिन में मजदूरी का भुगतान किया जा रहा है.

ये रहे मौजूद

बैठक में सचिव, वन एवं पर्यावरण डी.एन. पाण्डेय, अतिरिक्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक (विकास) शिखा मेहरा, शासन सचिव, जल संसाधन नवीन महाजन, शासन सचिव (खाद्य) सिद्वार्थ महाजन, विशिष्ठ शासन सचिव वित्त सुधीर शर्मा, आयुक्त मनरेगा पीसी किशन, आयुक्त कृषि डॉ. ओम प्रकाश, आयुक्त उद्यानिकी वी सरवन कुमार, आयुक्त, जलग्रहण एवं मृदा संरक्षण के आयुक्त एस.आर. बनजारा और मुख्य अभियन्ता पीडब्ल्यूडी चिनहरी मीना सहित लाइन विभागों के अधिकारीगण उपस्थित रहे.

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