जयपुर. पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की गुरुवार को प्रदेश भर में 103वीं जयंती मनाई जा रही है. इंदिरा गांधी की जयंती के अवसर पर एनएसयूआई ने राजस्थान विश्वविद्यालय में एक वॉल पेंटिंग बनाई.
इस वॉल पेंटिंग को लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन ने आपत्ति भी जताई, लेकिन एनएसयूआई ने आपत्ति को दरकिनार कर विश्वविद्यालय में दीवार पर इंदिरा गांधी की वॉल पेंटिंग बनाई, एनएसयूआई ने कहा कि छात्रों को प्रेरणा देने वाले काम करने के लिए किसी भी तरह की अनुमति की आवश्यकता नहीं है.
पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की गुरुवार को 103 वी जयंती है. इंदिरा गांधी की जयंती के अवसर पर एनएसयूआई ने भी विश्वविद्यालय स्थित सरस्वती मंदिर के सामने एक दीवार पर इंदिरा गांधी की वॉल पेंटिंग बनाई.
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जैसे ही वॉल पेंटिंग की सूचना विश्वविद्यालय प्रशासन के पास पहुंची तो चीफ प्रॉक्टर एचएस पलसानिया मौके पर पहुंचे और उन्होंने एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं को वॉल पेंटिंग बनाने से मना किया. उन्होंने कहा कानून के तहत सार्वजनिक स्थानों पर इस तरह की पेंटिंग नहीं बनाई जा सकती, लेकिन एनएसयूआई ने पलसानिया की बात को अनसुना कर इंदिरा गांधी की वॉल पेंटिंग का काम चालू रखा.
राजस्थान विश्वविद्यालय के चीफ प्रॉक्टर एचएस पलसानिया ने कहा कि एनएसयूआई के छात्रों से वॉल पेंटिंग नहीं बनाने के लिए समझाइश की जा रही है. कानून के तहत भी इस तरह की पेंटिंग बनाना वर्जित है और उम्मीद है कि एनएसयूआई के छात्र मान जाएंगे.
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एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष अभिषेक चौधरी ने कहा कि आज इंदिरा गांधी की 103 वीं जयंती के अवसर पर एनएसयूआई प्रदेश भर में विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों सहित 103 शिक्षण संस्थानों में इंदिरा गांधी की वॉल पेंटिंग बनवा रहा है. चौधरी ने कहा की शिक्षण संस्थानों में आने वाला छात्र देश का भविष्य होता है. वह देश की दिशा और दशा कैसे तय करनी है उसको पढ़ता है और समझता है. इसीलिए यह पेंटिंग यहां बनवाई जा रही है.
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उन्होंने कहा कि आज देश सांप्रदायिक विचारधारा में जल रहा है. महिला सशक्तिकरण के झूठे वादे किए जाते हैं. ऐसे हालातों में महिला सशक्तिकरण की प्रेरणा देने के लिए सबसे महत्वपूर्ण नाम इंदिरा गांधी का ही है. इंदिरा गांधी का पोर्ट्रेट बनवा कर हम आने वाली पीढ़ी को मजबूत प्रेरणा और मजबूत दिशा और दशा देने का काम कर रहे हैं. अभिषेक ने कहा कि चीफ प्रॉक्टर को समझा दिया गया है और फिर भी यदि कोई आपत्ति होगी तो विश्वविद्यालय प्रशासन और छात्र संगठन बैठ कर बात कर लेंगे.