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सीएम गहलोत ने पीएम मोदी को लिखा पत्र...कहा केंद्र भी हटाए EWS आरक्षण में अचल संपत्ति के प्रावधान

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर EWS के आरक्षण में अचल संपत्ति संबंधी जटिल प्रावधानों को हटाने का आग्रह किया है. गहलोत ने प्रधानमंत्री से आग्रह किया है कि केंद्र सरकार भी राज्य सरकार की तरह युवाओं को राहत देने के लिए EWS आरक्षण में अचल संपत्ति के प्रावधान को हटाएं.

अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री को लिखा पत्र, Ashok Gehlot writes to the Prime Minister
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Published : Oct 25, 2019, 7:58 PM IST

जयपुर. सीएम अशोक गहलोत ने युवाओं के हित में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) के आरक्षण में अचल संपत्ति संबंधी जटिल प्रावधानों को हटाने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से आग्रह किया है. उन्होंने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में कहा है कि राजस्थान सरकार ने प्रदेश की शिक्षण संस्थाओं और राजकीय सेवाओं में EWS आरक्षण में अचल संपत्ति के प्रावधान को हटा दिया है. केंद्र सरकार भी राज्य सरकार की तरह युवाओं को राहत देने के लिए यह कदम उठाए.

मुख्यमंत्री ने युवाओं के हित में प्रधानमंत्री को लिखा पत्र

मुख्यमंत्री ने पत्र में कहा कि राज्य सरकार ने पहल करते हुए प्रदेश में EWS आरक्षण में अचल संपत्ति के प्रावधान हटा दिए हैं. लेकिन केंद्र की सेवाओं और शिक्षण संस्थाओं के लिए यह प्रावधान पहले की तरह ही लागू हैं. इसके चलते प्रदेश के युवाओं को राज्य एवं केन्द्र के लिए अलग-अलग प्रमाण पत्र बनवाने पड़ रहे है. उन्होंने कहा कि यदि केंद्र सरकार भी EWS आरक्षण में अचल संपत्ति के प्रावधान हटाने का निर्णय लेती है तो इससे नौजवानों को अलग-अलग प्रमाण पत्र बनाने की परेशानी से मुक्ति मिल जाएगी और उन्हें शिक्षा एवं रोजगार प्राप्त करने में आसानी होगी.

पढे़ं- सीएम गहलोत ने ईडब्ल्यूएस आरक्षण में दी बड़ी राहत, जमीन की बाध्यता हटाई, अब केवल वार्षिक आय ही पात्रता का आधार

गहलोत ने बताया कि EWS के प्रमाण पत्र बनाने के लिए संपत्ति का मूल्य निर्धारण करना एक जटिल प्रक्रिया है, जिससे इस वर्ग को आरक्षण का लाभ लेने में परेशानी होती है. उन्होंने कहा कि ऐसे में इसका सरलीकरण किया जाना बेहद जरूरी है. साथ ही उन्होंने यह भी आशा की है कि राजस्थान सरकार के इस नवाचार को अपनाने के लिए अन्य राज्य भी प्रेरित होंगे और युवा पीढ़ी को जटिलताओं से मुक्ति मिलेगी.

जयपुर. सीएम अशोक गहलोत ने युवाओं के हित में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) के आरक्षण में अचल संपत्ति संबंधी जटिल प्रावधानों को हटाने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से आग्रह किया है. उन्होंने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में कहा है कि राजस्थान सरकार ने प्रदेश की शिक्षण संस्थाओं और राजकीय सेवाओं में EWS आरक्षण में अचल संपत्ति के प्रावधान को हटा दिया है. केंद्र सरकार भी राज्य सरकार की तरह युवाओं को राहत देने के लिए यह कदम उठाए.

मुख्यमंत्री ने युवाओं के हित में प्रधानमंत्री को लिखा पत्र

मुख्यमंत्री ने पत्र में कहा कि राज्य सरकार ने पहल करते हुए प्रदेश में EWS आरक्षण में अचल संपत्ति के प्रावधान हटा दिए हैं. लेकिन केंद्र की सेवाओं और शिक्षण संस्थाओं के लिए यह प्रावधान पहले की तरह ही लागू हैं. इसके चलते प्रदेश के युवाओं को राज्य एवं केन्द्र के लिए अलग-अलग प्रमाण पत्र बनवाने पड़ रहे है. उन्होंने कहा कि यदि केंद्र सरकार भी EWS आरक्षण में अचल संपत्ति के प्रावधान हटाने का निर्णय लेती है तो इससे नौजवानों को अलग-अलग प्रमाण पत्र बनाने की परेशानी से मुक्ति मिल जाएगी और उन्हें शिक्षा एवं रोजगार प्राप्त करने में आसानी होगी.

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गहलोत ने बताया कि EWS के प्रमाण पत्र बनाने के लिए संपत्ति का मूल्य निर्धारण करना एक जटिल प्रक्रिया है, जिससे इस वर्ग को आरक्षण का लाभ लेने में परेशानी होती है. उन्होंने कहा कि ऐसे में इसका सरलीकरण किया जाना बेहद जरूरी है. साथ ही उन्होंने यह भी आशा की है कि राजस्थान सरकार के इस नवाचार को अपनाने के लिए अन्य राज्य भी प्रेरित होंगे और युवा पीढ़ी को जटिलताओं से मुक्ति मिलेगी.

Intro:मुख्यमंत्री ने युवाओं के हित में प्रधानमंत्री को लिखा पत्र
केन्द्र भी हटाए ईडब्ल्यूएस आरक्षण में अचल संपत्ति के प्रावधान
जयपुर
एंकर:- मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने युवाओं के हित में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के आरक्षण में अचल संपत्ति संबंधी जटिल प्रावधानों को हटाने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से आग्रह किया है। उन्होंने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में कहा है कि राजस्थान सरकार ने प्रदेश की शिक्षण संस्थाओं एवं राजकीय सेवाओं में ईडब्ल्यूएस आरक्षण में अचल संपत्ति के प्रावधान को हटा दिया है। केन्द्र सरकार भी राज्य सरकार की तरह युवाओं को राहत देने के लिए यह कदम उठाए। मुख्यमंत्री ने पत्र में कहा कि राज्य सरकार ने पहल करते हुए प्रदेश में तो ईडब्ल्यूएस आरक्षण में अचल संपत्ति के प्रावधान हटा दिए हैं लेकिन केन्द्र की सेवाओं और शिक्षण संस्थाओं के लिए यह प्रावधान पहले की तरह ही लागू हैं। इसके चलते प्रदेश के युवाओं को राज्य एवं केन्द्र के लिए अलग-अलग प्रमाण पत्र बनवाने पड़ रहे है। उन्होंने कहा कि यदि केन्द्र सरकार भी ईडब्ल्यूएस आरक्षण में अचल संपत्ति के प्रावधान हटाने का निर्णय लेती है तो इससे नौजवानों को अलग-अलग प्रमाण पत्र बनाने की परेशानी से मुक्ति मिल जाएगी और उन्हें शिक्षा एवं रोजगार प्राप्त करने में आसानी होगी।
गहलोत ने बताया कि ईडब्ल्यूएस के प्रमाण पत्र बनाने के लिए संपत्ति का मूल्य निर्धारण करना एक जटिल प्रक्रिया है जिससे इस वर्ग को आरक्षण का लाभ लेने में परेशानी होती है। ऎसे में इसका सरलीकरण किया जाना बेहद जरूरी है। उन्होंने यह भी आशा की है कि राजस्थान सरकार के इस नवाचार को अपनाने के लिए अन्य राज्य भी प्रेरित होंगे और युवा पीढ़ी को जटिलताओं से मुक्ति मिलेगी।Body:VoConclusion:Vi
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