जयपुर. राज्यसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के निर्दलीय विधायकों की खरीद फरोख्त का मामला सामने आया था. जिसके बाद राजस्थान एसओजी ने 10 जुलाई को इस मामले में एक FIR दर्ज की. इस FIR में कांग्रेस के दो विधायकों के भी नाम दिए गए हैं. जिन्हें 20 से 25 करोड़ रुपए के प्रलोभन देने की बात भी कही गई थी. इस मामले में SOG ने दो लोगों को भी गिरफ्तार कर लिया है. जिसके बाद मुख्यमंत्री गहलोत ने भाजपा पर कांग्रेस की सरकार अस्थिर करने का आरोप लगाया. जिसके बाद भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कांग्रेस और मुख्यमंत्री गहलोत पर पलटवार किया.
कांग्रेस की अंदरूनी लड़ाई है हम सिर्फ दर्शक
सतीश पूनिया ने कहा कि ये सब कांग्रेस पार्टी की अंदरूनी कलह है. जिसमें बीजेपी पर अपनी नाकामी छिपाने के लिए आरोप लगाए जा रहे हैं. पूनिया ने कहा कि राज्य सभा चुनावों के समय खुद मुख्यमंत्री कह रहे थे कि पार्टी एकजुट है तो फिर विधायकों की बाड़ेबंदी क्यों की गई. जिस विधायक का नाम लेकर मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि उन्हें पैसे ऑफर किए गए उन्होंने साफ मना कर दिया है कि उन्हें किसी प्रकार का कोई प्रलोभन नहीं दिया गया है.
एजेंसियों का दुरुपयोग
प्रदेशाध्यक्ष ने गहलोत पर एसओजी के दुरुपयोग का आरोप लगाया उन्होंने कहा कि विपक्ष के नेताओं को डराने के लिए गहलोत एसओजी का दुरुपयोग कर रहे हैं. राज्य में कानून व्यवस्था चौपट हो गई है. मेवात में दुष्कर्म के मामले सामने आ रहे हैं. लेकिन मुख्यमंत्री वहां एसओजी को ना लगाकर विपक्ष और निर्दलीय विधायकों को डराने का काम करा रहे हैं.
नेशनल लीडर बनने की चाहत
सतीश पूनिया ने कहा कि मुख्यमंत्री में राष्ट्रीय नेता बनने की चाहत है. तभी वो बिना किसी सबूतों के प्रधानमंत्री मोदी और होम मिनिस्टर अमित शाह पर आरोप लगाते हैं. उन्होंने राजनीति में सुचिता को खत्म कर दिया है.
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कांग्रेस ने की सबसे ज्यादा बार लोकतंत्र की हत्या
सतीश पूनिया ने कहा कि कांग्रेस ने सबसे ज्यादा बार लोकतंत्र की हत्या की है. शायद मुख्यमंत्री भूल गए हैं कि 1993 से 1998 तक भैरोंसिंह शेखावत की सरकार गिराने के लिए कांग्रेस ने क्या-क्या किया था. भजनलाल अटैची कांड को लेकर भी कांग्रेस पर आरोप लगाया. पूनिया ने कहा कि गहलोत इंदिरा गांधी के समय के नेता हैं, जिन्होंने आपातकाल लगाकर लोकतंत्र की हत्या की थी. कांग्रेस ने सबसे ज्यादा अनुच्छेद 356 की सबसे ज्यादा 93 बार धज्जियां उड़ाई.