जयपुर. अयोध्या मामले के संबंध में उच्चतम न्यायालय के फैसले के आने से पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार रात मुख्यमंत्री आवास पर प्रदेश की कानून व्यवस्था की समीक्षा की. सीएम ने गृह और पुलिस डिपार्टमेंट के अधिकारियों को प्रदेश में व्यापक चौकसी और सतर्कता बरतने के निर्देश दिए.
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा राजस्थान में विभिन्न समुदायों के बीच आपसी सामंजस्य और सौहार्द की एक लंबी और महान परंपरा रही है. लेकिन विघटनकारी ताकते इस संवेदनशील फैसले के अवसर पर राजनीतिक फायदा उठाने के लिए माहौल को बिगाड़ने का काम कर सकती हैं.
वहीं सीएम ने सोशल मीडिया पर मनगढ़ंत और भ्रामक खबरों पर लगाम लगाने के निर्देश दिए. साथ ही जिला कलेक्टर और जिला एसपी को संवेदनशील इलाकों पर कड़ी नजर रखने को कहा है. सीएम ने सभी जिलों में पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को आपसी समन्वय के साथ क्षेत्र के प्रतिष्ठित सामाजिक संगठनों, प्रतिष्ठित व्यक्तियों, समुदायों के महत्वपूर्ण लोगों, शांति समिति और सीएलजी के अधिकारियों के सहयोग से कानून व्यवस्था की स्थिति बनाए रखें.
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बता दें कि मुख्यमंत्री ने सभी वरिष्ठ अधिकारियों को संवेदनशील जिलों में भेज कर वस्तुस्थिति का पता लगाने के निर्देश दिए. इसके अलावा इंटेलिजेंस विभाग की टीमों को भी सक्रिय कर आसूचना तंत्र को और अधिक मजबूत किया जाए. वहीं मुख्यमंत्री प्रदेश में कानून व्यवस्था को लेकर कलेक्टर एसपी की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग भी करेंगे.
इस बैठक में एसीएस होम राजीव स्वरूप, डीजीपी भूपेंद्र कुमार, सीएम सेक्रेट्री कुलदीप रांका, एडीजी क्राइम बीएल सोनी, डीजी कानून व्यवस्था एम एल लाठर और एडीजी इंटेलिजेंस उमेश मिश्रा मौजूद रहे.