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गहलोत सरकार का बड़ा निर्णय, राजस्थान में हटाया गया नाइट कर्फ्यू - राजस्थान में रात्रिकालीन कर्फ्यू

कोरोना संक्रमण के कम होते खतरे को देखते हुए प्रदेश की गहलोत सरकार ने रात्रि कर्फ्यू को हटा दिया है. मुख्यमंत्री ने व्यापारिक संगठनों की मांग को देखते हुए सोमवार को मुख्यमंत्री ने कोविड-19 समीक्षा बैठक में ये निर्णय लिया है. साथ ही कहा है कि हेल्थ प्रोटोकॉल्स को अपनाना आवश्यक होगा, अन्यथा पुनः संक्रमित संख्या बढ़ सकती है.

night curfew lifted in Rajasthan, night curfew in Rajasthan
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने रात्रिकालीन कर्फ्यू हटाया
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Published : Jan 18, 2021, 4:46 PM IST

Updated : Jan 18, 2021, 5:41 PM IST

जयपुर. प्रदेश में गहलोत सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए रात्रि कर्फ्यू को हटा दिया है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोरोना संक्रमण की रफ्तार धीमी होने के साथ ही आमजन को राहत प्रदान करते हुए अब रात्रि कालीन कर्फ्यू व्यवस्था को खत्म कर दिया है.

प्रदेश में कोरोना संक्रमण और वैक्सीनेशन को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोर ग्रुप की समीक्षा बैठक बुलाई. इस बैठक में रात कर्फ्यू हटाने का निर्णय लिया गया है. दरअसल कुछ दिनों से व्यापारी संगठनों की ओर से भी प्रदेश के 13 शहरों में रात को 8:00 बजे से सुबह 6:00 बजे तक लगाए गए कर्फ्यू को हटाने की लगातार मांग की जा रही थी. इसके बाद सरकार के कुछ मंत्रियों को भी व्यापारी संगठनों ने इस मांग से अवगत कराते हुए कहा था कि जब कोरोना वायरस की स्थिति प्रदेश में कंट्रोल हो चुकी है. ऐसे में अब रात्रिकालीन कर्फ्यू लगाने का कोई औचित्य नहीं है.

मुख्यमंत्री ने व्यापारिक संगठनों की मांग को मद्देनजर देखते हुए सोमवार को मुख्यमंत्री निवास पर कोविड-19 समीक्षा बैठक में प्रदेश में रात्रिकालीन कर्फ्यू समाप्त करने एवं कुछ छूट चरणबद्ध रूप में देने का निर्णय लिया है. साथ ही कहा है कि हेल्थ प्रोटोकॉल्स को अपनाना आवश्यक होगा. अन्यथा पुनः संक्रमित संख्या बढ़ सकती है. यह नौबत नहीं आनी चाहिए कि पुनः सख्ती करनी पड़े.

पढ़ें- शिक्षा मंत्री के निरीक्षण में दो शिक्षक बिना मास्क मिले, दोनों एपीओ, प्रधानाचार्य को नोटिस

उल्लेखनीय है कि प्रदेश में जब कोरोना संक्रमण की रफ्तार बहुत ज्यादा बढ़ गई थी. उस दौरान प्रदेश के जिला मुख्यालय सहित 13 जिलों में रात 8:00 बजे से सुबह 6:00 बजे तक का नाइट कर्फ्यू लगाया गया था. दीपावली और शादियों के सीजन को देखते हुए सरकार ने कर्फ्यू लगाने का निर्णय लिया था. हालांकि इसके बाद प्रदेश में संक्रमण की रफ्तार धीरे-धीरे कम होने लगी. साथ ही जैसे-जैसे दिसंबर महीने की खत्म होने के बाद जनवरी में संक्रमण की संख्या 500 तक पहुंच गई, पिछले 2 दिन 8 और 15 जनवरी ऐसे रहे हैं कि प्रदेश में संक्रमण से एक भी मौत नहीं हुई है और संक्रमितों की संख्या भी 300 से नीचे आ गई है.

हालांकि,, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की घोषणा के बाद अब गृह विभाग इसको लेकर विस्तृत गाइडलाइन जारी कर रात्रि कर्फ्यू सशर्त हटाया गया है. अगर किसी भी क्षेत्र या जिले में कोरोना पॉजिटिव की संख्या ज्यादा आती है और वहां पर जिला कलेक्टर द्वारा यह महसूस किया जाता है कि क्षेत्र में रात्रि कर्फ्यू की आवश्यकता है, तो उन जिलों में कलेक्टर अपने स्तर पर रात्रि कर्फ्यू लगा सकता है.

कोरोना पीड़ितों को बड़ी राहत, कोविड टेस्ट की दरें हुई कम

इसके अलावा एक और बड़ा फैसला राजस्थान सरकार ने किया है. राजस्थान सरकार ने कोविड टेस्ट की दरें कम कर दी हैं. अब राजस्थान में कोविड-19 आरटी-पीसीआर टेस्ट की दरें 800 रुपये से घटाकर 500 रुपये होगी. साथ ही 100 बेड्स से अधिक क्षमता वाले प्राइवेट अस्पतालों में आरक्षित कोविड बेड की संख्या में छूट देते हुए इसे मिनिमम 10 करने का भी निर्णय लिया गया.

जयपुर. प्रदेश में गहलोत सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए रात्रि कर्फ्यू को हटा दिया है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोरोना संक्रमण की रफ्तार धीमी होने के साथ ही आमजन को राहत प्रदान करते हुए अब रात्रि कालीन कर्फ्यू व्यवस्था को खत्म कर दिया है.

प्रदेश में कोरोना संक्रमण और वैक्सीनेशन को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोर ग्रुप की समीक्षा बैठक बुलाई. इस बैठक में रात कर्फ्यू हटाने का निर्णय लिया गया है. दरअसल कुछ दिनों से व्यापारी संगठनों की ओर से भी प्रदेश के 13 शहरों में रात को 8:00 बजे से सुबह 6:00 बजे तक लगाए गए कर्फ्यू को हटाने की लगातार मांग की जा रही थी. इसके बाद सरकार के कुछ मंत्रियों को भी व्यापारी संगठनों ने इस मांग से अवगत कराते हुए कहा था कि जब कोरोना वायरस की स्थिति प्रदेश में कंट्रोल हो चुकी है. ऐसे में अब रात्रिकालीन कर्फ्यू लगाने का कोई औचित्य नहीं है.

मुख्यमंत्री ने व्यापारिक संगठनों की मांग को मद्देनजर देखते हुए सोमवार को मुख्यमंत्री निवास पर कोविड-19 समीक्षा बैठक में प्रदेश में रात्रिकालीन कर्फ्यू समाप्त करने एवं कुछ छूट चरणबद्ध रूप में देने का निर्णय लिया है. साथ ही कहा है कि हेल्थ प्रोटोकॉल्स को अपनाना आवश्यक होगा. अन्यथा पुनः संक्रमित संख्या बढ़ सकती है. यह नौबत नहीं आनी चाहिए कि पुनः सख्ती करनी पड़े.

पढ़ें- शिक्षा मंत्री के निरीक्षण में दो शिक्षक बिना मास्क मिले, दोनों एपीओ, प्रधानाचार्य को नोटिस

उल्लेखनीय है कि प्रदेश में जब कोरोना संक्रमण की रफ्तार बहुत ज्यादा बढ़ गई थी. उस दौरान प्रदेश के जिला मुख्यालय सहित 13 जिलों में रात 8:00 बजे से सुबह 6:00 बजे तक का नाइट कर्फ्यू लगाया गया था. दीपावली और शादियों के सीजन को देखते हुए सरकार ने कर्फ्यू लगाने का निर्णय लिया था. हालांकि इसके बाद प्रदेश में संक्रमण की रफ्तार धीरे-धीरे कम होने लगी. साथ ही जैसे-जैसे दिसंबर महीने की खत्म होने के बाद जनवरी में संक्रमण की संख्या 500 तक पहुंच गई, पिछले 2 दिन 8 और 15 जनवरी ऐसे रहे हैं कि प्रदेश में संक्रमण से एक भी मौत नहीं हुई है और संक्रमितों की संख्या भी 300 से नीचे आ गई है.

हालांकि,, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की घोषणा के बाद अब गृह विभाग इसको लेकर विस्तृत गाइडलाइन जारी कर रात्रि कर्फ्यू सशर्त हटाया गया है. अगर किसी भी क्षेत्र या जिले में कोरोना पॉजिटिव की संख्या ज्यादा आती है और वहां पर जिला कलेक्टर द्वारा यह महसूस किया जाता है कि क्षेत्र में रात्रि कर्फ्यू की आवश्यकता है, तो उन जिलों में कलेक्टर अपने स्तर पर रात्रि कर्फ्यू लगा सकता है.

कोरोना पीड़ितों को बड़ी राहत, कोविड टेस्ट की दरें हुई कम

इसके अलावा एक और बड़ा फैसला राजस्थान सरकार ने किया है. राजस्थान सरकार ने कोविड टेस्ट की दरें कम कर दी हैं. अब राजस्थान में कोविड-19 आरटी-पीसीआर टेस्ट की दरें 800 रुपये से घटाकर 500 रुपये होगी. साथ ही 100 बेड्स से अधिक क्षमता वाले प्राइवेट अस्पतालों में आरक्षित कोविड बेड की संख्या में छूट देते हुए इसे मिनिमम 10 करने का भी निर्णय लिया गया.

Last Updated : Jan 18, 2021, 5:41 PM IST
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