जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजस्थान इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी ( E Vehicle Policy) को मंजूरी दे दी है. साथ ही, ऐसे वाहनों की खरीद को (CM approves e vehicle policy ) प्रोत्साहन देने के लिए प्रस्तावित एकमुश्त अंशदान और SGST पुनर्भरण के लिए 40 करोड़ रूपए के अतिरिक्त बजट प्रावधान को स्वीकृति दी है. इस नीति के लागू होने से प्रदेश में डीजल-पेट्रोल के वाहनों से होने वाले प्रदूषण में कमी आएगी.
सरकार देगी अनुदान: प्रदेश में अब ई व्हीकल( E Vehicle) खरीदने पर सरकार दुपहिया वाहनों को 5 से 10 हजार प्रति वाहन एवं तिपहिया वाहनों को 10 से 20 हजार प्रति वाहन अनुदान दिया जाएगा. प्रदेश में ई-व्हीकल्स को मोटर व्हीकल टैक्स के दायरे से भी बाहर रखा गया है. नई नीति में ई-व्हीकल (E-Vehicle Policy) विक्रेताओं को सभी प्रकार का पुनर्भरण 7 दिनों में करने का प्रावधान किया गया है.
बजट में की थी घोषणा: बता दें कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM ASHOK Gehlot) वर्ष 2019-20 के बजट में इलेक्ट्रिक व्हीकल नीति ( Budget in E-Vehicle Policy Announcement ) लाने की घोषणा की गई थी. उन्होंने कहा था कि राज्य सरकार (Rajasthan Government) सभी प्रकार के ई-व्हीकल्स के संचालन को प्रोत्साहन देने के लिये प्रतिबद्ध है. घोषणा के अनुसार इन वाहनों के क्रेताओं को SGST का पुनर्भरण किए जाने के साथ ही, ऐसे वाहनों की खरीद को प्रोत्साहन देने के लिए एकमुश्त अनुदान के रूप में बैटरी क्षमता अनुसार दुपहिया वाहनों को 5 से 10 हजार रूपए प्रति वाहन और तिपहिया वाहनों को 10 से 20 हजार रूपए प्रति वाहन दिया जाएगा.
अजमेर में बाल रोग और नवजात विज्ञान संस्थान के लिए 22.76 करोड़ रूपए की मंजूरी: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने चिकित्सा महाविद्यालय अजमेर में बाल रोग और नवजात विज्ञान संस्थान की स्थापना हेतु 22.76 करोड़ रूपए के बजट की मंजूरी दी है. बजट घोषणा 2022-23 के बिंदु संख्या 14 की अनुपालना में बाल रोग और नवजात विज्ञान संस्थान के निर्माण में सिविल कार्य की मद में 13.13 करोड़ के साथ उपकरण खरीद के लिए 9.63 करोड़ रूपए के प्रस्ताव वित्त विभाग को भेजे गए थे. बता दें कि बजट भाषण 2022-23 में 250 करोड़ की लागत से जयपुर, जोधपुर, अजमेर एवं कोटा में नए मेडिकल संस्थान खोलने की घोषणा की गई थी.