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सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस यूयू ललित ने चाइल्ड पोर्नोग्राफी पर अंकुश के लिए दिया सुझाव- हर राज्य में बने विटनेस प्रोटेक्शन सेंटर

राजस्थान राज्य विधिक सेवा समिति और यूनिसेफ की ओर से 'रिस्पॉन्स ऑफ द चाइल्ड प्रोटेक्शन सिस्टम टू वायलेंस अगेंस्ट चिल्ड्रन' विषय पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया. कार्यशाला में राजस्थान हाइकोर्ट के चीफ जस्टिस इंद्रजीत महांती और सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस यूयू ललित ने चाइल्ड पोर्नोग्राफी (child pornography) पर अंकुश लगाने के लिए मजबूत प्रयास करने पर जोर दिया.

जयपुर न्यूज, jaipur news
राज्य विधिक सेवा समिति की कार्यशाला
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Published : Oct 9, 2021, 2:20 PM IST

Updated : Oct 9, 2021, 8:09 PM IST

जयपुर. चाइल्ड पोर्नोग्राफी पर अंकुश लगाने की कवायद के तहत राजस्थान हाइकोर्ट के चीफ जस्टिस इंद्रजीत महांती ने हर स्कूल में चिल्ड्रन लिटरेसी क्लब की स्थापना का सुझाव दिया है. जबकि सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस यूयू ललित ने विटनेस प्रोटेक्शन सेंटर हर राज्य में बनाने की बात कही है. राजस्थान राज्य विधिक सेवा समिति और यूनिसेफ की ओर से 'रिस्पॉन्स ऑफ द चाइल्ड प्रोटेक्शन सिस्टम टू वायलेंस अगेंस्ट चिल्ड्रन' विषय पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया. कार्यक्रम के मुख्य अथिति सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस यूयू ललित ने कहा कि बच्चों के साथ हिंसा पर अंकुश के लिए जरूरी है कि हमें बच्चों को उनके साथ गलत होने पर आवाज उठाने के लायक बनाना चाहिए.

पढ़ें- पुष्पक एक्सप्रेस में युवती के साथ गैंगरेप, दो गिरफ्तार

जस्टिस यूयू ललित ने कहा कि यह भी सुनिश्चित हो कि उनकी आवाज दबाई नहीं जा सके. ऐसी कोई घटना होने पर बच्चों के जल्द से जल्द बयान कोर्ट में दर्ज होने चाहिए. ऐसे मामलों के गवाहों के बयान भी जल्द दर्ज होने चाहिए. साथ ही उन्होंने पीड़ित बच्चों के मनोवैज्ञानिक उपचार की जरूरत पर भी जोर दिया. सुनवाई करने वाले जजों को भी ध्यान रखना चाहिए कि आर्थिक मुआवजे के साथ ही उनकी शिक्षा, स्वास्थ्य और मनोवैज्ञानिक उपचार पर भी ध्यान देना चाहिए.

राज्य विधिक सेवा समिति की कार्यशाला

सुनवाई के दौरान भी बच्चों के अनुरूप माहौल बनाने और विटनेस प्रोटेक्शन सेंटर हर राज्य में बनाने पर भी जोर दिया. बच्चों के साथ अपराधों के मामलों में आरोपी को जमानत या अंतरिम जमानत देने में एहतियात बरतने की भी उन्होंने सलाह दी है. साथ ही हेल्पलाइन नम्बरों के प्रचार-प्रसार, चाइल्ड पोर्नोग्राफी रोकने के लिए अत्याधुनिक तकनीक के प्रयोग पर जोर दिया.

लीगल लिटरेसी क्लब बनाने का सुझाव

राजस्थान हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस इंद्रजीत महांती ने हर स्कूल में लीगल लिटरेसी क्लब बनाने का सुझाव दिया. सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अजय रस्तोगी ने कहा कि बच्चों के खिलाफ हिंसा रोकने के लिए हालांकि काफी काम किया गया है. लेकिन अभी और काम किया जाना बाकी है. हम बच्चों को देश का भविष्य का भावी नागरिक बताते हैं. उन्हें हिंसा और अत्याचार से मुक्त जीवन मुहैया करवाया जाए.

पढ़ें- अलवर में किसानों का हल्ला बोल! यूरिया वितरण में मनमानी का आरोप

पोक्सो कोर्ट के जजों का तबादला पोक्सो कोर्ट में ही किया जाए: जस्टिस रस्तोगी

सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अजय रास्तोगी ने कहा कि पॉक्सो कोर्ट का जिम्मा संभालने वाले जजों की खास ट्रेनिंग होनी चाहिए. उनका एक जगह कम से कम पांच साल का कार्यकाल हो और तबादला भी दूसरी जगह पर पॉक्सो कोर्ट में ही किया जाना चाहिए. इस तरह की व्यवस्था कर हम बच्चों के खिलाफ होने वाले अपराधों की सुनवाई में तेजी ला पाएंगे. इस कार्यक्रम को जस्टिस संगीत लोढा और यूनिसेफ की चीफ फील्ड ऑफिसर इजाबेल बार्डम ने भी संबोधित किया.

12 करोड़ से बने एडीआर सेंटर का भी किया लोकार्पण

इससे पहले बनीपार्क में राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के एडीआर सेंटर का भी उद्घाटन किया गया. यहां 6 मंजिला भवन में एक ही छत के नीचे सभी सुविधाएं मिलेंगी. यहां 190 चेयर के साथ ऑडिटोरियम, राउंड टेबल मीटिंग हाल, मध्यस्थता कक्ष की भी सुविधा है. इस पर करीब 12 करोड़ रुपए का खर्चा आया है.

जयपुर. चाइल्ड पोर्नोग्राफी पर अंकुश लगाने की कवायद के तहत राजस्थान हाइकोर्ट के चीफ जस्टिस इंद्रजीत महांती ने हर स्कूल में चिल्ड्रन लिटरेसी क्लब की स्थापना का सुझाव दिया है. जबकि सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस यूयू ललित ने विटनेस प्रोटेक्शन सेंटर हर राज्य में बनाने की बात कही है. राजस्थान राज्य विधिक सेवा समिति और यूनिसेफ की ओर से 'रिस्पॉन्स ऑफ द चाइल्ड प्रोटेक्शन सिस्टम टू वायलेंस अगेंस्ट चिल्ड्रन' विषय पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया. कार्यक्रम के मुख्य अथिति सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस यूयू ललित ने कहा कि बच्चों के साथ हिंसा पर अंकुश के लिए जरूरी है कि हमें बच्चों को उनके साथ गलत होने पर आवाज उठाने के लायक बनाना चाहिए.

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जस्टिस यूयू ललित ने कहा कि यह भी सुनिश्चित हो कि उनकी आवाज दबाई नहीं जा सके. ऐसी कोई घटना होने पर बच्चों के जल्द से जल्द बयान कोर्ट में दर्ज होने चाहिए. ऐसे मामलों के गवाहों के बयान भी जल्द दर्ज होने चाहिए. साथ ही उन्होंने पीड़ित बच्चों के मनोवैज्ञानिक उपचार की जरूरत पर भी जोर दिया. सुनवाई करने वाले जजों को भी ध्यान रखना चाहिए कि आर्थिक मुआवजे के साथ ही उनकी शिक्षा, स्वास्थ्य और मनोवैज्ञानिक उपचार पर भी ध्यान देना चाहिए.

राज्य विधिक सेवा समिति की कार्यशाला

सुनवाई के दौरान भी बच्चों के अनुरूप माहौल बनाने और विटनेस प्रोटेक्शन सेंटर हर राज्य में बनाने पर भी जोर दिया. बच्चों के साथ अपराधों के मामलों में आरोपी को जमानत या अंतरिम जमानत देने में एहतियात बरतने की भी उन्होंने सलाह दी है. साथ ही हेल्पलाइन नम्बरों के प्रचार-प्रसार, चाइल्ड पोर्नोग्राफी रोकने के लिए अत्याधुनिक तकनीक के प्रयोग पर जोर दिया.

लीगल लिटरेसी क्लब बनाने का सुझाव

राजस्थान हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस इंद्रजीत महांती ने हर स्कूल में लीगल लिटरेसी क्लब बनाने का सुझाव दिया. सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अजय रस्तोगी ने कहा कि बच्चों के खिलाफ हिंसा रोकने के लिए हालांकि काफी काम किया गया है. लेकिन अभी और काम किया जाना बाकी है. हम बच्चों को देश का भविष्य का भावी नागरिक बताते हैं. उन्हें हिंसा और अत्याचार से मुक्त जीवन मुहैया करवाया जाए.

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पोक्सो कोर्ट के जजों का तबादला पोक्सो कोर्ट में ही किया जाए: जस्टिस रस्तोगी

सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अजय रास्तोगी ने कहा कि पॉक्सो कोर्ट का जिम्मा संभालने वाले जजों की खास ट्रेनिंग होनी चाहिए. उनका एक जगह कम से कम पांच साल का कार्यकाल हो और तबादला भी दूसरी जगह पर पॉक्सो कोर्ट में ही किया जाना चाहिए. इस तरह की व्यवस्था कर हम बच्चों के खिलाफ होने वाले अपराधों की सुनवाई में तेजी ला पाएंगे. इस कार्यक्रम को जस्टिस संगीत लोढा और यूनिसेफ की चीफ फील्ड ऑफिसर इजाबेल बार्डम ने भी संबोधित किया.

12 करोड़ से बने एडीआर सेंटर का भी किया लोकार्पण

इससे पहले बनीपार्क में राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के एडीआर सेंटर का भी उद्घाटन किया गया. यहां 6 मंजिला भवन में एक ही छत के नीचे सभी सुविधाएं मिलेंगी. यहां 190 चेयर के साथ ऑडिटोरियम, राउंड टेबल मीटिंग हाल, मध्यस्थता कक्ष की भी सुविधा है. इस पर करीब 12 करोड़ रुपए का खर्चा आया है.

Last Updated : Oct 9, 2021, 8:09 PM IST
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