अजमेर. नगर निगम अजमेर के उपमहापौर सम्पत सांखला पर एकल खिड़की के जरिए अवैध रूप से जमीन का नक्शा पास करवा कर करोड़ों रुपए की राजस्व हानि करने का आरोप लगाया है. इसकी जांच भी एसीबी ने शुरू कर दी है. वहीं इस पूरे मामले में सांखला ने खुलकर अपना पक्ष रखा और कहा कि उन्हें जांच एजेंसी पर पूरा भरोसा है. चुनाव के समय में राजनीतिक षड्यंत्र के तहत यह झूठे आरोप जड़े गए हैं.
एसीबी के उपाधीक्षक पारस पवार ने बताया कि नगर निगम की एकल खिड़की योजना के जरिए 638 वर्ग गज प्लॉट को तीन हिस्सों में विभाजित करके अवैध रूप से नक्शे पास करवाना सामने आया है. इस भूखंड को सोहन लाल ने निवर्तमान उपमहापौर संपत सांखला को बेचा था और तीन मह बाद इस भूखंड का आधा हिस्सा सांखला ने राजू लालवानी को बेचा था. इस पूरे मामले की जांच चल रही है.
पंवार ने यह भी कहा कि निगम की एकल खिड़की योजना पूरी तरह से अवैध रूप से संचालित थी इस भूखंड का नक्शा पास करने में भी निगम के अधिकारियों की संलिप्तता रही है उसकी भी जांच की जाएगी और दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी.
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इस बारे में जब संपत सांखला से बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि साल 2018 में उन्होंने इस जमीन का एग्रीमेंट किया था, लेकिन इसके कुछ समय बाद ही जब उन्हें जानकारी हुई कि यह जमीन सही नहीं है तो उन्होंने इसे निरस्त करवा दिया था. साल 2018 के मामले को अब निगम चुनाव के समय में उठाकर उनके खिलाफ राजनीतिक षड्यंत्र रचा जा रहा है.
संपत सांखला ने कहा कि जांच एजेंसी को वह पूर्ण रुप से सहयोग कर रहे हैं और उन्हें विश्वास है कि दूध का दूध और पानी का पानी होगा. सांखला ने यह भी कहा कि यह आरोप लगने के बाद भी पार्टी ने उन्हें निगम चुनाव का उप संयोजक बनाया है. वह पूरी तरह से जांच के लिए तैयार है.