जयपुर. एसीबी मामलों की विशेष अदालत ने पीड़िता से रिश्वत में अस्मत मांगने के आरोपी बर्खास्त आरपीएस कैलाश बोहरा के खिलाफ दुष्कर्म का प्रयास, छेडछाड़ और भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की धारा 7 के तहत आरोप तय किए हैं. आरोपी बोहरा की ओर से अपने आप को बेकसूर बताते हुए मामले की ट्रायल चाही. इस पर अदालत ने अभियोजन पक्ष को कहा है कि वह बीस अगस्त को पीड़िता के बयान दर्ज कराए.
गौरतलब है कि पीड़िता ने गत मार्च माह में एसीबी में शिकायत दी थी कि उसने जवाहर सर्किल थाने में एक युवक और अन्य के खिलाफ दुष्कर्म व धोखाधड़ी के तीन मामले दर्ज कराए थे. इसकी जांच महिला अत्याचार अनुसंधान यूनिट के एसीपी कैलाश बोहरा के पास थी. मुकदमे में कार्रवाई की एवज में बोहरा ने पहले उससे पचास हजार रुपए लिए और बाद में उससे बदले में उसकी अस्मत मांगी.
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वहीं 14 मार्च को बोहरा ने पीड़िता को अपने ऑफिस बुलाकर कमरा बंद कर लिया. इस पर एसीबी ने आकर बोहरा को आपत्तिजनक स्थिति में गिरफ्तार कर लिया. गिरफ्तारी के बाद आरोपी की ओर से पहले एसीबी कोर्ट और बाद में हाईकोर्ट में जमानत याचिका पेश की गई. हाईकोर्ट ने गत 7 जून को आरोपी की जमानत याचिका को खारिज करते हुए छूट दी थी कि वह ट्रायल कोर्ट में पीड़िता के बयान दर्ज होने के बाद पुनः जमानत याचिका पेश कर सकता है.