जयपुर. चैत्र नवरात्रि का आज दूसरा दिन है. आज देवी के ब्रह्मचारिणी स्वरूप की पूजा-उपासना (Chiatra Navratri 2022 ) होती है. ज्योतिषीय दृष्टि से देवी ब्रह्मचारिणी को मंगल ग्रह की देवी माना जाता है. इसलिए देवी ब्रह्मचारिणी की उपासना से मंगल ग्रह संबंधित समस्याएं मिटती हैं और रोग-शोक दूर होते हैं. ज्योतिर्विद श्रीराम गुर्जर बताते हैं कि जो जातक कुंडली में मंगल ग्रह पीड़ित हो उसे खास तौर पर देवी ब्रह्मचारिणी की पूजा-उपासना करनी चाहिए. मंगल ग्रह पीड़ित होने पर जातक रोग और मृत्युतुल्य कष्ट से घिरा रहता है.
इस विधि से करें देवी ब्रह्मचारिणी की उपासना: नवरात्रि के दूसरे दिन सुबह जल्दी उठकर नित्यकर्मों (Day 2 Maa Brahmacharini is worshiped) से निवृत्त होने के बाद देवी भगवती के ब्रह्मचारिणी स्वरूप का ध्यान करे. देवी को सिंदूर (navratri 2022 Puja) और सुगन्धित पुष्प अर्पित करें. धूप और दीपक कर देवी को पंचामृत का भोग लगाएं और देवी ब्रह्मचारिणी के मंत्र का ज्यादा से ज्यादा जाप करें.
यह है मंत्र
या देवी सर्व भूतेषु, ब्रह्मचारिणी संस्थिते
नमस्तस्ये नमस्तस्ये नमस्तस्ये नमो नमः
देवी ब्रह्मचारिणी का स्वरुप: मां ब्रह्मचारिणी श्वेत वस्त्र पहने हैं. इनके दाएं हाथ में अष्टदल की माला और बाएं हाथ में कमण्डल सुशोभित है. तप, त्याग और शक्ति की देवी हैं मां ब्रह्माचरिणी.