जयपुर. प्रदेश में एमबीसी आरक्षण को लेकर आंदोलन की सुगबुगाहट शुरू हो गई है. 17 अक्टूबर को पीलूपुरा में गुर्जर महापंचायत बुलाई गई है, लेकिन एमबीसी आरक्षण से जुड़े इस पूरे प्रकरण को केंद्रीय मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता अर्जुन राम मेघवाल प्रदेश कांग्रेस और गहलोत सरकार में दो खेमों की लड़ाई का नतीजा बताते हैं.
जयपुर में पत्रकारों से बातचीत के दौरान अर्जुन राम मेघवाल से MBC आरक्षण का समाज को लाभ नहीं मिलने पर आंदोलनरत गुर्जर समाज के बारे में सवाल पूछा गया. जिस पर उन्होंने इसका ठीकरा भी प्रदेश कांग्रेस और सरकार में चल रही गुटबाजी पर फोड़ दिया. मेघवाल ने कहा कि ये प्रदेश में बने सत्ता के दो केंद्रों का नतीजा है. उनके अनुसार एक केंद्र का तो यही विषय है, जबकि दूसरा केंद्र अभी ये बता रहा है कि हमने इतनी घोषणाएं पूरी कर दी, इतने वादे पूरे कर दिए, जबकि अभी ना तो कोई चुनाव है और ना किसी ने सरकार से पूछा कि कितनी घोषणा पूरी हुई. वहीं, दूसरे केंद्र से जुड़े नेता कहते हैं कि जिन वादों को करके हम सत्ता में आए, वो अधूरे हैं. मेघवाल के अनुसार यह जो कुछ चल रहा है, ये भी उसी का नतीजा है.
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बता दें कि गुर्जर सहित पांच जातियों को राजस्थान में 5 फीसदी आरक्षण दिया जाना था, लेकिन समाज का ये आरोप है कि इसका पूरा लाभ समाज से जुड़े युवाओं को नहीं मिल रहा. बैकलॉग की भर्ती को भी निकाले जाने की मांग की जा रही है.
साथ ही पिछले दिनों हुए आंदोलन में शामिल लोगों से कैसे हटाए जाने और उन्हें स्थाई नियुक्तियां दी जाने सहित कई मांगे भी हैं, लेकिन जिस तरह केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल का जवाब आया, वो समाज से जुड़े इस आंदोलन को भी सियासी रंग देने में जुटे हैं. एमबीसी में शामिल जातियों की मांग एमबीसी आरक्षण को संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल करवाना भी है, जो सीधे तौर पर केंद्र सरकार का विषय है.