जयपुर. राजस्थान के अस्पतालों में मेडिकल ऑक्सीजन और रेमडेसिविर इंजेक्शन की कमी के मामले में केन्द्र सरकार की ओर से राजस्थान हाईकोर्ट में अपना विस्तृत जवाब पेश किया है. इस पर अदालत ने मामले की सुनवाई जुलाई के पहले हफ्ते में रखी है. मुख्य न्यायाधीश इन्द्रजीत महांति और न्यायाधीश सतीश शर्मा ने यह आदेश हाईकोर्ट बार एसोसिएशन व अन्य जनहित याचिका पर दिए.
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केन्द्र सरकार की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल आरडी रस्तोगी ने कहा कि रेमडेसिविर और ऑक्सीजन को लेकर राजस्थान सरकार ने भ्रम की स्थिति पैदा कर रखी है. केन्द्र सरकार रेमडेसिवीर इंजेक्शन और मेडिकल ऑक्सीजन का आवंटन करती है. उसे प्लांट से लाने की जिम्मेदारी संबंधित राज्य सरकार की ही होती है. एएसजी ने कहा कि फिलहाल राजस्थान में करीब 87 हजार कोरोना के एक्टिव केस हैं. वहीं जामनगर और भिवाडी सहित अन्य प्लांट से 503 मीट्रिक टन ऑक्सीजन का आवंटन किया गया है. जबकि राजस्थान में करीब सवा दौ सौ मीट्रिक टन ऑक्सीजन की ही जरूरत है. तय संख्या में रेमडेसिविर इंजेक्शन का आवंटन किया गया है.
बार एसोसिएशन की ओर से कहा गया कि राजस्थान सरकार ने अब तक बार कौंसिल के अधिवक्ता भवनों को कोविड केयर सेंटर में नहीं बदला है. इस पर महाधिवक्ता ने कहा कि अधिवक्ता भवनों को कोविड केयर सेंटर में बदलने की कार्रवाई चल रही है. हालांकि अब अस्पताल में बेड खाली चल रहे हैं. इस पर अदालत ने कहा कि राजस्थान सरकार अधिवक्ता भवनों को जल्दी कोविड केयर सेंटर में बदले.