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Rajasthan High Court: केन्द्र सरकार ने कहा, सरकारी दस्तावेजों में 'मां' का नाम लिखने की मनाही नहीं

सरकारी दस्तावेजों में मां के नाम का कॉलम नहीं होने के मामले में केंद्र सरकार ने शुक्रवार को (Central government presented affidavit) राजस्थान हाईकोर्ट में शपथ पत्र पेश किया है. केंद्र सरकार ने शपथ पत्र में कहा कि पैन कार्ड, आधार कार्ड व पासपोर्ट सहित अन्य सरकारी दस्तावेजों में मां का नाम लिखने की अनुमति है.

Central government presented affidavit,  Rajasthan High Court
राजस्थान हाईकोर्ट.
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Published : Apr 1, 2022, 9:45 PM IST

Updated : Apr 2, 2022, 12:15 AM IST

जयपुर. पैन कार्ड व मार्कशीट सहित अन्य सरकारी दस्तावेजों में 'मां' के नाम का कॉलम नहीं होने से जुडे़ मामले में केंद्र सरकार ने शुक्रवार (Central government presented affidavit) को हाईकोर्ट में शपथ पत्र पेश किया है. शपथ पत्र में कहा है कि इन दस्तावेजों में आवेदक की मां का नाम लिखने की मनाही नहीं है. केन्द्र सरकार के एएसजी आरडी रस्तोगी ने कहा कि पैन कार्ड, आधार कार्ड व पासपोर्ट सहित अन्य सरकारी दस्तावेजों में मां का नाम लिखने की अनुमति है. वहीं जहां एकल मां का मामला है, वहां अभ्यर्थी चाहे तो मां का नाम पिता के नाम की जगह लिख सकता है.

अदालत ने मामले में केन्द्र व राज्य सरकार का पक्ष जानने के बाद मामले की सुनवाई तीन सप्ताह टाल दी.एक्टिंग सीजे एमएम श्रीवास्तव व जस्टिस समीर जैन की खंडपीठ ने यह आदेश मामले में लिए स्वप्रेरित प्रसंज्ञान पर सुनवाई करते हुए दिए. बता दें कि अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के दिन हाईकोर्ट की एकलपीठ ने पैन कार्ड में मां का नाम नहीं होने से जुड़ी खबर पर स्वप्रेरित प्रसंज्ञान लिया था. अदालत ने कहा कहा था कि इंटरनेशनल विमेंस डे मनाया जा रहा है और इस साल की थीम स्थाई कल के लिए आज लैंगिक समानता रखी गई है.

पढ़ेंः Rajasthan High Court: शिक्षा निदेशक शपथ पत्र पेश कर बताएं क्यों नहीं की आदेश की पालना?

लेकिन फिर भी सरकारी विभाग, स्कूल और नगर निगम इत्यादि महिला को अभिभावक के रूप में मानने में काफी सुस्त हैं. हालात यह है कि जहां आवेदन पत्रों में अभिभावक का नाम लिखना होता है, वहां माता के नाम का कॉलम ही नहीं है. बाद में यह मामला सिंगल बेंच ने सुनवाई के लिए डिवीजन बेंच में भेज दिया था.

जयपुर. पैन कार्ड व मार्कशीट सहित अन्य सरकारी दस्तावेजों में 'मां' के नाम का कॉलम नहीं होने से जुडे़ मामले में केंद्र सरकार ने शुक्रवार (Central government presented affidavit) को हाईकोर्ट में शपथ पत्र पेश किया है. शपथ पत्र में कहा है कि इन दस्तावेजों में आवेदक की मां का नाम लिखने की मनाही नहीं है. केन्द्र सरकार के एएसजी आरडी रस्तोगी ने कहा कि पैन कार्ड, आधार कार्ड व पासपोर्ट सहित अन्य सरकारी दस्तावेजों में मां का नाम लिखने की अनुमति है. वहीं जहां एकल मां का मामला है, वहां अभ्यर्थी चाहे तो मां का नाम पिता के नाम की जगह लिख सकता है.

अदालत ने मामले में केन्द्र व राज्य सरकार का पक्ष जानने के बाद मामले की सुनवाई तीन सप्ताह टाल दी.एक्टिंग सीजे एमएम श्रीवास्तव व जस्टिस समीर जैन की खंडपीठ ने यह आदेश मामले में लिए स्वप्रेरित प्रसंज्ञान पर सुनवाई करते हुए दिए. बता दें कि अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के दिन हाईकोर्ट की एकलपीठ ने पैन कार्ड में मां का नाम नहीं होने से जुड़ी खबर पर स्वप्रेरित प्रसंज्ञान लिया था. अदालत ने कहा कहा था कि इंटरनेशनल विमेंस डे मनाया जा रहा है और इस साल की थीम स्थाई कल के लिए आज लैंगिक समानता रखी गई है.

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लेकिन फिर भी सरकारी विभाग, स्कूल और नगर निगम इत्यादि महिला को अभिभावक के रूप में मानने में काफी सुस्त हैं. हालात यह है कि जहां आवेदन पत्रों में अभिभावक का नाम लिखना होता है, वहां माता के नाम का कॉलम ही नहीं है. बाद में यह मामला सिंगल बेंच ने सुनवाई के लिए डिवीजन बेंच में भेज दिया था.

Last Updated : Apr 2, 2022, 12:15 AM IST
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