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स्वच्छता के पैमाने पर 7 दिन से जयपुर को परख रही केंद्र की टीम - Municipal cleanliness survey

स्वच्छता की हकीकत जानने के लिए बीते 7 दिन से केंद्र की टीम जयपुर के चप्पे-चप्पे पर सर्वे करने पहुंच रही है. केंद्रीय स्वच्छता सर्वेक्षण दल अब तक शहर में ओडीएफ, उद्यान, शौचालय और रोड साइड कचरा डिपो को लेकर सर्वे कर चुका है.

नगर निगम स्वच्छता सर्वेक्षण, Jaipur News
स्वच्छता के पैमाने पर 7 दिन से जयपुर को परख रही केंद्र की टीम
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Published : Jan 27, 2020, 10:30 PM IST

जयपुर. स्वच्छता की हकीकत जानने के लिए बीते 7 दिन से केंद्र की टीम जयपुर के चप्पे-चप्पे पर सर्वे करने पहुंच रही है. स्वच्छता सर्वे टीम निगम मुख्यालय में कागज पत्र की जांच के साथ-साथ मौका मुआयना कर हाथों हाथ केंद्र सरकार को फीडबैक दे रही है.

स्वच्छता के पैमाने पर 7 दिन से जयपुर को परख रही केंद्र की टीम

केंद्रीय स्वच्छता सर्वेक्षण की टीम दबे पांव शहर में पहुंची थी और 7 दिन से जयपुर के चप्पे-चप्पे का जायजा ले रही है. इसमें निगम के अधिकारियों से कोई सलाह मशवरा नहीं किया जा रहा. टीम खुद स्पॉट तय कर निरीक्षण कर रही है और हाथों-हाथ मोबाइल पर रिपोर्ट भी तैयार कर जा रही है.

पढ़ें- भूमि अधिग्रहण को लेकर किसानों की 13 मांगों पर सरकार सहमत, जमीन समाधि सत्याग्रह समाप्ति की घोषणा

सूत्रों के अनुसार केंद्रीय स्वच्छता सर्वेक्षण दल अब तक शहर में ओडीएफ, उद्यान, शौचालय और रोड साइड कचरा डिपो को लेकर सर्वे कर चुका है और इस काम के लिए एक-दो नहीं बल्कि कई टीम जुटी हुई है. केंद्रीय टीम के इस दौरे को लेकर निगम एडिशनल कमिश्नर अरुण गर्ग ने कहा कि जयपुर नगर निगम और जयपुर के शहरवासी लास्ट ईयर की अपनी रैंक इंप्रूव करने की कोशिश में जुटे हैं.

उन्होंने बताया कि सर्वे टीम गोपनीय तरीके से सर्वे करती है. गर्ग ने बताया कि अब तक डायरेक्ट ऑब्जरवेशन टीम, स्टार रेटिंग टीम और ओडीएफ टीम शहर में सर्वे करने पहुंची है, जो स्वतंत्र होकर जांच करती है और अपना फीडबैक केंद्र सरकार को देती है. उन्होंने बताया कि इसी के आधार पर फाइनल रैंकिंग होगी.

जयपुर. स्वच्छता की हकीकत जानने के लिए बीते 7 दिन से केंद्र की टीम जयपुर के चप्पे-चप्पे पर सर्वे करने पहुंच रही है. स्वच्छता सर्वे टीम निगम मुख्यालय में कागज पत्र की जांच के साथ-साथ मौका मुआयना कर हाथों हाथ केंद्र सरकार को फीडबैक दे रही है.

स्वच्छता के पैमाने पर 7 दिन से जयपुर को परख रही केंद्र की टीम

केंद्रीय स्वच्छता सर्वेक्षण की टीम दबे पांव शहर में पहुंची थी और 7 दिन से जयपुर के चप्पे-चप्पे का जायजा ले रही है. इसमें निगम के अधिकारियों से कोई सलाह मशवरा नहीं किया जा रहा. टीम खुद स्पॉट तय कर निरीक्षण कर रही है और हाथों-हाथ मोबाइल पर रिपोर्ट भी तैयार कर जा रही है.

पढ़ें- भूमि अधिग्रहण को लेकर किसानों की 13 मांगों पर सरकार सहमत, जमीन समाधि सत्याग्रह समाप्ति की घोषणा

सूत्रों के अनुसार केंद्रीय स्वच्छता सर्वेक्षण दल अब तक शहर में ओडीएफ, उद्यान, शौचालय और रोड साइड कचरा डिपो को लेकर सर्वे कर चुका है और इस काम के लिए एक-दो नहीं बल्कि कई टीम जुटी हुई है. केंद्रीय टीम के इस दौरे को लेकर निगम एडिशनल कमिश्नर अरुण गर्ग ने कहा कि जयपुर नगर निगम और जयपुर के शहरवासी लास्ट ईयर की अपनी रैंक इंप्रूव करने की कोशिश में जुटे हैं.

उन्होंने बताया कि सर्वे टीम गोपनीय तरीके से सर्वे करती है. गर्ग ने बताया कि अब तक डायरेक्ट ऑब्जरवेशन टीम, स्टार रेटिंग टीम और ओडीएफ टीम शहर में सर्वे करने पहुंची है, जो स्वतंत्र होकर जांच करती है और अपना फीडबैक केंद्र सरकार को देती है. उन्होंने बताया कि इसी के आधार पर फाइनल रैंकिंग होगी.

Intro:जयपुर - स्वच्छता की हकीकत जानने के लिए बीते 7 दिन से केंद्र की टीम जयपुर के चप्पे-चप्पे पर सर्वे करने पहुंच रहे हैं। स्वच्छता सर्वे टीम निगम मुख्यालय में कागज पत्र की जांच के साथ-साथ मौका मुआयना कर हाथों हाथ फीडबैक दे रही है।


Body:स्वच्छता सर्वेक्षण को लेकर केंद्र की टीम आगे आगे तो जयपुर नगर निगम प्रशासन उसके पीछे पीछे दौड़ लगा रहा है। केंद्रीय स्वच्छता सर्वेक्षण की टीम दबे पांव शहर में पहुंची थी और 7 दिन से जयपुर के चप्पे-चप्पे का जायजा ले रही है। इसमें निगम के अधिकारियों से कोई सलाह मशवरा नहीं किया जा रहा। टीम खुद स्पॉट तय कर निरीक्षण कर रही है। और हाथों-हाथ मोबाइल पर रिपोर्ट भी तैयार की जा रही है। सूत्रों के अनुसार केंद्रीय स्वच्छता सर्वेक्षण दल अब तक शहर में ओडीएफ, उद्यान, शौचालय और रोड साइड कचरा डिपो को लेकर सर्वे कर चुका है। और इस काम के लिए एक-दो नहीं बल्कि कई टीम जुटी हुई है। वहीं केंद्रीय टीम के इस दौरे को लेकर निगम एडिशनल कमिश्नर अरुण गर्ग ने कहा कि जयपुर नगर निगम और जयपुर के शहरवासी लास्ट ईयर की अपनी रैंक इंप्रूव करने की कोशिश में जुटे हैं। जहां तक सर्वे टीम की बात है, वो गोपनीय तरीके से सर्वे करती है। उन्होंने बताया कि अब तक डायरेक्ट ऑब्जरवेशन टीम, स्टार रेटिंग टीम और ओडीएफ टीम शहर में सर्वे करने पहुँची है। जो स्वतंत्र होकर जांच करती है। और अपना फीडबैक केंद्र सरकार को देती है। इसी के आधार पर फाइनल रैंकिंग होगी।
बाईट - अरुण गर्ग, एडिशनल कमिश्नर, नगर निगम


Conclusion:इससे पहले जब ओडीएफ को लेकर केंद्र की टीम जयपुर में थी, तो निगम प्रशासन को भनक तक नहीं लग पाई थी। लेकिन इस बार निगम की टीम खुद भी केंद्र की टीम का पीछा कर रही है। हालांकि डायरेक्ट ऑब्जर्वेशन में जो दिखेगा, उसी अनुसार अंक मिलेंगे। ऐसे में निगम के साथ-साथ जयपुर वासियों को भी शहर की बेहतर रैंक के लिए सचेत रहना होगा।
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