जयपुर. केंद्र सरकार जहां एनसीआर के दायरे को घटाने की बात कर रही है. वहीं राज्य सरकार ने एनसीआर के दायरे में जयपुर के कई हिस्से को शामिल करने का प्रस्ताव तैयार कर लिया है. यह प्रस्ताव अब अंतिम निर्णय के लिए यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल के पास जाएगा. धारीवाल इस पर अपनी मंजूरी देंगे इसके बाद ही प्रस्ताव केंद्र सरकार के पास भेजा जाएगा.
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जयपुर शहर अभी एनसीआर के काउंटर मैग्नेट एरिया में शामिल है. इसके चलते विकास के लिए जयपुर को एनसीआर प्लानिंग बोर्ड से ऋण मिल सकता है. जबकि अलवर और भरतपुर एनसीआर में शामिल है.मुख्य सचिव डीबी गुप्ता की अध्यक्षता में बुधवार को हुई नगरीय विकास के अफसरों की बैठक में बताया गया कि एनसीआर क्षेत्र में शामिल रैपिड रेल ट्रांजिट सिस्टम के तहत हाई स्पीड ट्रेन दिल्ली से अलवर के पास सोथनाल तक नाला तक चलेगी.
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प्रदेश की राजधानी जयपुर को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के बीच सफर की दूरी कम करने के लिए जरूरी है कि जयपुर का एक बड़ा हिस्सा एनसीआर में शामिल किया जाए. दरअसल एनसीआर के पुनर्गठन प्रस्तावित है ऐसे में केंद्र सरकार ने हाल ही में राज्य सरकार को चिट्ठी लिखकर एनसीआर में शामिल भरतपुर के क्षेत्र को हटाने की बात करी थी. लेकिन राज्य सरकार द्वारा दिए गए जवाब में साफ कहा गया है कि एनसीआर का कोई भी हिस्सा नहीं हटाया जाए. दरअसल एनसीआर सब रीजनल प्लान की अवधि 2021 में पूरी होगी. केंद्र ने नए सब रीजनल प्लान के बोर्ड ने उत्तर प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान से सुझाव मांगे हैं.
केंद्र एनसीआर का आकार तर्कसंगत बनाने के लिए इसमें शामिल कुछ इलाकों को बाहर अथवा कुछ महत्वपूर्ण इलाकों को जोड़ना चाहती है. केंद्र ने भरतपुर जिले के कुछ तहसील क्षेत्रों को एनसीआर के दायरे में नहीं आना बता रखा है. इन्हें बाहर करने को राज्य सरकार को पत्र लिखा है. केंद्र सरकार द्वारा एनसीआर के पुनर्गठन प्रस्तावित को मध्य नजर राज्य सरकार ने भरतपुर के जिम क्षेत्र को एनसीआर से हटाने की बात करी जा रही है. उस पर राज्य सरकार ने अपना रुख साफ करते हुए सहमति देने से इनकार कर दिया. लेकिन, जयपुर के बड़े हिस्से को एनसीआर में शामिल करने की लेकर एक प्रस्ताव तैयार कर लिया है जो जल्द ही केंद्र को भेजा जाएगा.