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Exclusive: जनगणना में बाधक बने तो होगी जेल, नहीं पूछे जाएंगे CAA से जुड़े सवाल

जनगणना का दौर शुरू होना है. जिसकी केंद्र सरकार की ओर से अधिसूचना जारी की जा चुकी है. हालांकि मुख्य जनगणना 9 फरवरी 2021 से शुरू होगी, लेकिन इससे पहले आम जनता के जहन में इस जनगणना को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं. जिनका जवाब लेने के लिए ईटीवी भारत ने उप नगर जनगणना अधिकारी प्रदीप पारीक से खास बातचीत की.

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Published : Jan 22, 2020, 8:51 PM IST

Census related questions, census 2021
उप नगर जनगणना अधिकारी प्रदीप पारीक से खास बातचीत

जयपुर. साल 2011 के बाद एक बार फिर जनगणना का दौर शुरू होना है. जिसे लेकर केंद्र सरकार की ओर से अधिसूचना जारी की जा चुकी है. मुख्य जनगणना से पहले मकान सूचीकरण का काम होगा. इसके लिए 31 सवाल तैयार किए गए हैं, हालांकि जनगणना में कहीं भी नागरिकता संशोधन कानून से जुड़े सवाल नहीं पूछे जाएंगे. वहीं पूछे जाने वाले सामान्य सवालों का जवाब देने से बचने वालों और जनगणना में बाधक बनने वालों की भी इस बार खैर नहीं. ऐसे लोगों पर एक हजार रुपए का जुर्माना सहित 3 साल की सजा का प्रावधान तय किया गया है.

उप नगर जनगणना अधिकारी प्रदीप पारीक से खास बातचीत

पढ़ें- Exclusive : जनगणना 2021 का प्रथम चरण इसी वर्ष 1 अप्रैल से, पूछे जाएंगे ये 31 सवाल

मुख्य जनगणना 9 फरवरी 2021 से होगी शुरू
1 अप्रैल 2020 से एक बार फिर जनगणना का दौर शुरू होगा. शुरुआत मकान सूचीकरण के साथ होगी, जो सितंबर तक चलेगा. इसके बाद मुख्य जनगणना 9 फरवरी 2021 से शुरू होगी, लेकिन इससे पहले आम जनता के जहन में इस जनगणना को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं. जिनका जवाब लेने के लिए ईटीवी भारत ने उप नगर जनगणना अधिकारी प्रदीप पारीक से बात की. उन्होंने बताया कि पूरा जयपुर एक इकाई के रूप में है. यहां पर एल्यूमिनेटर ब्लॉक बनाए गए हैं, जिसमें 2011 के बाद से लेकर अब तक किसी तरह के बदलाव नहीं हुए हैं.

डोर-टू-डोर जाकर होगी मकानों की गणना
उन्होंने ये साफ किया कि पूरे जयपुर की जनगणना एक साथ होनी है, ऐसे में वार्ड परिसीमन का इस पर कोई असर नहीं पड़ता. प्रदीप पारीक ने बताया कि जनगणना का अहम हिस्सा है, जिसके तहत डोर टू डोर जाकर मकानों की गणना की जाएगी. मकान सूचीकरण के बाद मुख्य जनगणना के दौरान प्रगणक को किसी तरह की समस्या ना हो, इसके लिए हर घर के बाहर अंक लिखा जाएगा. साथ ही मकान और परिवार से जुड़े 31 सवाल पूछे जाएंगे. जो मुख्य जनगणना में मददगार होंगे.

सीएए का जनगणना से फिलहाल कोई लिंक नहीं
वहीं संसद में नागरिकता संशोधन कानून के लागू होने के बाद सवाल उठ रहे थे कि क्या जनगणना में इससे जुड़े सवाल भी शामिल किए जाएंगे. जिस पर जवाब देते हुए प्रदीप पारीक ने बताया कि जनगणना एक सामान्य प्रक्रिया है. सीएए का जनगणना से फिलहाल कोई लिंक नहीं है और ना ही इससे जुड़े सवाल जनगणना के दौरान पूछे जाएंगे.

पढ़ें- जनगणना 2021 फ्रेमवर्कः मोबाइल ऐप के साथ-साथ पेपर मोड भी रहेगा विकल्प

कोई बाधक बना तो जाएगा जेल
वहीं इस बार यदि जनगणना के काम में कोई बाधक बनता है, तो उस पर जुर्माना सहित 3 साल तक की सजा का प्रावधान तय किया गया है. ऐसे में अब जनगणना अधिकारी से लेकर आम जनता कोई भी जनगणना की काम या इसमें पूछे जाने वाले सवालों से बच नहीं सकता.

जयपुर. साल 2011 के बाद एक बार फिर जनगणना का दौर शुरू होना है. जिसे लेकर केंद्र सरकार की ओर से अधिसूचना जारी की जा चुकी है. मुख्य जनगणना से पहले मकान सूचीकरण का काम होगा. इसके लिए 31 सवाल तैयार किए गए हैं, हालांकि जनगणना में कहीं भी नागरिकता संशोधन कानून से जुड़े सवाल नहीं पूछे जाएंगे. वहीं पूछे जाने वाले सामान्य सवालों का जवाब देने से बचने वालों और जनगणना में बाधक बनने वालों की भी इस बार खैर नहीं. ऐसे लोगों पर एक हजार रुपए का जुर्माना सहित 3 साल की सजा का प्रावधान तय किया गया है.

उप नगर जनगणना अधिकारी प्रदीप पारीक से खास बातचीत

पढ़ें- Exclusive : जनगणना 2021 का प्रथम चरण इसी वर्ष 1 अप्रैल से, पूछे जाएंगे ये 31 सवाल

मुख्य जनगणना 9 फरवरी 2021 से होगी शुरू
1 अप्रैल 2020 से एक बार फिर जनगणना का दौर शुरू होगा. शुरुआत मकान सूचीकरण के साथ होगी, जो सितंबर तक चलेगा. इसके बाद मुख्य जनगणना 9 फरवरी 2021 से शुरू होगी, लेकिन इससे पहले आम जनता के जहन में इस जनगणना को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं. जिनका जवाब लेने के लिए ईटीवी भारत ने उप नगर जनगणना अधिकारी प्रदीप पारीक से बात की. उन्होंने बताया कि पूरा जयपुर एक इकाई के रूप में है. यहां पर एल्यूमिनेटर ब्लॉक बनाए गए हैं, जिसमें 2011 के बाद से लेकर अब तक किसी तरह के बदलाव नहीं हुए हैं.

डोर-टू-डोर जाकर होगी मकानों की गणना
उन्होंने ये साफ किया कि पूरे जयपुर की जनगणना एक साथ होनी है, ऐसे में वार्ड परिसीमन का इस पर कोई असर नहीं पड़ता. प्रदीप पारीक ने बताया कि जनगणना का अहम हिस्सा है, जिसके तहत डोर टू डोर जाकर मकानों की गणना की जाएगी. मकान सूचीकरण के बाद मुख्य जनगणना के दौरान प्रगणक को किसी तरह की समस्या ना हो, इसके लिए हर घर के बाहर अंक लिखा जाएगा. साथ ही मकान और परिवार से जुड़े 31 सवाल पूछे जाएंगे. जो मुख्य जनगणना में मददगार होंगे.

सीएए का जनगणना से फिलहाल कोई लिंक नहीं
वहीं संसद में नागरिकता संशोधन कानून के लागू होने के बाद सवाल उठ रहे थे कि क्या जनगणना में इससे जुड़े सवाल भी शामिल किए जाएंगे. जिस पर जवाब देते हुए प्रदीप पारीक ने बताया कि जनगणना एक सामान्य प्रक्रिया है. सीएए का जनगणना से फिलहाल कोई लिंक नहीं है और ना ही इससे जुड़े सवाल जनगणना के दौरान पूछे जाएंगे.

पढ़ें- जनगणना 2021 फ्रेमवर्कः मोबाइल ऐप के साथ-साथ पेपर मोड भी रहेगा विकल्प

कोई बाधक बना तो जाएगा जेल
वहीं इस बार यदि जनगणना के काम में कोई बाधक बनता है, तो उस पर जुर्माना सहित 3 साल तक की सजा का प्रावधान तय किया गया है. ऐसे में अब जनगणना अधिकारी से लेकर आम जनता कोई भी जनगणना की काम या इसमें पूछे जाने वाले सवालों से बच नहीं सकता.

Intro:जयपुर - साल 2011 के बाद एक बार फिर जनगणना का दौर शुरू होना है। जिसे लेकर केंद्र सरकार की ओर से अधिसूचना जारी की जा चुकी है। मुख्य जनगणना से पहले मकान सूचीकरण का काम होगा। इसके लिए 31 सवाल तैयार किए गए हैं। हालांकि जनगणना में कहीं भी नागरिकता संशोधन कानून से जुड़े सवाल नहीं पूछे जाएंगे। वहीं पूछे जाने वाले सामान्य सवालों का जवाब देने से बचने वालों और जनगणना में बाधक बनने वालों की भी इस बार खैर नहीं। ऐसे लोगों पर एक हजार रुपए का जुर्माना सहित 3 साल की सजा का प्रावधान तय किया गया है।


Body:एक अप्रैल 2020 से एक बार फिर जनगणना का दौर शुरू होगा। शुरुआत मकान सूचीकरण के साथ होगी। जो सितंबर तक चलेगा। इसके बाद मुख्य जनगणना 9 फरवरी 2021 से शुरू होगी। लेकिन इससे पहले आम जनता के जहन में इस जनगणना को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं। जिनका जवाब लेने के लिए ईटीवी भारत ने उप नगर जनगणना अधिकारी प्रदीप पारीक से बात की। उन्होंने बताया कि पूरा जयपुर एक इकाई के रूप में है। यहां पर एल्यूमिनेटर ब्लॉक बनाए गए हैं, जिसमें 2011 के बाद से लेकर अब तक किसी तरह के बदलाव नहीं हुए हैं। उन्होंने ये साफ किया कि पूरे जयपुर की जनगणना एक साथ होनी है, ऐसे में वार्ड परिसीमन का इस पर कोई असर नहीं पड़ता। प्रदीप पारीक ने बताया कि जनगणना का अहम हिस्सा है। जिसके तहत डोर टू डोर जाकर मकानों की गणना की जाएगी। मकान सूचीकरण के बाद मुख्य जनगणना के दौरान प्रगणक को किसी तरह की समस्या ना हो, इसके लिए हर घर के बाहर अंक लिखा जाएगा। साथ ही मकान और परिवार से जुड़े 31 सवाल पूछे जाएंगे। जो मुख्य जनगणना में मददगार होंगे।

वहीं संसद में नागरिकता संशोधन कानून के लागू होने के बाद सवाल उठ रहे थे कि क्या जनगणना में इससे जुड़े सवाल भी शामिल किए जाएंगे। जिस पर जवाब देते हुए प्रदीप पारीक ने बताया कि जनगणना एक सामान्य प्रक्रिया है। सीएए का जनगणना से फिलहाल कोई लिंक नहीं है। और ना ही इससे जुड़े सवाल जनगणना के दौरान पूछे जाएंगे।


Conclusion:वहीं इस बार यदि जनगणना के काम में कोई बाधक बनता है, तो उस पर जुर्माना सहित 3 साल तक की सजा का प्रावधान तय किया गया है। ऐसे में अब जनगणना अधिकारी से लेकर आम जनता कोई भी जनगणना की काम या इसमें पूछे जाने वाले सवालों से बच नहीं सकता।
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