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विवादित RPS अफसर की 'हरकत' का हुआ खुलासा, खौफजदा शराब ठेका मालिक ने कुछ इस तरह बताया 'उस' रात का सच!

चर्चित RPS अधिकारी संजीव चौधरी की हनक का एक पुराना वीडियो (Old Video) सामने आया है. ये एक सीसीटीवी फुटेज (CCTV Footage Of RPS) है जिसमें वो वर्दी का रौब एक शराब ठेका मालिक पर जता रहे हैं. हाल फिलहाल विवादित अफसर APO (Awaiting Posting Order) किए गए हैं.

RPS Officer
RPS अधिकारी की उस रात का सच
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Published : Sep 16, 2021, 7:33 AM IST

Updated : Sep 16, 2021, 10:56 PM IST

जयपुर: अपनी कार्यशैली को लेकर हमेशा विवादों में रहने वाले एपीओ (APO) किए गए आरपीएस अधिकारी संजीव चौधरी (RPS Officer CCTV Video) की काली करतूतों का एक सीसीटीवी फुटेज (CCTV Footage) सामने आया है. आरोप है कि एक शराब ठेके के संचालक ने चूंकि RPS अफसर संजीव चौधरी तक समय पर हफ्ता नहीं पहुंचाया तो उसके खिलाफ फर्जी मुकदमा दर्ज किया गया. पीड़ित के खिलाफ एक्साइज एक्ट की एक फर्जी कार्रवाई (Fake Case Under Excise Act) को अंजाम दिया गया.

Viral Video Of Hiralal: पुष्कर में '10 जुलाई' को बनी थी 'Dirty Picture', 17 दिन बाद खुली पोल!

एक CCTV फुटेज भी सामने आया है जिसे एपीओ (Awaiting Posting Order) किए गए आरपीएस संजीव चौधरी और मानसरोवर थाने के पुलिसकर्मियों का बताया जा रहा है. कथित तौर पर यह पूरा प्रकरण दिसंबर 2020 का है लेकिन संजीव चौधरी के भय के चलते पीड़ित ने पुलिस में इसकी शिकायत दर्ज नहीं करवाई.

अफसर की हफ्ता वसूली का सच!

'बोतल' से निकला जिन्न

मामला 10 माह पुराना है. मामला एक शराब के ठेका मालिक से जुड़ा है. सवाल ये उठता है कि आखिर बोतल से जिन्न निकलने में इतना समय क्यों लगा. तो कहानी कुछ यूं हैं कि हाल ही में संजीव चौधरी को वकीलों के साथ मारपीट और बदसलूकी करने के प्रकरण में डीजीपी एमएल लाठर ने एपीओ (APO) किया था. इसकी जानकारी मिलते ही पीड़ित का हौसला बढ़ा और उसने डीजीपी एमएल लाठर (DGP ML Lathar) से मुलाकात की. अपनी आपबीती सुनाई और पूरे प्रकरण की शिकायत लिखित में डीजीपी को सौंप दी.

'हफ्ता' वसूलने वाले RPS की कहानी!

पीड़ित ने अपनी शिकायत में इस बात का जिक्र किया है कि वह नारायण विहार में शराब के ठेके का संचालन करता है. वहां तत्कालीन मानसरोवर एसीपी (ACP) संजीव चौधरी का आना जाना था. पीड़ित, संजीव चौधरी को शराब और मीट भेजा करता था. इसके अलावा पीड़ित समय पर हफ्ता भी संजीव चौधरी को दिया करता था. लॉकडाउन के चलते शराब के ठेके बंद होने पर पीड़ित ने हफ्ता वसूली में कटौती की. जिसको लेकर संजीव चौधरी काफी नाराज हुए.

Excise Act का सच!

संजीव चौधरी ने बदला लेने की नीयत से पीड़ित के ठेके के बाहर पहुंचकर अपने गनमैन, चालक और मानसरोवर थाने के पुलिसकर्मियों के सहयोग से पीड़ित की दो गाड़ियों को पार्किंग स्थल से ठेके के बाहर लाकर खड़ा कर दिया. उसके बाद ठेके से देसी और अंग्रेजी शराब के कार्टन लाकर गाड़ी में रखवाए और दोनों गाड़ियों को एक्साइज एक्ट (Excise Act) के तहत सीज (Seize)कर दिया. संजीव चौधरी ने एक्साइज एक्ट की कार्रवाई में पीड़ित की एक्सेंट कार को सीज करना और क्रेन की मदद से ठेके से पुलिस थाने तक लाने का जिक्र किया है.

CCTV फुटेज में दिखे 'वर्दीवाले'

वहीं इस पूरे घटनाक्रम से संबंधित जो सीसीटीवी फुटेज पीड़ित ने पुलिस मुख्यालय को दिया है। उसमें साफ दिखाई दे रहा है कि किस तरह पुलिसकर्मी खुद गाड़ी को चलाकर ठेके के बाहर ला रहे हैं और क्रेन के जरिए एक्सेंट गाड़ी की बजाए पिकअप को ले जा रहे हैं. फिलहाल डीजीपी ने पीड़ित को इस प्रकरण में त्वरित और उचित कार्रवाई किए जाने का आश्वासन दिया है. साथ ही पीड़ित ने पूरे प्रकरण की शिकायत एसीबी मुख्यालय (ACB Headquarter) और जयपुर पुलिस कमिश्नर (Jaipur Police Commissioner) तक पहुंचा दी है.

जयपुर: अपनी कार्यशैली को लेकर हमेशा विवादों में रहने वाले एपीओ (APO) किए गए आरपीएस अधिकारी संजीव चौधरी (RPS Officer CCTV Video) की काली करतूतों का एक सीसीटीवी फुटेज (CCTV Footage) सामने आया है. आरोप है कि एक शराब ठेके के संचालक ने चूंकि RPS अफसर संजीव चौधरी तक समय पर हफ्ता नहीं पहुंचाया तो उसके खिलाफ फर्जी मुकदमा दर्ज किया गया. पीड़ित के खिलाफ एक्साइज एक्ट की एक फर्जी कार्रवाई (Fake Case Under Excise Act) को अंजाम दिया गया.

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एक CCTV फुटेज भी सामने आया है जिसे एपीओ (Awaiting Posting Order) किए गए आरपीएस संजीव चौधरी और मानसरोवर थाने के पुलिसकर्मियों का बताया जा रहा है. कथित तौर पर यह पूरा प्रकरण दिसंबर 2020 का है लेकिन संजीव चौधरी के भय के चलते पीड़ित ने पुलिस में इसकी शिकायत दर्ज नहीं करवाई.

अफसर की हफ्ता वसूली का सच!

'बोतल' से निकला जिन्न

मामला 10 माह पुराना है. मामला एक शराब के ठेका मालिक से जुड़ा है. सवाल ये उठता है कि आखिर बोतल से जिन्न निकलने में इतना समय क्यों लगा. तो कहानी कुछ यूं हैं कि हाल ही में संजीव चौधरी को वकीलों के साथ मारपीट और बदसलूकी करने के प्रकरण में डीजीपी एमएल लाठर ने एपीओ (APO) किया था. इसकी जानकारी मिलते ही पीड़ित का हौसला बढ़ा और उसने डीजीपी एमएल लाठर (DGP ML Lathar) से मुलाकात की. अपनी आपबीती सुनाई और पूरे प्रकरण की शिकायत लिखित में डीजीपी को सौंप दी.

'हफ्ता' वसूलने वाले RPS की कहानी!

पीड़ित ने अपनी शिकायत में इस बात का जिक्र किया है कि वह नारायण विहार में शराब के ठेके का संचालन करता है. वहां तत्कालीन मानसरोवर एसीपी (ACP) संजीव चौधरी का आना जाना था. पीड़ित, संजीव चौधरी को शराब और मीट भेजा करता था. इसके अलावा पीड़ित समय पर हफ्ता भी संजीव चौधरी को दिया करता था. लॉकडाउन के चलते शराब के ठेके बंद होने पर पीड़ित ने हफ्ता वसूली में कटौती की. जिसको लेकर संजीव चौधरी काफी नाराज हुए.

Excise Act का सच!

संजीव चौधरी ने बदला लेने की नीयत से पीड़ित के ठेके के बाहर पहुंचकर अपने गनमैन, चालक और मानसरोवर थाने के पुलिसकर्मियों के सहयोग से पीड़ित की दो गाड़ियों को पार्किंग स्थल से ठेके के बाहर लाकर खड़ा कर दिया. उसके बाद ठेके से देसी और अंग्रेजी शराब के कार्टन लाकर गाड़ी में रखवाए और दोनों गाड़ियों को एक्साइज एक्ट (Excise Act) के तहत सीज (Seize)कर दिया. संजीव चौधरी ने एक्साइज एक्ट की कार्रवाई में पीड़ित की एक्सेंट कार को सीज करना और क्रेन की मदद से ठेके से पुलिस थाने तक लाने का जिक्र किया है.

CCTV फुटेज में दिखे 'वर्दीवाले'

वहीं इस पूरे घटनाक्रम से संबंधित जो सीसीटीवी फुटेज पीड़ित ने पुलिस मुख्यालय को दिया है। उसमें साफ दिखाई दे रहा है कि किस तरह पुलिसकर्मी खुद गाड़ी को चलाकर ठेके के बाहर ला रहे हैं और क्रेन के जरिए एक्सेंट गाड़ी की बजाए पिकअप को ले जा रहे हैं. फिलहाल डीजीपी ने पीड़ित को इस प्रकरण में त्वरित और उचित कार्रवाई किए जाने का आश्वासन दिया है. साथ ही पीड़ित ने पूरे प्रकरण की शिकायत एसीबी मुख्यालय (ACB Headquarter) और जयपुर पुलिस कमिश्नर (Jaipur Police Commissioner) तक पहुंचा दी है.

Last Updated : Sep 16, 2021, 10:56 PM IST
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