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जयपुर: CBI कोर्ट ने बैंक में गबन करने वाले मैनेजर सहित 5 को सुनाई सजा - बैंक मैनेजर को सजा

सीबीआई मामलों की विशेष अदालत ने बैंक में गबन के मामले में एसबीबीजे बैंक भरतपुर के तत्कालीन मैनेजर विश्वधर भट्ट, सहायक प्रबंधक उमेश चन्द्र शर्मा और सिंगल विंडो ऑपरेटर राजेन्द्र कुमार को तीन साल की सजा सुनाई है.

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CBI कोर्ट ने बैंक में गबन करने वाले मैनेजर सहित 5 को सजा सुनाई
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Published : Jan 2, 2021, 6:57 PM IST

जयपुर. सीबीआई मामलों की विशेष अदालत ने बैंक में गबन के मामले में एसबीबीजे बैंक भरतपुर के तत्कालीन मैनेजर विश्वधर भट्ट, सहायक प्रबंधक उमेश चन्द्र शर्मा और सिंगल विंडो ऑपरेटर राजेन्द्र कुमार को तीन साल की सजा सुनाई है.

पढे़ं: पूर्व मंत्री देवी सिंह भाटी को हार्ट अटैक, जयपुर के अस्पताल में किया गया भर्ती

अदालत ने प्रत्येक अभियुक्त पर 1 लाख 40 हजार का जुर्माना भी लगाया है. वहीं अदालत ने षडयंत्र में शामिल अनिल कुमार और सुंदर सिंह को दो साल की सजा और कुल 1 लाख बीस 20 रुपए का जुर्माना लगाया है. मामले की जांच में लापरवाही बरतने पर अदालत ने आदेश की कॉपी सीबीआई निदेशक और एसपी को भेजते हुए अग्रिम जांच उच्चाधिकारियों से कराने को कहा है.

अभियोजन पक्ष की ओर से अदालत को बताया कि बैंक में तैनात अभियुक्तों ने जनवरी 2006 से 2008 के बीच अन्य अभियुक्तों से मिलीभगत कर लाखों रुपए का गबन किया. मामले में सीबीआई को गुप्त सूचना से मिली जानकारी के बाद 5 दिसंबर 2008 को एफआईआर दर्ज की गई. जिसमें सामने आया कि अभियुक्तों ने गबन कर बैंक को 23 लाख 21 हजार रुपए से अधिक की क्षति पहुंचाई. इस पर सीबीआई ने अभियुक्तों को गिरफ्तार कर अदालत में आरोप पत्र पेश किया.

जयपुर. सीबीआई मामलों की विशेष अदालत ने बैंक में गबन के मामले में एसबीबीजे बैंक भरतपुर के तत्कालीन मैनेजर विश्वधर भट्ट, सहायक प्रबंधक उमेश चन्द्र शर्मा और सिंगल विंडो ऑपरेटर राजेन्द्र कुमार को तीन साल की सजा सुनाई है.

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अदालत ने प्रत्येक अभियुक्त पर 1 लाख 40 हजार का जुर्माना भी लगाया है. वहीं अदालत ने षडयंत्र में शामिल अनिल कुमार और सुंदर सिंह को दो साल की सजा और कुल 1 लाख बीस 20 रुपए का जुर्माना लगाया है. मामले की जांच में लापरवाही बरतने पर अदालत ने आदेश की कॉपी सीबीआई निदेशक और एसपी को भेजते हुए अग्रिम जांच उच्चाधिकारियों से कराने को कहा है.

अभियोजन पक्ष की ओर से अदालत को बताया कि बैंक में तैनात अभियुक्तों ने जनवरी 2006 से 2008 के बीच अन्य अभियुक्तों से मिलीभगत कर लाखों रुपए का गबन किया. मामले में सीबीआई को गुप्त सूचना से मिली जानकारी के बाद 5 दिसंबर 2008 को एफआईआर दर्ज की गई. जिसमें सामने आया कि अभियुक्तों ने गबन कर बैंक को 23 लाख 21 हजार रुपए से अधिक की क्षति पहुंचाई. इस पर सीबीआई ने अभियुक्तों को गिरफ्तार कर अदालत में आरोप पत्र पेश किया.

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