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विवादित ढांचा मामले में दोबारा आरोपी बनाए जा सकते हैं पूर्व राज्यपाल कल्याण सिंह

अयोध्या में 1992 में ध्वस्त हुए विवादित ढांचा मामले में राजस्थान के पूर्व राज्यपाल कल्याण सिंह एक बार फिर से आरोपी बनाए जा सकते हैं. कल्याण सिंह 1992 में हुई घटना के दौरान प्रदेश के सीएम के पद पर थे.

जयपुर, कल्याण सिंह, accused, babri masjid demolition case
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Published : Sep 10, 2019, 2:05 AM IST

लखनऊ: पूर्व राज्यपाल और पूर्व सीएम कल्याण सिंह एक बार फिर कानूनी कार्रवाई की जद में आ सकते हैं. विवादित ढांचा विध्वंस मामले में बतौर आरोपी पेश करने के लिये सीबीआई ने विशेष अदालत में अर्जी दी है.

इसे भी पढ़ें :- लखनऊ: अखिलेश यादव ने सीएम योगी को दी सलाह, कहा- गीता को पढ़ें और आत्मसात भी करें

कल्याण सिंह पर अदालत में दी गई अर्जी

सीबीआई ने विवादित ढांचा विध्वंस मामले में राजधानी की विशेष अदालत में चल रहे सुनवाई के दौरान सोमवार को एक अर्जी डालकर पूर्व सीएम और राजस्थान के पूर्व राज्यपाल कल्याण सिंह को बतौर अभियुक्त तलब करने की मांग की है. अर्जी पर विशेष न्यायाधीश एसके यादव ने सीबीआई को कल्याण सिंह के राज्यपाल पद से मुक्त होने संबधी आवश्यक कागजात पेश करने को कहा है. इस केस की अगली सुनवायी अब 11 सितंबर को हो सकती है.

अन्य को मिली है जमानत
6 दिसम्बर 1992 को विवादित ढांचा ढहाने के मामले में साजिश के आरेाप में कल्याण सिंह के अलावा लाल कृष्ण आडवाणी, बीजेपी के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी, पूर्व सीएम उमा भारती, साध्वी ऋतंभरा और महंत नृत्यगोपाल दास भी आरोपी हैं, जिन्हें कोर्ट से जमानत मिली हुई है.

2014 में बनाया गया था राज्यपाल
19 अप्रैल 2017 के आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने आडवाणी सहित अन्य पर ढांचा ढहाने का साजिश करने के आरोप में विचारण करने को कहा था. हालांकि कल्याण सिंह को राज्यपाल के पद पर रहने के कारण सुप्रीम कोर्ट ने संविधान के अनुच्छेद 361 का हवाला देकर कहा था कि कल्याण सिह को तलब न किया जाए.

साथ ही सीबीआई को छूट दी थी कि जैसे ही कल्याण सिंह पद से मुक्त हों उन्हें तलब करने की अर्जी दी जाए. कल्याण सिंह को 3 सितम्बर 2014 को राजस्थान का राज्यपाल नियुक्त किया गया था. सीबीआई ने 1993 के अन्य अभियुक्तों के साथ-साथ कल्याण के खिलाफ इस केस में आरोप पत्र दाखिल किया है.

लखनऊ: पूर्व राज्यपाल और पूर्व सीएम कल्याण सिंह एक बार फिर कानूनी कार्रवाई की जद में आ सकते हैं. विवादित ढांचा विध्वंस मामले में बतौर आरोपी पेश करने के लिये सीबीआई ने विशेष अदालत में अर्जी दी है.

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कल्याण सिंह पर अदालत में दी गई अर्जी

सीबीआई ने विवादित ढांचा विध्वंस मामले में राजधानी की विशेष अदालत में चल रहे सुनवाई के दौरान सोमवार को एक अर्जी डालकर पूर्व सीएम और राजस्थान के पूर्व राज्यपाल कल्याण सिंह को बतौर अभियुक्त तलब करने की मांग की है. अर्जी पर विशेष न्यायाधीश एसके यादव ने सीबीआई को कल्याण सिंह के राज्यपाल पद से मुक्त होने संबधी आवश्यक कागजात पेश करने को कहा है. इस केस की अगली सुनवायी अब 11 सितंबर को हो सकती है.

अन्य को मिली है जमानत
6 दिसम्बर 1992 को विवादित ढांचा ढहाने के मामले में साजिश के आरेाप में कल्याण सिंह के अलावा लाल कृष्ण आडवाणी, बीजेपी के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी, पूर्व सीएम उमा भारती, साध्वी ऋतंभरा और महंत नृत्यगोपाल दास भी आरोपी हैं, जिन्हें कोर्ट से जमानत मिली हुई है.

2014 में बनाया गया था राज्यपाल
19 अप्रैल 2017 के आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने आडवाणी सहित अन्य पर ढांचा ढहाने का साजिश करने के आरोप में विचारण करने को कहा था. हालांकि कल्याण सिंह को राज्यपाल के पद पर रहने के कारण सुप्रीम कोर्ट ने संविधान के अनुच्छेद 361 का हवाला देकर कहा था कि कल्याण सिह को तलब न किया जाए.

साथ ही सीबीआई को छूट दी थी कि जैसे ही कल्याण सिंह पद से मुक्त हों उन्हें तलब करने की अर्जी दी जाए. कल्याण सिंह को 3 सितम्बर 2014 को राजस्थान का राज्यपाल नियुक्त किया गया था. सीबीआई ने 1993 के अन्य अभियुक्तों के साथ-साथ कल्याण के खिलाफ इस केस में आरोप पत्र दाखिल किया है.


सीबीआई ने कल्याण सिंह को बतौर अभियुक्त तलब करने की उठायी मांग
कहा कल्याण अब नहीं रहे राज्यपाल अतः उन्हें किया जाये तलब
अर्जी पर अगली सुनवायी 11 सितम्बर केा संभव
विधि संवाददाता
लखनऊ
सीबीआई ने बाबरी ढांचा विध्वं मामले में लखनऊ की विशेष अदालत में चल रहे विचारण के दौरान सोमवार को एक अर्जी डालकर पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व राज्यपाल कल्याण सिंह केा बतौर अभियुक्त तलब करने की मांग की है। इस अर्जी पर विशेष न्यायाधीश एसके यादव ने सीबीआई को कल्याण सिंह के राज्यपाल पद से मुक्त होने संबधी आवश्यक कागजात पेश करने को कहा है। उल्लेखनीय है कि इस केस के विचारण की सुनवायी दिन प्रतिदिन चल रही है अतः इस अर्जी पर अगली सुनवायी 11 सितम्बर को हो सकती है।
6 दिसम्बर 1992 को बाबरी ढांचा ढहाने के मामले में साजिश के आरेापों में इस केस में पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनेाहर जोशी, उमा भारती समेत अन्य अभियुक्तों को विचारण विशेष अदालत में चल रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने 19 अप्रैल 2017 को अपने आदेश में कहा था कि इस मामले का विचारण प्रतिदिन किया जा। इस मामले में सभी अभियुक्त जमानत पर चल रहे हैं। 19 अप्रैल 2017 के आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने आडवाणी सहित अन्य पर ढांचा ढहाने का साजिश करने के आरेाप में विचारण करने को कहा था। हालांकि तब सुप्रीम कोर्ट ने कल्याण सिंह को राज्यपाल के पद पर रहने के कारण संविधान के अनुच्छेद 361 का हवाला देकर कहा था कि कल्याण सिह को तलब न किया जा लेकिन साथ ही सीबीआई को छूट दी थी कि जैसे ही कल्याण सिंह पर से मुक्त हों उन्हें तलब करने की अर्जी दी जा
कल्याण सिंह को 3 सितम्बर 2014 को पांच साल के लिए राज्यपाल नियुक्त किया गया था। सीबीआई ने 1993 में अन्य अभियुक्तो के साथ-साथ कल्याण के खिलाफ इस केस में आरो पत्र दाखिल किया है 

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Chandan Srivastava
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