लखनऊ: पूर्व राज्यपाल और पूर्व सीएम कल्याण सिंह एक बार फिर कानूनी कार्रवाई की जद में आ सकते हैं. विवादित ढांचा विध्वंस मामले में बतौर आरोपी पेश करने के लिये सीबीआई ने विशेष अदालत में अर्जी दी है.
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कल्याण सिंह पर अदालत में दी गई अर्जी
सीबीआई ने विवादित ढांचा विध्वंस मामले में राजधानी की विशेष अदालत में चल रहे सुनवाई के दौरान सोमवार को एक अर्जी डालकर पूर्व सीएम और राजस्थान के पूर्व राज्यपाल कल्याण सिंह को बतौर अभियुक्त तलब करने की मांग की है. अर्जी पर विशेष न्यायाधीश एसके यादव ने सीबीआई को कल्याण सिंह के राज्यपाल पद से मुक्त होने संबधी आवश्यक कागजात पेश करने को कहा है. इस केस की अगली सुनवायी अब 11 सितंबर को हो सकती है.
अन्य को मिली है जमानत
6 दिसम्बर 1992 को विवादित ढांचा ढहाने के मामले में साजिश के आरेाप में कल्याण सिंह के अलावा लाल कृष्ण आडवाणी, बीजेपी के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी, पूर्व सीएम उमा भारती, साध्वी ऋतंभरा और महंत नृत्यगोपाल दास भी आरोपी हैं, जिन्हें कोर्ट से जमानत मिली हुई है.
2014 में बनाया गया था राज्यपाल
19 अप्रैल 2017 के आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने आडवाणी सहित अन्य पर ढांचा ढहाने का साजिश करने के आरोप में विचारण करने को कहा था. हालांकि कल्याण सिंह को राज्यपाल के पद पर रहने के कारण सुप्रीम कोर्ट ने संविधान के अनुच्छेद 361 का हवाला देकर कहा था कि कल्याण सिह को तलब न किया जाए.
साथ ही सीबीआई को छूट दी थी कि जैसे ही कल्याण सिंह पद से मुक्त हों उन्हें तलब करने की अर्जी दी जाए. कल्याण सिंह को 3 सितम्बर 2014 को राजस्थान का राज्यपाल नियुक्त किया गया था. सीबीआई ने 1993 के अन्य अभियुक्तों के साथ-साथ कल्याण के खिलाफ इस केस में आरोप पत्र दाखिल किया है.