जयपुर. राजस्थान में मासूमों के शोषण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. इसके चलते पॉक्सो एक्ट के तहत दर्ज होने वाले प्रकरणों में काफी बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है. इसके साथ ही राजस्थान में चाइल्ड पोर्नोग्राफी के मामले भी बढ़े हैं. ये आंकड़े काफी चिंताजनक हैं.
वर्ष 2021 के जनवरी से अक्टूबर महीने तक राजस्थान में पॉक्सो एक्ट के तहत कुल 2689 मामले दर्ज किए गए हैं. वर्ष 2020 की तुलना में वर्ष 2021 में पॉक्सो एक्ट के प्रकरणों में 11.35% की वृद्धि हुई है. मासूमों को यौन शोषण का शिकार बनाने के साथ ही उनकी अश्लील वीडियो बनाकर वायरल (porn video viral) भी की जा रही है. यानी प्रदेश में चाइल्ड पोर्नोग्राफी (child pornography) के मामले भी काफी बढ़े हैं.
इसी के चलते गत दिनों सीबीआई (CBI) ने चाइल्ड पोर्नोग्राफी के प्रकरणों में राजस्थान के अजमेर, जयपुर, झुंझुनू और नागौर जिलों में छापेमारी की थी. जहां से कई लोगों को गिरफ्तार किया गया और मोबाइल, लैपटॉप, पेनड्राइ व अन्य उपकरण बरामद किए.
हर जिले में बनी है स्पेशल टीम
प्रदेश में पॉक्सो एक्ट के तेजी से दर्ज होते प्रकरण राजस्थान पुलिस (Rajasthan Police) के लिए भी चिंता का विषय हैं. हालाकिं पॉक्सो एक्ट के प्रकरणों के शीघ्र निस्तारण के लिए प्रत्येक जिले में एक स्पेशल टीम बनाई गई है. जिसकी कमान एडिशनल एसपी स्तर के अधिकारियों को सौंपी गई है. वहीं कई प्रकरण ऐसे भी सामने आए हैं जिसमें पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए 24 घंटे से भी कम समय में आरोपी को गिरफ्तार कर उसके खिलाफ कोर्ट में चालान पेश किया है.
राजस्थान में उदयपुर रेंज, अजमेर रेंज, जयपुर रेंज, जोधपुर रेंज, जयपुर पुलिस कमिश्नरेट और जोधपुर पुलिस कमिश्नरेट में पोक्सो एक्ट के तहत दर्ज होने वाले प्रकरणों में वर्ष 2020 की तुलना में वर्ष 2021 में काफी बढ़ोतरी दर्ज की गई है.
केस ऑफिसर स्कीम के तहत जांच हो तो आ सकती है कमी
बढ़ते पॉक्सो एक्ट के प्रकरणों को देखते हुए पूर्व पुलिस अधिकारी राजेंद्र सिंह शेखावत का कहना है कि वर्ष 2019 में पॉक्सो एक्ट में अनेक संशोधन (POCSO Act Amendment) किए गए और सजा के प्रावधान कड़े किए गए. लेकिन उसके बावजूद अपराधियों में इसका खौफ नहीं देखा जा रहा है. प्रकरणों को बढ़ने के पीछे का एक अहम कारण टेलीविजन और इंटरनेट पर लोगों को परोसी जा रही अश्लीलता (pornography on the internet) है.
बच्चों को सिखाएं Good Touch And Bad Touch
कोरोना काल में स्कूल व कॉलेज बंद होने के चलते बच्चों के हाथ में मोबाइल थमा दिए गए और इस दौरान कुछ दरिंदों ने इंटरनेट पर मौजूद अश्लील कंटेंट दिखाकर बच्चों की भावनाओं को भड़का उनका यौन शोषण किया. इसके लिए पेरेंट्स को विशेष ध्यान रखना चाहिए कि वह बच्चों को गुड टच और बेड टच (good touch and bad touch) के बारे में जानकारी दें.
इसके साथ ही बच्चों को इस तरह के अपराधों के प्रति जानकारी देकर जागरूक करने का काम किया जाए. साथ ही ऐसे अपराध करने वाले आरोपियों के खिलाफ पुलिस केस ऑफिसर स्कीम (case officer scheme) के तहत कार्रवाई करे. ताकि अपराधियों के खिलाफ कोर्ट में जल्द से जल्द सुनवाई पूरी हो और उन्हें कड़ी से कड़ी सजा मिले. जैसे कि इन प्रकरणों में सजा मिलने की संख्या में इजाफा होगा वैसे ही इस तरह के कृत्य करने वाले अपराधिक प्रवृत्ति के लोगों के मन में भय पैदा होगा.