जयपुर. सिलिकोसिस पीड़ितों को लेकर अब राज्य मानव अधिकार आयोग ने भी कड़ा रूख अपनाया है. आयोग ने एक मामले में अधिकारियों के खिलाफ विधानसभा में विशेष प्रतिवेदन भेजने का नोटिस दिया है वहीं दूसरे मामले में दोषी उच्च अधिकारियों के वेतन से हर्जाना राशि दिल आने की इच्छा जाहिर की है.
आयोग ने सिलिकोसिस से जुड़े विभिन्न तरह के आवेदनों पर या आदेश दिए, दरअसल सिलिकोसिस पीड़ितों को लेकर पहले ही सरकार की तरफ से बनाई हुई कमेटी ने इसके पूरा ड्राफ्ट तैयार कर लिया है, लेकिन अभी इसे कानूनी रूप नही दिया गया, मुख्यमंत्री ने भी पिछले दिनों सिलिकोसिस पीड़ित से जुड़ी कमेटी से सीएमओ में मुलाकात कर इस कानून को अंतिम रूप देने की दिशा निर्देश दिए थे, लेकिन अब इस बीच मानव अधिकार आयोग ने सिलिकोसिस पीड़ितों का मामले पर सख्ती दिखाते हुए कार्रवाई की बात कही है.
ये है पूरा मामला:
सिलिकोसिस के मामले में आयोग के पूर्व सदस्य डॉ. एनके देवराजन के परिवार पर सरकारी पक्ष का 18 माह में कोई जवाब नहीं आने को आयोग ने गंभीरता से लिया, आयोग ने इस मामले में चेतावनी दी एक ही उसके कामकाज में अधिकारियों की लापरवाही को लेकर विधानसभा में विशेष प्रतिवेदन भेजा जा सकता है. लिहाजा आयोग ने मुख्य सचिव से जानकारी मांगी है कि वह बताएं कि इस मामले में लापरवाह अधिकारी पर क्या कार्रवाई प्रस्तावित है. साथ ही इस मामले में आयोग आदेश की लंबे समय से पालना नहीं होने पर तल्खी दिखाते हुए कहा कि क्या इन पीड़ितों को हर्जाना राशि दिलाने के लिए जिम्मेदार अधिकारियों से वेतन से राशि कटौती का आदेश दिया जाएगा. वहीं दूसरे सिलिकोसिस से जुड़े मामले में आयोग को जवाब मिला कि राजस्थान में सिलिकोसिस नीति बनाई जा रही है इस पर आयोग ने कहा है कि नीति का प्रारूप जल्दी आयोग में पैसों सिलिकोसिस से जुड़े कुल मामलों में सिरोही जिला प्रशासन पर 2.40 लाख, अजमेर जिला प्रशासन पर 50 हजार रुपये का हर्जाने की चेतावनी दी है.
सिलिकोसिस पीड़ितो की करीब प्रदेश में 20,000 पीड़ित परिवार है ऐसे में अगर सिलिकोसिस नीति लागू हो जाती है तो उससे न केवल सिलिकोसिस पीड़ितों को बल्कि उनके परिवार वालों को भी फायदा मिलेगा ऐसे में अब देखना होगा क्या आयोग की सख्ती के बाद और मुख्यमंत्री की पिछले दिनों दी गई दखल के बाद सिलिकोसिस पीड़ितों के लिए बनने वाले कानून में तेजी आएगी.