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विधायक खरीद-फरोख्त का मामलाः अदालत ने आरोपी संजय जैन के बयान दर्ज कर पत्रावली को भेजा CMM कोर्ट - jaipur news

विधायकों की खरीद-फरोख्त मामले में गिरफ्तार आरोपी संजय जैन ने अदालत में अपनी आवाज का नमूना देने से इनकार कर दिया है. इस पर अदालत ने आरोपी के बयान को दर्ज कर पत्रावली को वापस सीएमएम कोर्ट में भेज दिया है.

Accused Sanjay Jain,  case of horse trading
विधायकों की खरीद-फरोख्त का मामला
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Published : Jul 31, 2020, 8:15 PM IST

जयपुर. विधायकों की खरीद-फरोख्त के मामले में कॉल रिकॉर्डिंग के आधार पर SOG (Special Operation Group) की ओर से गिरफ्तार आरोपी संजय जैन ने अदालत में अपनी आवाज का नमूना देने से इनकार कर दिया है. इस पर अदालत ने पत्रावली पर आरोपी के बयान दर्ज कर प्रकरण को पुनः मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट के समक्ष भेज दिया है.

अदालती आदेश की पालना में न्यायिक अभिरक्षा में चल रहे आरोपी संजय जैन को महानगर मजिस्ट्रेट क्रम-2 ने अदालत में पेश किया गया. आरोपी की ओर से अदालत में प्रार्थना पत्र पेश कर कहा गया कि प्रकरण में राजनीतिक लड़ाई के चलते उसे बीच में फंसाया गया है. ऐसे में उसे जांच एजेंसी पर भरोसा नहीं है. यदि उसने आवाज का नमूना दिया तो उसका दुरुपयोग किया जा सकता है.

पढ़ें- जैसलमेर बना नया सियासी 'अखाड़ा', जाखड़ बोले- सिर्फ भ्रमण के लिए आए विधायक

इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट तय कर चुका है कि कोर्ट आवाज का नमूना देने का आदेश दे सकता है, लेकिन आरोपी को इसके लिए बाध्य नहीं किया जा सकता. इस पर राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि आरोपी की ओर से नमूना नहीं देने पर ट्रायल के दौरान यह आरोपी के खिलाफ पढ़ा जाएगा. इस पर अदालत ने आरोपी के बयान को दर्ज कर पत्रावली को वापस सीएमएम कोर्ट में भेज दिया है. गौरतलब है कि इससे पूर्व 2 अन्य आरोपी भरत मालानी और अशोक सिंह भी अपनी आवाज का नमूना देने से इंकार कर चुके हैं.

जयपुर. विधायकों की खरीद-फरोख्त के मामले में कॉल रिकॉर्डिंग के आधार पर SOG (Special Operation Group) की ओर से गिरफ्तार आरोपी संजय जैन ने अदालत में अपनी आवाज का नमूना देने से इनकार कर दिया है. इस पर अदालत ने पत्रावली पर आरोपी के बयान दर्ज कर प्रकरण को पुनः मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट के समक्ष भेज दिया है.

अदालती आदेश की पालना में न्यायिक अभिरक्षा में चल रहे आरोपी संजय जैन को महानगर मजिस्ट्रेट क्रम-2 ने अदालत में पेश किया गया. आरोपी की ओर से अदालत में प्रार्थना पत्र पेश कर कहा गया कि प्रकरण में राजनीतिक लड़ाई के चलते उसे बीच में फंसाया गया है. ऐसे में उसे जांच एजेंसी पर भरोसा नहीं है. यदि उसने आवाज का नमूना दिया तो उसका दुरुपयोग किया जा सकता है.

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इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट तय कर चुका है कि कोर्ट आवाज का नमूना देने का आदेश दे सकता है, लेकिन आरोपी को इसके लिए बाध्य नहीं किया जा सकता. इस पर राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि आरोपी की ओर से नमूना नहीं देने पर ट्रायल के दौरान यह आरोपी के खिलाफ पढ़ा जाएगा. इस पर अदालत ने आरोपी के बयान को दर्ज कर पत्रावली को वापस सीएमएम कोर्ट में भेज दिया है. गौरतलब है कि इससे पूर्व 2 अन्य आरोपी भरत मालानी और अशोक सिंह भी अपनी आवाज का नमूना देने से इंकार कर चुके हैं.

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