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SOG अधिकारी के नाम पर 2 करोड़ की रिश्वत मामले में ACB ट्रैप से चूकी, बड़ा खुलासा आया सामने

जयपुर में एसओजी के सीनियर अधिकारी के नाम पर 2 करोड़ की रिश्वत मांगने का मामला सामने आया है. जिसकी शिकायत यूनाइटेड स्टेट कोऑपरेटिव सोसाइटी के संचालक ने एसीबी में दर्ज करवाई. परिवादी के पास रिश्वत मांगते हुए SOG में तैनात एडिशनल एसपी सत्यपाल मिड्ढा और इंस्पेक्टर विष्णु खत्री की रिकॉर्डिंग है. जिसके आधार पर एसीबी ने मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है.

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2 करोड़ की रिश्वत का मामला आया सामने
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Published : Jul 5, 2020, 11:57 PM IST

Updated : Jul 6, 2020, 7:04 AM IST

जयपुर. SOG में सीनियर अधिकारी के नाम पर 2 करोड़ रुपए की घूस मांगे जाने का मामला सामने आया है. जानकारी के मुताबिक SOG में तैनात एडिशनल एसपी सत्यपाल मिड्ढा और इंस्पेक्टर विष्णु खत्री ने परिवादी से 8 करोड़ की घूस मांगी थी. यह घूस एसओजी के उच्च अधिकारी के नाम से मांगी गई थी. एसीबी को दी गई शिकायत में परिवादी की ओर से एसओजी के एक उच्च अधिकारी ने पर्ची पर 8 करोड़ रुपए की घूस की रकम लिखकर दी थी.

एसीबी कर रही है जांच

एडिशनल एसपी सत्यपाल मिड्ढा और इंस्पेक्टर विष्णु खत्री यूनाइटेड स्टेट कोऑपरेटिव सोसाइटी के संचालक को अपने साथ एसओजी के उच्च अधिकारी के पास लेकर गए थे. एसओजी का उच्च अधिकारी मास्क लगाए हुए बैठा था. इस दौरान एसओजी अधिकारी ने परिवादी को पर्ची पर 8 करोड़ रुपए की घूस की रकम लिख कर दी.

इसके एवज में अनियमितताओं में परिवादी के खिलाफ FIR दर्ज नहीं करने की बात कही. मगर परिवादी 8 करोड़ रुपए की रकम को देने को तैयार नहीं हुआ. इसके बाद एसओजी अधिकारी ने पर्ची पर 4 करोड़ रुपए की राशि लिख कर दी. लेकिन परिवादी 4 करोड़ रुपए की रकम देने को तैयार नहीं हुआ. जिसके बाद सत्यपाल मिड्डा और इंस्पेक्टर विष्णु खत्री सोसायटी संचालक को साइड में लेकर गए और रिश्वत नहीं देने की बात पर नाराजगी जताई.

पढ़ें: भरतपुरः दलित नाबालिग से सामूहिक दुष्कर्म, 2 आरोपी गिरफ्तार

बाद में 2 करोड़ रुपए की रिश्वत में सौदा तय किया गया. जिसकी पहली किश्त 30 लाख रुपए तय की गई. मगर दो करोड़ रुपए की घूस मांगे जाने के बाद सोसायटी संचालक एसीबी पहुंचा और रिश्वत मांगने की शिकायत दर्ज करवाई. एसीबी ने पूरे मामले का सत्यापन कराया जो कि सही पाया गया. योजना के तहत एसीबी ने एडिशनल एसपी सत्यपाल मिड्डा और इंस्पेक्टर विष्णु खत्री समेत एसओजी के उच्च अधिकारी को अपने जाल में फंसाने के लिए योजना तैयार की.

पढ़ें: डकैत जगन गुर्जर की पत्नी कोमेश गुर्जर गिरफ्तार, भतीजे जंडेल गुर्जर से कराई थी हत्या

योजना के तहत परिवादी इंस्पेक्टर विष्णु खत्री और सत्यपाल की रिकॉर्डिंग करने लगा. मगर इसकी भनक एसओजी के इन तीनों अधिकारियों को लग गई. जैसे ही एसओजी के तीनों अधिकारियों को एसीबी के ट्रैप की भनक लगी तो उन्होंने घूस लेने से मना कर दिया. बाद में परिवादी पर जबरन दबाव बनाया और उसे डरा धमका कर कुबूल करवाया. इस पर परिवादी ने एसीबी की ओर से रिकॉर्डिंग की जाने की बात कुबूल ली. देखते ही देखते एसीबी का ट्रैप फेल हो गया. मगर रिकॉर्डिंग में एसओजी के दोनों अधिकारियों की बातचीत कैद हो गई.

रिकॉर्डिंग के आधार पर सत्यपाल और इंस्पेक्टर विष्णु खत्री ने 2 करोड़ रुपए की घूस लिए जाने की बात स्वीकार की, जिसके बाद एसीबी ने मुकदमा दर्ज कर लिया है. पूरे मामले को लेकर एसीबी जांच पड़ताल कर रही है.

जयपुर. SOG में सीनियर अधिकारी के नाम पर 2 करोड़ रुपए की घूस मांगे जाने का मामला सामने आया है. जानकारी के मुताबिक SOG में तैनात एडिशनल एसपी सत्यपाल मिड्ढा और इंस्पेक्टर विष्णु खत्री ने परिवादी से 8 करोड़ की घूस मांगी थी. यह घूस एसओजी के उच्च अधिकारी के नाम से मांगी गई थी. एसीबी को दी गई शिकायत में परिवादी की ओर से एसओजी के एक उच्च अधिकारी ने पर्ची पर 8 करोड़ रुपए की घूस की रकम लिखकर दी थी.

एसीबी कर रही है जांच

एडिशनल एसपी सत्यपाल मिड्ढा और इंस्पेक्टर विष्णु खत्री यूनाइटेड स्टेट कोऑपरेटिव सोसाइटी के संचालक को अपने साथ एसओजी के उच्च अधिकारी के पास लेकर गए थे. एसओजी का उच्च अधिकारी मास्क लगाए हुए बैठा था. इस दौरान एसओजी अधिकारी ने परिवादी को पर्ची पर 8 करोड़ रुपए की घूस की रकम लिख कर दी.

इसके एवज में अनियमितताओं में परिवादी के खिलाफ FIR दर्ज नहीं करने की बात कही. मगर परिवादी 8 करोड़ रुपए की रकम को देने को तैयार नहीं हुआ. इसके बाद एसओजी अधिकारी ने पर्ची पर 4 करोड़ रुपए की राशि लिख कर दी. लेकिन परिवादी 4 करोड़ रुपए की रकम देने को तैयार नहीं हुआ. जिसके बाद सत्यपाल मिड्डा और इंस्पेक्टर विष्णु खत्री सोसायटी संचालक को साइड में लेकर गए और रिश्वत नहीं देने की बात पर नाराजगी जताई.

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बाद में 2 करोड़ रुपए की रिश्वत में सौदा तय किया गया. जिसकी पहली किश्त 30 लाख रुपए तय की गई. मगर दो करोड़ रुपए की घूस मांगे जाने के बाद सोसायटी संचालक एसीबी पहुंचा और रिश्वत मांगने की शिकायत दर्ज करवाई. एसीबी ने पूरे मामले का सत्यापन कराया जो कि सही पाया गया. योजना के तहत एसीबी ने एडिशनल एसपी सत्यपाल मिड्डा और इंस्पेक्टर विष्णु खत्री समेत एसओजी के उच्च अधिकारी को अपने जाल में फंसाने के लिए योजना तैयार की.

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योजना के तहत परिवादी इंस्पेक्टर विष्णु खत्री और सत्यपाल की रिकॉर्डिंग करने लगा. मगर इसकी भनक एसओजी के इन तीनों अधिकारियों को लग गई. जैसे ही एसओजी के तीनों अधिकारियों को एसीबी के ट्रैप की भनक लगी तो उन्होंने घूस लेने से मना कर दिया. बाद में परिवादी पर जबरन दबाव बनाया और उसे डरा धमका कर कुबूल करवाया. इस पर परिवादी ने एसीबी की ओर से रिकॉर्डिंग की जाने की बात कुबूल ली. देखते ही देखते एसीबी का ट्रैप फेल हो गया. मगर रिकॉर्डिंग में एसओजी के दोनों अधिकारियों की बातचीत कैद हो गई.

रिकॉर्डिंग के आधार पर सत्यपाल और इंस्पेक्टर विष्णु खत्री ने 2 करोड़ रुपए की घूस लिए जाने की बात स्वीकार की, जिसके बाद एसीबी ने मुकदमा दर्ज कर लिया है. पूरे मामले को लेकर एसीबी जांच पड़ताल कर रही है.

Last Updated : Jul 6, 2020, 7:04 AM IST
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