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विधवा और तलाकशुदा को एक-दूसरे के पदों पर नियुक्ति दी जा सकती है या नहीं, वृहदपीठ करेगी तय - Jaipur News

राजस्थान हाईकोर्ट की खंडपीठ ने सरकारी सेवाओं में विधवा और तलाकशुदा के लिए आरक्षित सीटों पर एक-दूसरे को नियुक्ति देने के बिंदु को तय करने के लिए वृहदपीठ में मामले को भेजने की सिफारिश की है. इसके लिए खंडपीठ ने मामले को मुख्य न्यायाधीश के समक्ष भेजा है.

राजस्थान हाईकोर्ट आदेश, Rajasthan High Court Order
राजस्थान हाईकोर्ट
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Published : Jan 29, 2020, 11:29 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट की खंडपीठ ने सरकारी सेवाओं में विधवा और तलाकशुदा के लिए आरक्षित सीटों पर एक-दूसरे को नियुक्ति देने के बिंदु को तय करने के लिए वृहदपीठ में मामले को भेजने की सिफारिश की है. इसके लिए खंडपीठ ने मामले को मुख्य न्यायाधीश के समक्ष भेजा है. न्यायाधीश सबीना और न्यायाधीश नरेन्द्र सिंह की खंडपीठ ने यह आदेश दंत चिकित्सक भर्ती को लेकर अनिता शर्मा और अन्य की ओर से दायर याचिका पर दिए.

विधवा और तलाकशुदा को एक-दूसरे के पदों पर नियुक्ति दी जा सकती है या नहीं, वृहदपीठ करेगी तय

याचिका में कहा गया कि पूर्व में प्रावधान था कि विधवा और तलाकशुदा के लिए आरक्षित 8 और 2 फीसदी पदों पर इस कोटे की महिलाएं नहीं मिलने पर उसी वर्ग की सामान्य महिलाओं से भरा जाता था. वहीं, सरकार ने 22 दिसंबर 2015 को अधिसूचना जारी कर विधवा कोटे की महिलाएं नहीं मिलने पर इन पदों को तलाकशुदा से और तलाकशुदा कोटे की महिलाएं नहीं मिलने पर इन पदों को विधवा कोटे की महिलाओं से भरने का प्रावधान किया. जिसे चुनौती देते हुए कहा गया कि दोनों कोटे की महिलाओं को एक समान नहीं माना जा सकता.

पढ़ें- सरकारी अस्पतालों में बच्चों की मौत पर हाईकोर्ट ने मांगा जवाब

वहीं, अदालत के सामने आया कि मामले में 2 खंडपीठों ने अलग-अलग आदेश दे रखे हैं. इस पर अदालत ने इस कानूनी बिंदु को तय करने के लिए प्रकरण को वृहदपीठ में भेजने के लिए मुख्य न्यायाधीश के समक्ष सूचीबद्ध करने को कहा है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट की खंडपीठ ने सरकारी सेवाओं में विधवा और तलाकशुदा के लिए आरक्षित सीटों पर एक-दूसरे को नियुक्ति देने के बिंदु को तय करने के लिए वृहदपीठ में मामले को भेजने की सिफारिश की है. इसके लिए खंडपीठ ने मामले को मुख्य न्यायाधीश के समक्ष भेजा है. न्यायाधीश सबीना और न्यायाधीश नरेन्द्र सिंह की खंडपीठ ने यह आदेश दंत चिकित्सक भर्ती को लेकर अनिता शर्मा और अन्य की ओर से दायर याचिका पर दिए.

विधवा और तलाकशुदा को एक-दूसरे के पदों पर नियुक्ति दी जा सकती है या नहीं, वृहदपीठ करेगी तय

याचिका में कहा गया कि पूर्व में प्रावधान था कि विधवा और तलाकशुदा के लिए आरक्षित 8 और 2 फीसदी पदों पर इस कोटे की महिलाएं नहीं मिलने पर उसी वर्ग की सामान्य महिलाओं से भरा जाता था. वहीं, सरकार ने 22 दिसंबर 2015 को अधिसूचना जारी कर विधवा कोटे की महिलाएं नहीं मिलने पर इन पदों को तलाकशुदा से और तलाकशुदा कोटे की महिलाएं नहीं मिलने पर इन पदों को विधवा कोटे की महिलाओं से भरने का प्रावधान किया. जिसे चुनौती देते हुए कहा गया कि दोनों कोटे की महिलाओं को एक समान नहीं माना जा सकता.

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वहीं, अदालत के सामने आया कि मामले में 2 खंडपीठों ने अलग-अलग आदेश दे रखे हैं. इस पर अदालत ने इस कानूनी बिंदु को तय करने के लिए प्रकरण को वृहदपीठ में भेजने के लिए मुख्य न्यायाधीश के समक्ष सूचीबद्ध करने को कहा है.

Intro:बाईट - याचिकाकर्ता के वकील तनवीर अहमद


जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट की खंडपीठ ने सरकारी सेवाओं में विधवा और तलाकशुदा के लिए आरक्षित सीटों पर एक-दूसर को नियुक्ति देने के बिन्दु को तय करने के लिए वृहदपीठ में मामले को भेजने की सिफारिश की है। इसके लिए खंडपीठ ने मामले को मुख्य न्यायाधीश के समक्ष भेजा है। न्यायाधीश सबीना और न्यायाधीश नरेन्द्रसिंह की खंडपीठ ने यह आदेश दंत चिकित्सक भर्ती को लेकर अनिता शर्मा व अन्य की ओर से दायर याचिका पर दिए।Body:याचिका में कहा गया कि पूर्व में प्रावधान था कि विधवा और तलाकशुदा के लिए आरक्षित आठ और दो फीसदी पदों पर इस कोटे की महिलाएं नहीं मिलने पर उसी वर्ग की सामान्य महिलाओं से भरा जाता था। वहीं सरकार ने 22 दिसंबर 2015 को अधिसूचना जारी कर विधवा कोटे की महिलाएं नहीं मिलने पर इन पदों को तलाकशुदा से और तलाकशुदा कोटे की महिलाएं नहीं मिलने पर इन पदों को विधवा कोटे की महिलाओं से भरने का प्रावधान किया। जिसे चुनौती देते हुए कहा गया कि दोनों कोटे की महिलाओं को एक समान नहीं माना जा सकता। वहीं अदालत के सामने आया कि मामले में दो खंडपीठों ने अलग-अलग आदेश दे रखे हैं। इस पर अदालत ने इस कानूनी बिन्दु को तय करने के लिए प्रकरण को वृहदपीठ में भेजने के लिए मुख्य न्यायाधीश के समक्ष सूचीबद्ध करने को कहा है।
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