जयपुर. कांस्टेबल की ओर से सिरोही एसपी पर शराब माफिया के साथ कनेक्शन के गंभीर आरोपों को लेकर पुलिस मुख्यालय में काफी चर्चा चल रही है. डीजीपी समेत अन्य आला अधिकारी इसे लेकर काफी नाराज भी नजर आ रहे हैं. यही कारण है की डीजीपी एमएल लाठर ने इस पूरे प्रकरण पर संज्ञान लेते हुए विजिलेंस शाखा को प्रकरण की जांच करने के निर्देश दिए हैं. अब इस पूरे प्रकरण की जांच डीआईजी स्तर के एक अधिकारी करेंगे.
एडीजी विजिलेंस बीजू जॉर्ज जोसफ के निर्देशन में विजिलेंस के डीआईजी सत्येंद्र सिंह की ओर से सिरोही एसपी पर लगाए गए गंभीर आरोपों की जांच की जाएगी. 1 सप्ताह में उसकी रिपोर्ट पुलिस मुख्यालय में आला अधिकारियों के सामने पेश की जाएगी.
दरअसल सिरोही जिले के एक कांस्टेबल देवेंद्र ने सिरोही एसपी हिम्मत अभिलाष टांक पर 1.50 लाख रुपए मांगने का आरोप लगाते हुए रुपए नहीं देने पर निलंबित करने और इसके साथ ही एसपी की शराब माफियाओं के साथ गठजोड़ होने के आरोप लगाए हैं.
पूर्व में इस पूरे प्रकरण की जांच जोधपुर आईजी द्वारा जालोर जिले के एडिशनल एसपी अनुकृति उज्जैनिया को सौंपी गई थी. लेकिन जैसे जैसे प्रकरण ने तूल पकड़ा वैसे ही पुलिस मुख्यालय के आला अधिकारियों ने इस पूरे प्रकरण पर संज्ञान लेते हुए अब इसकी जांच पुलिस मुख्यालय की विजिलेंस शाखा के डीआईजी स्तर के अधिकारी को सौंपी है.
यह है पूरा मामला
गौरतलब है कि हाल ही में स्वरूपगंज के पास आबकारी टीम ने एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए गुजरात जाने वाली करोड़ों रुपए की अवैध शराब का जखीरा बरामद किया था. मामले में पुलिस के आला अधिकारियों पर मिलीभगत के आरोप भी लगाए गए थे. उसके बाद ही सिरोही जिले के कांस्टेबल देवेंद्र ने एसपी हिम्मत अभिलाष टांक पर संगीन आरोप लगाकर इस पूरे प्रकरण को हाइलाइट कर दिया. फिलहाल विजिलेंस शाखा के डीआईजी सत्येंद्र सिंह की ओर से जांच पूरी कर जो भी रिपोर्ट पुलिस मुख्यालय को सौंपी जाएगी. उसके आधार पर दोषी अधिकारियों के खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाएगा.
प्रकरण में एसीबी की भी जांच जारी
शराब माफियाओं के साथ सिरोही एसपी की सांठगांठ को लेकर कांस्टेबल देवेंद्र की ओर से एसीबी मुख्यालय में भी शिकायत दर्ज करवाई गई है. एसीबी सूत्रों की मानें तो इस पूरे प्रकरण में एसीबी डीजी बीएल सोनी और एडीजी दिनेश एमएन के सुपर विजन में मुख्यालय की विशेष टीम की ओर से जांच की जा रही है. सिरोही एसपी के खिलाफ शिकायत प्राप्त होने पर एसीबी मुख्यालय से एक टीम को अप्रैल माह में सिरोही भी भेजा गया जो इस प्रकरण से संबंधित मजबूत साक्ष्य जुटाने का काम कर रही है. सूत्रों की मानें तो जल्द ही इस पूरे प्रकरण को लेकर एसीबी की ओर से भी बड़ी कार्रवाई की जा सकती है.