जयपुर. 29 नवंबर 2012 को डीएलबी ने शहरी क्षेत्र में कच्ची बस्तियों का सर्वे कर विभागीय परिपत्र जारी किया था. हालांकि, बीते 9 साल में इन कच्ची बस्तियों में पक्के मकान बनकर तैयार हो गए और आधारभूत विकास भी हुआ.
ऐसी कच्ची बस्तियों को डिनोटिफाई कर सामान्य आवासीय क्षेत्रों में शुमार करने के लिए राज्य सरकार ने इसकी जिम्मेदारी संबंधित निकाय की एंपावर्ड कमेटी को दी है. लेकिन शहर में ऐसी कई कच्ची बस्तियां भी हैं जो बीते 9 साल में विकसित हो गईं और सर्वे में शामिल नहीं हुई हैं. ऐसे में ग्रेटर नगर निगम की गंदी बस्ती सुधार समिति ने गैर अधिसूचित कच्ची बस्तियों का सर्वे कराने का फैसला लिया.
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जिसके बाद कच्ची बस्तियों का जल्द से जल्द सर्वे कराने के लिए आयुक्त यज्ञ मित्र सिंह देव ने डीएलबी डायरेक्टर को पत्र लिखकर सर्वे कराए जाने की मांग की है. ताकि प्रशासन शहरों के संग अभियान 2021 में ज्यादा से ज्यादा पट्टे जारी किए जा सकें.
आपको बता दें कि बीते दिनों शहरी क्षेत्रों में बसी कच्ची बस्तियों में आधारभूत विकास होने की स्थिति में उन्हें कच्ची बस्ती की परिभाषा से बाहर किए जाने की मांग उठी थी. ऐसी कच्ची बस्तियों को डिनोटिफाई करने के लिए इसकी जिम्मेदारी संबंधित निकाय की एंपावर्ड कमेटी को दी गई थी. लेकिन अब नया सर्वे कर नई कच्ची बस्तियों को भी चिह्नित करने की मांग उठ रही है, ताकि जरूरतमंद परिवारों को उपयुक्त लाभ मिल सके.