जयपुर. शहर में ऑक्सीजन को लेकर चिंताजनक स्थिति है. फिलहाल ऑक्सीजन की स्थिति नेट नेट चल रही है. यानी जितना उत्पादन हो रहा है, उतनी ही खपत भी हो रही है. यदि आने वाले दिनों में मरीजों की संख्या बढ़ती है, तो ऑक्सीजन को लेकर स्थिति चिंताजनक बन सकती है. यह कहना है कि जयपुर जिला कलेक्टर अंतर सिंह नेहरा का. जिला कलेक्टर अंतर सिंह नेहरा ने गुरुवार को यह जानकारी दी.
जयपुर कलेक्टर अंतर सिंह नेहरा ने कहा कि जयपुर में ऑक्सीजन का जितना उत्पादन हो रहा है, उतनी ही खपत भी हो रही है. उन्होंने बताया कि वर्तमान में ऑक्सीजन औद्योगिक इकाइयों से 5000 सिलेंडर ऑक्सीजन का उत्पादन किया जा रहा है, खपत ज्यादा है. बाहर से जो लिक्विड आता है, उससे भी हमें काफी राहत मिल रही है. यदि बाहर से आने वाली लिक्विड की मात्रा बढ़ जाती है, तो साढ़े तीन हजार सिलेंडर ऑक्सीजन के और भरे जा सकते हैं, जो एक राहत भरी बात हो सकती है.
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जिला प्रशासन की ओर से ऑक्सीजन बनाने वाली 11 औद्योगिक इकाइयों को अधिग्रहित किया गया था और इन्हीं से ऑक्सीजन सिलेंडर भरवाए जा रहे हैं. औद्योगिक इकाइयों पर जिला प्रशासन के अधिकारी भी लगाए हुए हैं, ताकि वे किसी भी इंडस्ट्रीज को ऑक्सीजन के सिलेंडर नहीं दें. ऑक्सीजन औद्योगिक इकाइयों में उत्पादित ऑक्सीजन कोरोना संक्रमित मरीजों के ही काम आए. ऑक्सीजन को लेकर बुधवार को भी प्रशासनिक अधिकारियों ने कलेक्ट्रेट सभागार में चर्चा भी की थी. ऑक्सीजन के लिए जयपुर जिले के नोडल अधिकारी बनाए गए आईएएस अधिकारी रवि जैन ने एक महत्वपूर्ण बैठक लेकर अधिकारियों को विशेष निर्देश भी दिए.