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आपराधिक पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवारों को 15 अप्रैल तक प्रकाशित करवानी होगी आपराधिक मामलों की सूचनाः मुख्य निर्वाचन अधिकारी

प्रदेश की 3 विधानसभाओं में होने वाले उप चुनाव-में चुनाव लड़ने वाले ऐसे उम्मीदवार जिनके विरुद्ध कोई अपराधिक मामले दर्ज हैं, उसकी सूचना प्रिन्ट मीडिया में कम से कम तीन बार अलग-अलग तारीखों में प्रकाशित और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में निर्वाचन क्षेत्र में अनिवार्य रूप से प्रसारित करवानी होगी.

राजस्थान मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता, Rajasthan Assembly By-Election 2021
राजस्थान मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता
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Published : Mar 25, 2021, 7:52 PM IST

जयपुर. प्रदेश की 3 विधानसभाओं में होने वाले उप चुनाव-में चुनाव लड़ने वाले ऐसे उम्मीदवार जिनके विरुद्ध कोई अपराधिक मामले दर्ज हैं, उसकी सूचना प्रिन्ट मीडिया में कम से कम तीन बार अलग-अलग तारीखों में प्रकाशित और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में निर्वाचन क्षेत्र में अनिवार्य रूप से प्रसारित करवानी होगी.

मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता ने बताया कि ऐसे अभ्यर्थी और राजनीतिक दलों की ओर से पहला प्रचार नाम वापसी के प्रथम चार दिनों में यानी (4 से 7 अप्रैल के मध्य), दूसरा प्रचार अगले 5 से 8 दिनों के बीच यानी (8 से 11 अप्रैल के मध्य) और तीसरा प्रचार 9वें दिन से प्रचार अभियान के अंतिम दिन तक (मतदान दिवस से दो दिन पूर्व यानी 12 से 15 अप्रैल के मध्य) करना होगा. उन्होंने बताया कि आपराधिक रिकॉर्ड की सूचना न्यूनतम 75000 से अधिक प्रसार वाले राष्ट्रीय स्तर (3 से अधिक संस्करण) के दैनिक समाचार पत्र (सूचना एवं जनसपंर्क से पंजीकृत) के किसी एक संस्करण में और 25000 प्रसार वाले किसी स्थानीय दैनिक समाचार पत्र में प्रकाशित करवानी होगी.

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गुप्ता ने बताया कि चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों के साथ ऐसे उम्मीदवारों को टिकट देने वाले राजनीतिक दलों को अब अपनी वेबसाइट और सोशल मीडिया मंचों पर अनिवार्य रूप से उसके उम्मीदवारों पर लंबित आपराधिक मामलों समेत पूरा विवरण प्रकाशित करना होगा. ऐसे उम्मीदवारों के चयन की वजहों के बारे में भी सूचित करना होगा, ताकि मतदाता को पूरी जानकारी मिल सके और वे उचित उम्मीदवार का चयन कर सकें.

अतिरिक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी कृष्ण कुणाल ने बताया कि अभ्यर्थी की ओर से फॉर्मेट सी-1 में और राजनैतिक दल की ओर से फॉर्मेट सी-2 में आपराधिक रिकार्ड की सूचना निर्वाचन प्रचार अवधि के दौरान निर्वाचन क्षेत्र में व्यापक रूप से प्रकाशित होने वाले राष्ट्रीय या स्थानीय समाचार पत्रों में और उन संबंधित क्षेत्रों में उपलब्ध लोकप्रिय राष्ट्रीय या स्थानीय टीवी चैनलों में प्रसारित किया जाएगा. प्रसारण सुबह 8 बजे से रात्रि 10 बजे के मध्य न्यूनतम 7 सैकंड्स के लिए लगभग 12 फोंट साइज में अभ्यर्थिता वापिस लेने की अन्तिम तिथि के बाद और मतदान की तिथि से दो दिन पहले के दौरान तीन अवसरों पर अलग-अलग तिथियों को प्रकाशित या प्रसारित करवाई जानी होगी.

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राजनीतिक दलों को भी वेबसाइट पर साझा करनी है जानकारी

अतिरिक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी कृष्ण कुणाल ने बताया कि राजनीतिक दलों को अपनी वेबसाइट, स्थानीय भाषा और राष्ट्रीय भाषा के एक समाचार पत्र सहित फेसबुक और ट्विटर जैसे आधिकारिक सोशल मीडिया मंचों पर प्रसारित करनी होगी. उन्होंने बताया कि आयोग की ओर से तैयार प्रारूप सी-7 का भी प्रकाशन राजनीतिक दलों की ओर से अभ्यर्थी के चयन से 48 घंटे में या नामांकन के प्रथम तिथि से 2 सप्ताह पूर्व, जो भी पहले हो, एक राष्ट्रीय और एक स्थानीय समाचार पत्र में और राजनैतिक दल के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर किया जाएगा.

जयपुर. प्रदेश की 3 विधानसभाओं में होने वाले उप चुनाव-में चुनाव लड़ने वाले ऐसे उम्मीदवार जिनके विरुद्ध कोई अपराधिक मामले दर्ज हैं, उसकी सूचना प्रिन्ट मीडिया में कम से कम तीन बार अलग-अलग तारीखों में प्रकाशित और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में निर्वाचन क्षेत्र में अनिवार्य रूप से प्रसारित करवानी होगी.

मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता ने बताया कि ऐसे अभ्यर्थी और राजनीतिक दलों की ओर से पहला प्रचार नाम वापसी के प्रथम चार दिनों में यानी (4 से 7 अप्रैल के मध्य), दूसरा प्रचार अगले 5 से 8 दिनों के बीच यानी (8 से 11 अप्रैल के मध्य) और तीसरा प्रचार 9वें दिन से प्रचार अभियान के अंतिम दिन तक (मतदान दिवस से दो दिन पूर्व यानी 12 से 15 अप्रैल के मध्य) करना होगा. उन्होंने बताया कि आपराधिक रिकॉर्ड की सूचना न्यूनतम 75000 से अधिक प्रसार वाले राष्ट्रीय स्तर (3 से अधिक संस्करण) के दैनिक समाचार पत्र (सूचना एवं जनसपंर्क से पंजीकृत) के किसी एक संस्करण में और 25000 प्रसार वाले किसी स्थानीय दैनिक समाचार पत्र में प्रकाशित करवानी होगी.

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गुप्ता ने बताया कि चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों के साथ ऐसे उम्मीदवारों को टिकट देने वाले राजनीतिक दलों को अब अपनी वेबसाइट और सोशल मीडिया मंचों पर अनिवार्य रूप से उसके उम्मीदवारों पर लंबित आपराधिक मामलों समेत पूरा विवरण प्रकाशित करना होगा. ऐसे उम्मीदवारों के चयन की वजहों के बारे में भी सूचित करना होगा, ताकि मतदाता को पूरी जानकारी मिल सके और वे उचित उम्मीदवार का चयन कर सकें.

अतिरिक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी कृष्ण कुणाल ने बताया कि अभ्यर्थी की ओर से फॉर्मेट सी-1 में और राजनैतिक दल की ओर से फॉर्मेट सी-2 में आपराधिक रिकार्ड की सूचना निर्वाचन प्रचार अवधि के दौरान निर्वाचन क्षेत्र में व्यापक रूप से प्रकाशित होने वाले राष्ट्रीय या स्थानीय समाचार पत्रों में और उन संबंधित क्षेत्रों में उपलब्ध लोकप्रिय राष्ट्रीय या स्थानीय टीवी चैनलों में प्रसारित किया जाएगा. प्रसारण सुबह 8 बजे से रात्रि 10 बजे के मध्य न्यूनतम 7 सैकंड्स के लिए लगभग 12 फोंट साइज में अभ्यर्थिता वापिस लेने की अन्तिम तिथि के बाद और मतदान की तिथि से दो दिन पहले के दौरान तीन अवसरों पर अलग-अलग तिथियों को प्रकाशित या प्रसारित करवाई जानी होगी.

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राजनीतिक दलों को भी वेबसाइट पर साझा करनी है जानकारी

अतिरिक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी कृष्ण कुणाल ने बताया कि राजनीतिक दलों को अपनी वेबसाइट, स्थानीय भाषा और राष्ट्रीय भाषा के एक समाचार पत्र सहित फेसबुक और ट्विटर जैसे आधिकारिक सोशल मीडिया मंचों पर प्रसारित करनी होगी. उन्होंने बताया कि आयोग की ओर से तैयार प्रारूप सी-7 का भी प्रकाशन राजनीतिक दलों की ओर से अभ्यर्थी के चयन से 48 घंटे में या नामांकन के प्रथम तिथि से 2 सप्ताह पूर्व, जो भी पहले हो, एक राष्ट्रीय और एक स्थानीय समाचार पत्र में और राजनैतिक दल के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर किया जाएगा.

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