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जयपुर : पुनर्वास शिविर में बस्ती के लोगों ने नहीं लिया आवंटन पत्र, की ये मांग

चेतना कच्ची बस्ती के 177 परिवारों का पुनर्वास के लिए शिविर लगाया गया, लेकिन बस्ती के लोगों ने सर्वे किए गए 394 परिवारों का भी पुनर्वास एक साथ करने की मांग की. जिसके चलते उन्होंने आवंटन पत्र नहीं लिए. साथ ही बचे हुए परिवारों का भी सर्वे कराने और दीपावली बाद शिफ्ट होने की बात कही.

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Published : Oct 15, 2019, 6:10 PM IST

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जयपुर. उच्च न्यायालय के आदेशों की पालना करते हुए मोती डूंगरी जोन स्थित चेतना कच्ची बस्ती के परिवारों का जयसिंह पुरा खोर परियोजना में पुनर्वास किया जाना है. इसे लेकर मंगलवार शिविर भी आयोजित किया गया. जिसमें निगम की ओर से 177 परिवारों को जयसिंह पुरा खोर परियोजना के तहत आवास दिए जा रहे हैं. लेकिन लोगों ने विरोध जताते हुए हैं आवंटन पत्र नहीं लिए.

जयपुर में 177 परिवारों का पुनर्वास के लिए लगा शिविर

बता दें कि लोगों ने सर्वे किए गए सभी 394 परिवारों को एक साथ आवंटन पत्र दिए जाने की मांग रखी. साथ ही कहा कि अभी भी कई परिवारों का सर्वे नहीं हुआ है. उन्होंने बताया कि उन्हें 20 किलोमीटर दूर शिफ्ट किया जा रहा है, जो उनके लिये परेशानी का सबब बन रहा है. उन्होंने बच्चों की पढ़ाई और खुद के रोजगार का हवाला देते हुए आवास आगरा रोड में दिये जाने की मांग रखी है और कच्ची बस्ती से दीपावली बाद शिफ्ट होने की बात कही.

वहीं मोती डूंगरी जोन उपायुक्त सुरेश चौधरी ने बताया कि कच्ची बस्ती नियमन के प्रावधानों के तहत 15 अगस्त 2009 से पहले बसे हुए परिवारों का ही पुनर्वास होना है. उसके बाद वालों के लिए कोई निर्देश नहीं है. सर्वे में सामने आया कि 394 में से 177 परिवार प्रावधानों के तहत हैं. जिनके लिए शिविर का आयोजन किया गया.

यह भी पढ़ें : ये कैसा संकट! पति को मिली भारतीय नागरिकता और पत्नी व बच्चे अब भी पाक विस्थापित

हालांकि, उन्होंने कच्ची बस्ती के लोगों की मांग को लेकर सरकार से परमिशन लेने की बात कही है. बहरहाल, चेतना कच्ची बस्ती पुनर्वास के लिए निगम और जेडीए ने कमर तो कस ली है. लेकिन कच्ची बस्ती के लोगों की मांग के आगे आज लगा शिविर व्यर्थ ही साबित हुआ.

जयपुर. उच्च न्यायालय के आदेशों की पालना करते हुए मोती डूंगरी जोन स्थित चेतना कच्ची बस्ती के परिवारों का जयसिंह पुरा खोर परियोजना में पुनर्वास किया जाना है. इसे लेकर मंगलवार शिविर भी आयोजित किया गया. जिसमें निगम की ओर से 177 परिवारों को जयसिंह पुरा खोर परियोजना के तहत आवास दिए जा रहे हैं. लेकिन लोगों ने विरोध जताते हुए हैं आवंटन पत्र नहीं लिए.

जयपुर में 177 परिवारों का पुनर्वास के लिए लगा शिविर

बता दें कि लोगों ने सर्वे किए गए सभी 394 परिवारों को एक साथ आवंटन पत्र दिए जाने की मांग रखी. साथ ही कहा कि अभी भी कई परिवारों का सर्वे नहीं हुआ है. उन्होंने बताया कि उन्हें 20 किलोमीटर दूर शिफ्ट किया जा रहा है, जो उनके लिये परेशानी का सबब बन रहा है. उन्होंने बच्चों की पढ़ाई और खुद के रोजगार का हवाला देते हुए आवास आगरा रोड में दिये जाने की मांग रखी है और कच्ची बस्ती से दीपावली बाद शिफ्ट होने की बात कही.

वहीं मोती डूंगरी जोन उपायुक्त सुरेश चौधरी ने बताया कि कच्ची बस्ती नियमन के प्रावधानों के तहत 15 अगस्त 2009 से पहले बसे हुए परिवारों का ही पुनर्वास होना है. उसके बाद वालों के लिए कोई निर्देश नहीं है. सर्वे में सामने आया कि 394 में से 177 परिवार प्रावधानों के तहत हैं. जिनके लिए शिविर का आयोजन किया गया.

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हालांकि, उन्होंने कच्ची बस्ती के लोगों की मांग को लेकर सरकार से परमिशन लेने की बात कही है. बहरहाल, चेतना कच्ची बस्ती पुनर्वास के लिए निगम और जेडीए ने कमर तो कस ली है. लेकिन कच्ची बस्ती के लोगों की मांग के आगे आज लगा शिविर व्यर्थ ही साबित हुआ.

Intro:जयपुर - चेतना कच्ची बस्ती के 177 परिवारों का पुनर्वास जयसिंह पुरा खोर परियोजना में कराया जा रहा है। लेकिन बस्ती के लोगों ने सर्वे किए गए 394 परिवारों का पुनर्वास एक साथ करने की मांग को लेकर आवंटन पत्र नहीं लिए। साथ ही बचे हुए परिवारों का भी सर्वे कराने और दीपावली बाद शिफ्ट होने की बात कही। जबकि नियमों के तहत 15 अगस्त 2009 से पहले बसे परिवारों का ही पुनर्वास होना है।


Body:उच्च न्यायालय के आदेशों की पालना करते हुए मोती डूंगरी जोन स्थित चेतना कच्ची बस्ती के परिवारों का जयसिंह पुरा खोर परियोजना में पुनर्वास किया जाना है। इसे लेकर आज शिविर भी आयोजित किया गया। जिसमें निगम की ओर से 177 परिवारों को जयसिंह पुरा खोर परियोजना के तहत आवास दिए जा रहे हैं। हालांकि कच्ची बस्ती के लोगों ने विरोध जताते हुए हैं आवंटन पत्र नहीं लिए। लोगों ने सर्वे किए गए सभी 394 परिवारों को एक साथ आवंटन पत्र दिए जाने की मांग रखी। साथ ही कहा कि अभी भी कई परिवारों का सर्वे नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि उन्हें 20 किलोमीटर दूर शिफ्ट किया जा रहा है। जो उनके लिये परेशानी का सबब बन रहा है। उन्होंने बच्चों की पढ़ाई और खुद के रोजगार का हवाला देते हुए आवास आगरा रोड में दिये जाने की मांग रखी। और कच्ची बस्ती से दीपावली बाद शिफ्ट होने की बात कही।
बाईट - प्रभुदयाल सिंगीवाल, चेतना बस्ती निवासी
बाईट - बृजराज, चेतना कच्ची बस्ती

उधर, मोती डूंगरी जोन उपायुक्त सुरेश चौधरी ने बताया कि कच्ची बस्ती नियमन के प्रावधानों के तहत 15 अगस्त 2009 से पहले बसे हुए परिवारों का ही पुनर्वास होना है। उसके बाद वालों के लिए कोई निर्देश नहीं है। सर्वे में सामने आया कि 394 में से 177 परिवार प्रावधानों के तहत हैं। जिनके लिए शिविर का आयोजन किया गया। हालांकि उन्होंने कच्ची बस्ती के लोगों की मांग को दोहराते हुए, सरकार से परमिशन लेने की बात कही।
बाईट - सुरेश चौधरी, उपायुक्त, मोती डूंगरी जोन


Conclusion:बहरहाल, चेतना कच्ची बस्ती पुनर्वास के लिए निगम और जेडीए ने कमर तो कसी, लेकिन कच्ची बस्ती के लोगों की मांग के आगे आज लगा शिविर व्यर्थ ही साबित हुआ।
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