जयपुर. उच्च न्यायालय के आदेशों की पालना करते हुए मोती डूंगरी जोन स्थित चेतना कच्ची बस्ती के परिवारों का जयसिंह पुरा खोर परियोजना में पुनर्वास किया जाना है. इसे लेकर मंगलवार शिविर भी आयोजित किया गया. जिसमें निगम की ओर से 177 परिवारों को जयसिंह पुरा खोर परियोजना के तहत आवास दिए जा रहे हैं. लेकिन लोगों ने विरोध जताते हुए हैं आवंटन पत्र नहीं लिए.
बता दें कि लोगों ने सर्वे किए गए सभी 394 परिवारों को एक साथ आवंटन पत्र दिए जाने की मांग रखी. साथ ही कहा कि अभी भी कई परिवारों का सर्वे नहीं हुआ है. उन्होंने बताया कि उन्हें 20 किलोमीटर दूर शिफ्ट किया जा रहा है, जो उनके लिये परेशानी का सबब बन रहा है. उन्होंने बच्चों की पढ़ाई और खुद के रोजगार का हवाला देते हुए आवास आगरा रोड में दिये जाने की मांग रखी है और कच्ची बस्ती से दीपावली बाद शिफ्ट होने की बात कही.
वहीं मोती डूंगरी जोन उपायुक्त सुरेश चौधरी ने बताया कि कच्ची बस्ती नियमन के प्रावधानों के तहत 15 अगस्त 2009 से पहले बसे हुए परिवारों का ही पुनर्वास होना है. उसके बाद वालों के लिए कोई निर्देश नहीं है. सर्वे में सामने आया कि 394 में से 177 परिवार प्रावधानों के तहत हैं. जिनके लिए शिविर का आयोजन किया गया.
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हालांकि, उन्होंने कच्ची बस्ती के लोगों की मांग को लेकर सरकार से परमिशन लेने की बात कही है. बहरहाल, चेतना कच्ची बस्ती पुनर्वास के लिए निगम और जेडीए ने कमर तो कस ली है. लेकिन कच्ची बस्ती के लोगों की मांग के आगे आज लगा शिविर व्यर्थ ही साबित हुआ.