जयपुर. हाल ही में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की बात को सही ठहराते हुए कहा था कि कोरोना संक्रमण फैलने के लिए हम राजनेता भी कुछ हद तक दोषी हैं. लेकिन शायद गहलोत सरकार के मंत्री इससे इत्तेफाक नहीं रखते हैं. एक तरफ सरकार ने बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए जन अनुशासन पखवाड़े की शुरूआत की. दूसरी तरफ मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास और मेयर मुनेश गुर्जर इसी अनुशासन को भंग करते हुए सोमवार को विकास कार्यों का शिलान्यास करने जा पहुंचे.
वहीं, कोरोना महामारी के बढ़ते प्रकोप के बीच राज्य सरकार ने जन अनुशासन पखवाड़े जैसा बड़ा फैसला लिया है. इसके बावजूद राज्य सरकार के कैबिनेट मंत्री, हेरिटेज निगम की प्रथम नागरिक और आम जनता से जुड़ाव रखने वाले पार्षद ही इसे गंभीरता से नहीं ले रहे हैं. मामला सोमवार सुबह का है, जब परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास, जयपुर हेरिटेज मुनेश गुर्जर वार्ड नंबर 33 सुभाष नगर में सड़कों के डामरीकरण और पार्कों के नवीनीकरण का कार्य का शिलान्यास करने पहुंचे.
ये कार्यक्रम भीड़ के बीच हुआ, यहां ना तो सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखा गया और नाहीं राज्य सरकार की ओर से जारी गाइडलाइन की पालना की गई. साथ ही सार्वजनिक कार्यक्रम पर रोक होने के बावजूद शिलान्यास कार्यक्रम में शामिल होने के संबंध में जब मंत्री से पूछा गया तो वे मुकर गए और गंदे पानी की समस्या से प्रभावित कॉलोनियों का दौरा करने की बात कहकर बचने लगे.
इस कार्यक्रम में मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद थे. जबकि कार्यक्रम की अध्यक्षता मेयर मुनेश गुर्जर ने की. यहां पार्षद मनोज मुद्गल, उमेश शर्मा, मोहम्मद अजहरुद्दीन, वहीद खान और कांग्रेस के दर्जनों नेता मौजूद रहे.