जयपुर. याचिका में कहा गया कि प्रकरण (BVG Company Bribery Case) में याचिकाकर्ता का नाम राजनीतिक द्वेषता के चलते शामिल किया गया है. सत्तारूढ़ पार्टी (Rajasthan Congress) के नेता सार्वजनिक मंच पर उनके खिलाफ (RSS Regional Campaigner Nimbaram) बयानबाजी कर प्रस्ताव पारित कर रहे हैं और उनकी गिरफ्तारी के बयान दे रहे हैं.
प्रकरण में बकाया भुगतान को लेकर जो वीडियो (Viral Video) सामने आया है, उसमें भी रिश्वत को लेकर उनकी ओर से कोई बातचीत नहीं है. ऐसे में एसीबी ने सत्ता के दबाव में आकर एफआईआर (FIR) में याचिकाकर्ता का नाम शामिल किया है. इसलिए एफआईआर से याचिकाकर्ता का नाम हटाया जाए और उनके खिलाफ एसीबी की ओर से की जा रही जांच को रोका जाए.
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गौरतलब है कि वायरल वीडियो के आधार पर एसीबी ने पूर्व मेयर सौम्या गुर्जर के पति राजाराम, बीवीजी कंपनी के प्रतिनिधि ओमकार सप्रे, संदीप चौधरी और निंबाराम के खिलाफ मामला दर्ज किया था. हाल ही में एसीबी ने राजाराम और सप्रे के खिलाफ आरोप पत्र पेश करते हुए चौधरी व निंबाराम के खिलाफ जांच लंबित रखी है. प्रकरण में राजाराम और सप्रे जेल में हैं.
क्या है पूरा मामला...
साल 2017 में तत्कालीन महापौर अशोक लाहोटी ने राजधानी में BVG कंपनी के जरिए डोर टू डोर कचरा संग्रहण करने की योजना की शुरुआत की थी. राजधानी में करीब 527 डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण करने वाली गाड़ियां संचालित हैं. इनमें से BVG की गाड़ियां महज 106 हैं, जबकि 421 गाड़ियां उन वेंडर्स की हैं जिन्हें BVG ने सबलेट किया है, जोकि नियम विरुद्ध है.