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Rajasthan Budget 2022: महिला उद्यमियों की उम्मीद : कृषि बजट की तर्ज पर महिलाओं के ​लिए अलग से बजट हो पेश - Rajasthan Hindi News

23 फरवरी को राज्य सरकार अपना बजट पेश करेगी. ऐसे में प्रदेश की महिलाएं भी बजट को उम्मीद से देख रही हैं. ईटीवी भारत से बातचीत में महिला उद्यमियों ने बिजनेस के लिए सिंगल विंडो, कम दर पर लोन, महिला आत्मनिर्भरता, सुरक्षा और रोजगार जैसी मांगों के बारे में खुलकर बात की. उनका कहना है कि कृषि के लिए अलग से बजट की तर्ज पर महिला विशेष बजट (Businesswomen demands women budget in Rajasthan) भी पेश किया जाना चाहिए.

Women centric budget as special Krishi Budget
कृषि बजट की तर्ज पर महिलाओं के ​लिए अलग से बजट हो पेश
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Published : Feb 22, 2022, 11:24 PM IST

Updated : Feb 23, 2022, 12:55 PM IST

जयपुर. 23 फरवरी को आने वाले राज्य सरकार के आम बजट से प्रदेश की आधी आबादी खास उम्मीद लगाए बैठी है. महिलाओं को उम्मीद है कि गहलोत सरकार के इस बजट के पिटारे में से उनके लिए कुछ ना कुछ खास जरूर निकलेगा. क्या उम्मीद करती हैं महिला उद्यमी, इस पर ईटीवी भारत से बातचीत में महिलाओं ने कहा कि कृषि बजट की तर्ज पर महिलाओं के लिए अलग से बजट पेश (Women centric budget as special Krishi Budget) हो, जिसमे सुरक्षा, स्वास्थ्य, उद्योग, शिक्षा सहित तमाम बिंदु समाहित हों.

फोर्टी महिला विंग की अध्यक्ष नेहा गुप्ता ने कहा कि सरकार के इस बजट से महिला उद्यमियों को खासी उम्मीद है. सरकार इस बजट में महिलाओं उद्यमियों को बढ़ावा देने के लिए महिलाओं में सिंगल विंडो सिस्टम अलग से लागू करें, इसकी मांग लंबे समय की जा रही है. इसके साथ महिलाओं के लिए पर्सनल अकाउंट खोलने की जरूरत है. नेहा ने कहा कि महिला उद्यमियों को प्रोत्साहन देने के लिए विशेष पैकेज की घोषणा हो. प्रोफेसर पूनम मदान ने कहा कि प्रदेश की सरकार को इस बजट में उन महिलाओं का विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए, जिनका इस कोरोना काल में उद्योग प्रभावित हुआ है. बहुत सी ऐसी महिलाएं हैं, जिनके कुटीर उद्योग हैं. ये कोरोना की वजह से बंद हो गए हैं या उनकी बिक्री कम हो गई है. उनके लिए कुछ खास पैकेज की घोषणा सरकार को करना चाहिए. इसके साथ इस बजट में महिलाओं को सिंगल विंडो मिले या सरकार ऐसा पोर्टल बनाए जहां पर महिलाएं अपनी बात पहुंचा सके.

पढ़ें: Rajasthan budget 2022 : आम जनता और किसानों के हितों को ध्यान में रखकर ही पारित किया जाएगा बजट- अर्जुन सिंह बामणिया

डॉक्टर सुनीता वालिया कहती हैं कि यह अच्छी बात है कि इस बार अलग-अलग वर्ग से बजट को लेकर सुझाव लिए गए. खासतौर से महिलाओं से भी रिप्रेजेंटेशन मांगा है. इन सुझावों को शामिल भी किया जाना चाहिए. डॉ सुनीता ने कहा कि आंध्र प्रदेश की सरकार ने महिलाओं के लिए अलग से बजट पेश किया है. आंध्रप्रदेश की तर्ज पर यहां भी महिलाओं के लिए अलग बजट पेश हो. इसमें महिलाओं की सुरक्षा, स्वास्थ्य, उद्योग सहित सभी पहलुओं को शामिल किया जाए. उन्होंने कहा कि सरकार महिला उद्यमियों को एक कंमाइंड पैकेज दे, ताकि वो आत्मनिर्भर बन सकें. उद्यमी नीलम मित्तल कहती हैं कि महिलाओं के लिए उद्योग से जुड़े नियमों का सरलीकरण किया जाए. लोन प्रक्रिया को अधिक से अधिक आसान किया जाए. नीलम ने कहा कि महिलाओं को कम इंटरेस्ट पर ब्याज उपलब्ध हो. इसके साथ ही डिलीवरी के वक्त महिलाओं को मिलने वाली राशि में वृद्धि करने की जरूरत है. 8 हजार की राशि उनके लिए पर्याप्त नहीं है.

पढ़ें: राजस्थान में पहली बार आएगा कृषि बजट, ऐलान से ज्यादा अमल की दरकार

एजुकेशन सेक्टर में काम करने वाली हेमा हरचंदानी कहती हैं कि सरकार की योजनाएं टाइम बाउंड होनी चाहिए. इसके साथ एक ऐसा सेटअप खड़ा करने की जरूरत है, जहां महिलाओं की बात को सुना जा सके. वह भी अपनी बात आसानी से कर सके. हेमा कहती हैं कि सरकार योजनाओं की घोषणा तो करती है, लेकिन उसकी प्रॉपर मॉनिटरिंग हो. यह देखा जाए कि जिस उद्देश्य के साथ योजनाएं लाई जा रही हैं, वह उद्देश्य पूरा हो रही है या नहीं. रीतिका जिंदल और संगीता अग्रवाल कहती हैं कि आधी आबादी सरकार से सुरक्षा और रोजगार मांगती है. उन्होंने कहा कि जो भी बजट आए, उसमें महिलाओं का ध्यान रखा जाए. महिलाएं को बिजनेस में सपोर्ट करने के लिए सरकार को बजट में प्रावधान करने चाहिए.

जयपुर. 23 फरवरी को आने वाले राज्य सरकार के आम बजट से प्रदेश की आधी आबादी खास उम्मीद लगाए बैठी है. महिलाओं को उम्मीद है कि गहलोत सरकार के इस बजट के पिटारे में से उनके लिए कुछ ना कुछ खास जरूर निकलेगा. क्या उम्मीद करती हैं महिला उद्यमी, इस पर ईटीवी भारत से बातचीत में महिलाओं ने कहा कि कृषि बजट की तर्ज पर महिलाओं के लिए अलग से बजट पेश (Women centric budget as special Krishi Budget) हो, जिसमे सुरक्षा, स्वास्थ्य, उद्योग, शिक्षा सहित तमाम बिंदु समाहित हों.

फोर्टी महिला विंग की अध्यक्ष नेहा गुप्ता ने कहा कि सरकार के इस बजट से महिला उद्यमियों को खासी उम्मीद है. सरकार इस बजट में महिलाओं उद्यमियों को बढ़ावा देने के लिए महिलाओं में सिंगल विंडो सिस्टम अलग से लागू करें, इसकी मांग लंबे समय की जा रही है. इसके साथ महिलाओं के लिए पर्सनल अकाउंट खोलने की जरूरत है. नेहा ने कहा कि महिला उद्यमियों को प्रोत्साहन देने के लिए विशेष पैकेज की घोषणा हो. प्रोफेसर पूनम मदान ने कहा कि प्रदेश की सरकार को इस बजट में उन महिलाओं का विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए, जिनका इस कोरोना काल में उद्योग प्रभावित हुआ है. बहुत सी ऐसी महिलाएं हैं, जिनके कुटीर उद्योग हैं. ये कोरोना की वजह से बंद हो गए हैं या उनकी बिक्री कम हो गई है. उनके लिए कुछ खास पैकेज की घोषणा सरकार को करना चाहिए. इसके साथ इस बजट में महिलाओं को सिंगल विंडो मिले या सरकार ऐसा पोर्टल बनाए जहां पर महिलाएं अपनी बात पहुंचा सके.

पढ़ें: Rajasthan budget 2022 : आम जनता और किसानों के हितों को ध्यान में रखकर ही पारित किया जाएगा बजट- अर्जुन सिंह बामणिया

डॉक्टर सुनीता वालिया कहती हैं कि यह अच्छी बात है कि इस बार अलग-अलग वर्ग से बजट को लेकर सुझाव लिए गए. खासतौर से महिलाओं से भी रिप्रेजेंटेशन मांगा है. इन सुझावों को शामिल भी किया जाना चाहिए. डॉ सुनीता ने कहा कि आंध्र प्रदेश की सरकार ने महिलाओं के लिए अलग से बजट पेश किया है. आंध्रप्रदेश की तर्ज पर यहां भी महिलाओं के लिए अलग बजट पेश हो. इसमें महिलाओं की सुरक्षा, स्वास्थ्य, उद्योग सहित सभी पहलुओं को शामिल किया जाए. उन्होंने कहा कि सरकार महिला उद्यमियों को एक कंमाइंड पैकेज दे, ताकि वो आत्मनिर्भर बन सकें. उद्यमी नीलम मित्तल कहती हैं कि महिलाओं के लिए उद्योग से जुड़े नियमों का सरलीकरण किया जाए. लोन प्रक्रिया को अधिक से अधिक आसान किया जाए. नीलम ने कहा कि महिलाओं को कम इंटरेस्ट पर ब्याज उपलब्ध हो. इसके साथ ही डिलीवरी के वक्त महिलाओं को मिलने वाली राशि में वृद्धि करने की जरूरत है. 8 हजार की राशि उनके लिए पर्याप्त नहीं है.

पढ़ें: राजस्थान में पहली बार आएगा कृषि बजट, ऐलान से ज्यादा अमल की दरकार

एजुकेशन सेक्टर में काम करने वाली हेमा हरचंदानी कहती हैं कि सरकार की योजनाएं टाइम बाउंड होनी चाहिए. इसके साथ एक ऐसा सेटअप खड़ा करने की जरूरत है, जहां महिलाओं की बात को सुना जा सके. वह भी अपनी बात आसानी से कर सके. हेमा कहती हैं कि सरकार योजनाओं की घोषणा तो करती है, लेकिन उसकी प्रॉपर मॉनिटरिंग हो. यह देखा जाए कि जिस उद्देश्य के साथ योजनाएं लाई जा रही हैं, वह उद्देश्य पूरा हो रही है या नहीं. रीतिका जिंदल और संगीता अग्रवाल कहती हैं कि आधी आबादी सरकार से सुरक्षा और रोजगार मांगती है. उन्होंने कहा कि जो भी बजट आए, उसमें महिलाओं का ध्यान रखा जाए. महिलाएं को बिजनेस में सपोर्ट करने के लिए सरकार को बजट में प्रावधान करने चाहिए.

Last Updated : Feb 23, 2022, 12:55 PM IST
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