जयपुर. पुलिस थाने में अपने क्षेत्र के फरियादी की गुहार नहीं सुनने से नाराज उद्योग मंत्री परसादी लाल मीणा जब खुद फरियादी बनकर मंगलवार को जनसुनवाई में मंत्री शांति धारीवाल के समक्ष पहुंचे, तो भाजपा ने भी इस पूरे घटनाक्रम को लेकर गहलोत सरकार पर ही जुबानी हमला बोलना शुरू कर दिया. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने इस घटनाक्रम को प्रदेश में बिगड़ती कानून व्यवस्था की एक बानगी बताया है.
साथ ही पूनिया ने कहा है कि यह घटना साबित करती है कि गहलोत सरकार के कार्यकाल में ब्यूरोक्रेसी सर चढ़कर बोल रही है और जनप्रतिनिधियों की कहीं सुनवाई नहीं हो रही है. पूनिया के अनुसार केवल परसादी लाल मीणा ही नहीं बल्कि पूर्व में विश्वेंद्र सिंह और प्रमोद जैन भाया सहित कई मंत्री और पूर्व मंत्रियों ने सार्वजनिक रूप से इस बात को स्वीकार किया है कि इस सरकार कि ब्यूरोक्रेसी में जनप्रतिनिधियों की ही सुनवाई नहीं होती. पूनिया ने कहा कि इस घटनाक्रम से सरकार की एक बड़ी कमजोरी सबके सामने उजागर हुई है.
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वहीं, राज्य महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष और भाजपा नेता सुमन शर्मा ने भी इस मामले में प्रदेश सरकार पर जुबानी हमला बोला है. शर्मा के अनुसार जब प्रदेश में सरकार के मंत्रियों की ही सुनवाई नहीं हो रही तो आम जनता की सुनवाई कैसे होगी. शर्मा ने कहा कि प्रदेश की कानून व्यवस्था पूरी तरह पटरी से उतर चुकी है और अब तो सरकार के मंत्री भी इसका सबूत देने लगे हैं.
गौरतलब है कि मंगलवार को पीसीसी में यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल जन सुनवाई कर रहे थे, उस दौरान उद्योग मंत्री परसादी लाल मीणा अपने क्षेत्र के एक फरियादी के साथ यहां आ पहुंचे और धारीवाल को परिवेदना देकर ब्रह्मपुरी पुलिस थाने में शिकायत दर्ज नहीं होने की बात कही. साथ में यह भी कहा कि मैंने भी पुलिस थाने में अपने क्षेत्र के फरियादी की शिकायत दर्ज करने के लिए कहा था लेकिन उस पर भी कोई कार्रवाई नहीं की गई.