जयपुर. बीटीपी और भील प्रदेश मुक्ति मोर्चा ने एक बार फिर से भील प्रदेश बनाए जाने की मांग तेज कर दी है. राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के कई जिलों में इसके लिए पार्टी और संगठन से जुड़े कार्यकर्ताओं ने राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन भी सौंपा है. हालांकि, भाजपा ने बीटीपी की इस मांग की निंदा की है और इसे जनजाति वर्ग को तोड़ने की साजिश करार दिया है.
भारतीय जनता पार्टी अनुसूचित जनजाति मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष जितेंद्र मीणा ने एक बयान जारी कर भारतीय ट्राइबल पार्टी और भील प्रदेश मुक्ति मोर्चा के इस आंदोलन को सियासी आंदोलन करार दिया है और इस प्रकार की मांग को निरर्थक बताया है.
मीणा ने कहा कि आज बांसवाड़ा सहित कुछ जिलों में हमारे जनजाति वर्ग के भाई जो भटके हुए हैं वो निरर्थक मांग कर रहे हैं, जिसका कोई अर्थ नहीं है. मीणा के अनुसार यह शुद्ध रूप से जनजाति वर्ग को तोड़ने की नाकाम कोशिश है और कुछ लोग अपने राजनीतिक मंसूबों के तहत यह काम कर रहे हैं जो कभी कामयाब नहीं होंगे.
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जितेंद्र मीणा ने कहा कि यह वही लोग हैं, जिन्होंने पूर्व में खुद को हिंदू समाज से भी अलग तक बता दिया. इनका मकसद जनजाति वर्ग को तोड़ना है, ताकि इनकी राजनीति चमक सके, लेकिन उसमें यह कामयाब नहीं होंगे.
बता दें, भारतीय ट्राइबल पार्टी पहले भी जनजाति क्षेत्रों से जुड़े विभिन्न प्रदेशों के अलग-अलग जिलों को जोड़कर एक अलग भील प्रदेश बनाए जाने की मांग कर चुकी है. अब उसी मामले में गुरुवार को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन भी सौंपा गया है, जिसकी भाजपा ने निंदा की है.