जयपुर. राजस्थान विधानसभा चुनाव में भले ही दो साल का समय है लेकिन भारतीय ट्राइबल पार्टी (BTP) और राजस्थान डेमोक्रेटिक फ्रंट (RDF) ने अभी से तीसरे मोर्चे के लिए सियासी जमीन तलाशना शुरू कर दी है. आज दोनों संगठनों के नेताओं ने जयपुर में प्रेस वार्ता (BTP-RDF Press Conference) कर कहा कि वे समान विचारधारा वाली छोटी पार्टियों से बातचीत कर राजस्थान में भाजपा-कांग्रेस का मजबूत विकल्प बनेंगे.
BTP के प्रदेशाध्यक्ष डॉ. वेलाराम घोघरा ने कहा कि कांग्रेस और भाजपा करीब 70 साल से बारी-बारी से प्रदेश में राज कर रही है. इसके बावजूद भी आज राजस्थान के आम मतदाताओं में दोनों के प्रति सवाल खड़े हो रहे हैं. ऐसे में छोटी पार्टियां आपस में मिलकर कैसे लोगों की आवाज बन सकती हैं. इसका प्रयास किया जा रहा है. छोटी पार्टियों को एक मंच पर लाकर जनता की आवाज मुखर करने के उद्देश्य से उनकी पार्टी बीटीपी और आरडीएफ साझा प्रयास कर रही हैं.
उनका कहना है कि जब कांग्रेस सरकार (Congress Government) संकट में थी तो बीटीपी के दो विधायकों ने समर्थन देकर सरकार बचाई थी. ऐसे में यदि मंत्रिमंडल पुनर्गठन (BTP on Gehlot Cabinet Reorganisation) में बीटीपी के विधायकों को मंत्री बनाया जाता तो यह अच्छा होता.
उन्होंने कहा कि राज्य में महिलाओं, एसटी, एससी, ओबीसी और अल्पसंख्यकों के हकों की लगातार उपेक्षा की जा रही है. उनकी आवाज को भी मुखर करने का काम तीसरे मोर्चे द्वारा किया जाएगा. राजस्थान डेमोक्रेटिक फ्रंट के संस्थापक अध्यक्ष डॉ. गजेंद्र सिंह हीदा ने कहा कि राजस्थान डेमोक्रेटिक फ्रंट बेरोजगारों और महिलाओं की आवाज को मजबूती देने के साथ ही भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ने का काम कर रहा है लेकिन बिना राजनीतिक सहभागिता के संगठन को अपने उद्देश्यों में आशातीत सफलता नहीं मिल पा रही है. इसलिए यह आवश्यकता महसूस की गई कि छोटी पार्टियों का भी आपस में गठबंधन (BTP RDF alliance) होना चाहिए. जिससे उनके की ओर से उठाए गए मुद्दों को गंभीरता से लिया जाए. क्योंकि भले ही ये पार्टियां छोटी हैं. लेकिन जो मुद्दे उठती हैं. उनका आमजन से सरोकार होता है.
प्रदेशाध्यक्ष बोले- बीटीपी में कोई गुटबाजी नहीं, आपस के कुछ मुद्दे जल्द निपटा लेंगे
धरियावाद विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव (Dhariyawad byelection) में हुए घटनाक्रम के बाद बीटीपी में गुटबाजी के सवाल पर प्रदेशाध्यक्ष घोघरा ने कहा कि तकनीकी गलती से वह सब हुआ था. पार्टी में कोई गुटबाजी या दो फाड़ नहीं है. यह पार्टी का अंदरूनी मामला है. जिसे दुरुस्त कर लिया जाएगा. बता दें कि इस उपचुनाव में पार्टी ने किसी अन्य प्रत्याशी को टिकट दिया. जबकि विधायकों ने अन्य प्रत्याशी को समर्थन दे दिया था.