जयपुर. सात समंदर पार जाकर राजस्थान के इस लाल ने लंदन की ब्रुनेल यूनिवर्सिटी के छात्रसंघ चुनाव में चौथी बार अध्यक्ष पद पर काबिज होकर जीत का डंका बजाया है. हम बात कर रहे है राजस्थान के पाली जिले के धुंधला गांव के रहने वाले रणजीत सिंह राठौड़ की. रणजीत लंदन की ब्रुनेल यूनिवर्सटी में कानून की पढ़ाई कर रहे है. लंदन की इस यूनिवर्सिटी में 150 देशों के करीब 15 हजार विद्यार्थी अध्ययनरत है.
रणजीत पहले भारतीय छात्र नेता बने
रणजीत साल 2016 में पहली बार ब्रुनेल यूनिवर्सिटी के छात्रसंघ अध्यक्ष बने थे और ये पहली बार है जब किसी भारतवंशी को अंतरराष्ट्रीय छात्रसंघ का अध्यक्ष निर्वाचित किया गया है. रणजीत के कार्यों से खुश होकर विद्यार्थियों ने चौथी बार रणजीत को छात्रसंघ अध्यक्ष बनाया है, रणजीत ने बताया कि यहां की स्टूडेंट राजनीति और वहां की स्टूडेंट राजनीति में बहुत अंतर है.
भारत में स्टूडेंट राजनीति से ही जाति के नाम पर वोट बटोरना शुरू हो जाता है, लेकिन वहां पर स्टूडेंट की क्षमता के अनुसार वोट दिए जाते है. उन्होंने कहा कि यहां पर स्टूडेंट यूनियन के पदाधिकारी बनने के बाद स्टूडेंट एमपी, एमएलए या फिर पार्षद के चुनावों में अपनी रुचि दिखाता है, लेकिन वहां के स्टूडेंट्स यूनियन के पदधिकारी सीधे प्रेसिडेंट के चुनाव लड़ते है.
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दुष्कर्म और लिंचिंग से यूके में भारत की नकारात्मक छवि
रणजीत सिंह बताते है कि यूके में भारत को बहुत सकारात्मक छवि है. वहां भारतीय को बहुत मेहनती और ईमादार माना जाता है, लेकिन वहीं दूसरी ओर लोगों में दुष्कर्म और लिंचिंग जैसे मामलों को लेकर भारत की नकारात्मक छवि भी देखने को मिलती है. रणजीत ने अपना उदहारण देते हुए कहा कि मैं जब वहां भारत के बारे में अच्छी अच्छी बातें बताता हूं तो लोग मुझे लिंचिंग और दुष्कर्म के बढ़ते मामलों के बारे में पूछते है, जो बहुत बुरा भी लगता है.
स्टूडेंट यूनियन के अध्यक्ष पद पर रहकर अब तक किए ये काम
रणजीत ने चार बार स्टूडेंट यूनियन के अध्यक्ष पद पर रहकर वहां पर रहने वाले 160 देशों के स्टूडेंट्स के बीच में कल्चर एक्सचेंज प्रोग्राम कार्यक्रम करवाए. सभी एक दूसरे के त्योहारों को बड़ी धूमधाम के साथ सेलिब्रेट करते है. वहीं दूसरा काम रणजीत ने दो साल का पोस्ट स्टडी वीजा चालू करवाया. जिससे स्टूडेंट वहां पर पढ़ने के साथ साथ काम भी कर सकें. इसी के साथ स्पोर्ट्स की भी कई गतिविधियों को करवाया गया.