जयपुर. गली में श्वान का झुंड देखकर शायद आप सहम जाएं. लेकिन प्रिया सिंह के लिए यह रोजमर्रा की बात है. वे आवारा डॉग्स के लिए भोजन सामग्री लेकर पहुंचती हैं और श्वान समूह उन्हें घेर लेता है. प्रिया इन डॉग्स को वैसे ही स्नेह करती हैं, जैसे आमतौर पर लोग अपने पैट्स से करते हैं.
जयपुर के जवाहर नगर में रहने वाली प्रिया सिंह का पशु प्रेम देखते ही बनता है. प्रिया का जीवन कभी सहज नहीं रहा. सामाजिक और पारिवारिक स्तर पर संघर्ष के दौर से गुजरीं, अपने गांव से जयपुर आकर रहीं, संघर्ष कर एक मुकाम हासिल किया और अब पशु प्रेमी के तौर पर लोग उन्हें जानते हैं. प्रिया को कहीं से भी आवारा श्वान के घायल होने की सूचना मिलती है तो वे उसके उपचार और देखभाल के लिए निकल पड़ती हैं.
टीम के साथ करती हैं पशु सेवा
प्रिया कहती हैं कि जानवर अपना दर्द कह नहीं सकता. इसलिए उन्हें केयर की ज्यादा जरूरत है. हम अपनी टीम के साथ निकलते हैं. घायल जानवरों की सेवा करते हैं. उन्हें उपचार के साथ प्यार भी देते हैं. पांच लोगों की यह टीम आपसी सहयोग से पशुओं के लिए दवाओं और खाद्य सामग्री का इंतजाम करती है.
राजस्थान की पहली महिला बॉडी बिल्डर
प्रिया सिंह राजस्थान की पहली महिला बॉडी बिल्डर भी हैं. इस क्षेत्र में बात करने से पहले उनके पशु प्रेम के बारे में आपको बताते हैं. प्रिया न सिर्फ आवारा घायल श्वानों के उपचार में मदद करती हैं, रोजाना 100 से ज्यादा श्वानों के भोजन का प्रबंध भी करती हैं. वे कहती हैं कि हर व्यक्ति को अपने स्तर पर आवारा पशुओं के लिए कुछ सहयोग जरूर करना चाहिए. क्योंकि ये हम पर ही निर्भर हैं.
![राजस्थान की महिला बॉडी बिल्डर प्रिया सिंह](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/img-20211023-wa0011_2310newsroom_1634977025_184.jpg)
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दिन में जिम, शाम में श्वान सेवा
प्रिया के दिन का अधिकतर हिस्सा जिम में बीतता है. वहां अपने प्रोफेशन के काम निपटाकर वे शाम को अपनी कार में श्वानों के लिए भोजन लेकर निकल पड़ती हैं. आवारा पशुओं पर अत्याचार के खिलाफ भी प्रिया आवाज उठाती रही हैं. प्रिया का कहना है कि बॉडी बिल्डिंग में पैशन है तो जीवों की सेवा मेरा काम. आवारा श्वानों को कब से भोजन दे रही हैं, इस सवाल पर वे कहती हैं कि लॉकडाउन के दौरान जब सब कुछ बंद था तो इन श्वानों का ख्याल आया, तभी से इनके लिए अपने स्तर पर भोजन पानी और उपचार की व्यवस्था कर रही हूं. अब यह जीवन का हिस्सा बन गया है.
![राजस्थान की महिला बॉडी बिल्डर प्रिया सिंह](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/13435913_tdadsg.jpg)
घायल पशु को असहाय नहीं छोड़ा
एक अनुमान के मुताबिक जयपरु शहर में 30 हजार से ज्यादा आवारा श्वान हैं. ये सच है कि आवारा श्वान के कारण लोगों को परेशानी होती है. कभी कभी श्वानों के काटने की खबरें भी आती हैं. लोग अपनी परेशानी जाहिर कर देते हैं. लेकिन ये सभी आवारा श्वान हमारे समाज पर ही निर्भर हैं. आवारा पशुओं से होने वाली परेशानी का जिक्र तो लोग करते हैं लेकिन सड़क पर आवारा पशु को घायल देखकर कोई उसकी मदद के लिए नहीं रुकता. लेकिन प्रिया ने कभी किसी घायल जानवर को असहाय नहीं छोड़ा.
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चुनौतियों के बाद बॉडी बिल्डिंग में बनाया मुकाम
प्रिया सिंह जब जयपुर आईं और बॉडी बिल्डिंग के क्षेत्र में उतरीं तो यह उनकी रुचि का खेल नहीं था. परिवार आर्थिक तौर पर चुनौतियों का सामना कर रहा था. इस बीच प्रिया ने उस क्षेत्र में कदम रखा जिसे आमतौर पर पुरुषों का माना जाता है. जब उन्होंने बॉडी बिल्डिंग शुरू की तो परिवार और समाज के लोगों की आलोचना भी सहनी पड़ी. परिवारजन उन्हें दूसरे क्षेत्र में जाने को कहते थे. लेकिन प्रिया मानती हैं कि बॉडी-बिल्डिंग एक इंटरनेशनल लेवल का ग्रेसफुल स्पोर्ट्स है, अन्य खेलों की तरह इसमें भी वही चुनौतियां हैं जो कभी मैरीकॉम या गीता फोगाट के सामने आई होंगी.
प्रिया कहती हैं कि जब आपकी आलोचना होती है तो हौसला अफजाई करने वाले लोग भी मिल ही जाते हैं. बॉडी बिल्डिंग कॉम्पिटिशन में जब वे उतरीं तो उनके लिए तालियों की कमी नहीं रही. प्रिया ने कड़ी मेहनत कर अपना वजन घटाया और फिटनेस के लिए जमकर पसीना बहाया.
वे राजस्थान की पहली महिला बॉडी बिल्डर का खिताब जीत चुकी हैं. इसके अलावा वे 2018, 2019 और 2020 में मिस राजस्थान रह चुकी हैं. वे सरगम क्लासिक में चौथे स्थान पर रहीं, बॉस क्लासिक में दूसरे स्थान पर और मिस इंडिया कंपीटीशन में टॉप 20 में भी शुमार हुईं.