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अजमेर में खिला कमल : भाजपा का मिशन 60 नहीं हुआ पूरा, लेकिन बहुमत से ज्यादा मिली जीत

भाजपा ने नगर निगम चुनाव में शानदार जीत दर्ज करवाई है. लेकिन इस जीत को कांग्रेस की कमजोरी भी माना जा रहा है. कांग्रेस की तरह भाजपा में भी बगावत सुर तेज थे. भाजपा चुनाव में अपने खिलाफ उठते बगावत के सुर को कम तो नहीं कर पाई लेकिन डेमेज कंट्रोल जरूर भाजपा ने कर लिया.

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अजमेर नगर निगम में भाजपा की बड़ी जीत
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Published : Jan 31, 2021, 10:02 PM IST

अजमेर. अजमेर में जिला परिषद के चुनाव की तरह भाजपा का प्रदर्शन नगर निगम में भी शानदार रहा है. जिला प्रमुख चुनाव से सबक लेते हुए भाजपा ने अपने जीते हुए प्रत्याशियों को बाड़ेबंदी में ही रखा है. भाजपा ने नगर निगम के 80 वार्डों में से 48 वार्डों में जीत दर्ज करवाई है. हालांकि भाजपा चुनाव मिशन 60 का संकल्प लेकर चल रही थी.

अजमेर नगर निगम में भाजपा की बड़ी जीत

भाजपा ने नगर निगम चुनाव में शानदार जीत दर्ज करवाई है. लेकिन इस जीत को कांग्रेस की कमजोरी भी माना जा रहा है. कांग्रेस की तरह भाजपा में भी बगावत सुर तेज थे. भाजपा चुनाव में अपने खिलाफ उठते बगावत के सुर को कम तो नहीं कर पाई लेकिन डेमेज कंट्रोल जरूर भाजपा ने कर लिया. पार्टी ने अजमेर उत्तर विधायक वासुदेव देवनानी और दक्षिण क्षेत्र विधायक अनिता भदेल को टिकट वितरण के लिए फ्री हैंड कर दिया था. दोनों विधायकों ने अपने-अपने क्षेत्रों में अपने मुताबिक टिकट बांटे.

टिकट वितरण के बाद भाजपा के कई कार्यकर्ताओं ने बागी के रूप में चुनाव में ताल ठोंक दी. ऐसे में बागियों से निपट नहीं पाने पर भाजपा ने वार्डों में डेमेज कंट्रोल किया. वहीं कांग्रेस में भितरघात और गुटबाजी का फायदा जमकर उठाया. भाजपा से अजमेर दक्षिण विधायक अनिता भदेल का कहना है कि कांग्रेस तिनका-तिनका बिखर चुकी है. गहलोत और सचिन पायलट की लड़ाई का असर नीचे तक हो रहा है.

पढ़ें- अजमेर नगर निकाय चुनाव के परिणाम घोषित, BJP के 48 प्रत्याशियों ने ली शपथ

अजमेर में कांग्रेस नेताओ की गुटबाजी चरम पर है. भदेल ने कहा कि गहलोत सरकार के दो वर्ष के कुशासन और जनहितकारी योजनाओ को बंद करने का परिणाम कांग्रेस को भुगतना पड़ा है. जनता ने कांग्रेस पर अविश्वास जताया है. इधर अजमेर उत्तर से विधायक देवनानी ने कहा कि कांग्रेस का जनाधार घटा है. मनमाफिक परिसीमन करने के बाद भी कांग्रेस की मंशा अजमेर नगर निगम में बोर्ड बनाने की पूरी नही हो पाई.

बीजेपी से करीब सभी दिग्गज चुनाव जीतने में सफल हुए हैं. भाजपा शहर अध्यक्ष डॉ प्रियशील हाड़ा की पत्नी ब्रजलता हाड़ा चुनाव जीत गई हैं. ब्रजलता मेयर पद की दावेदार हैं. वहीं वंदना नरवाल चुनाव हार गई हैं. वंदना पूर्व पार्षद अनिल नरवाल की पत्नी हैं और मेयर पद की दावेदार मानी जा रही थी. राजनीति में पहला कदम रखते हुए हार का सामना करने वाली नेहा भाटी भी चुनाव हार गई हैं. नेहा भाटी का नाम भी मेयर के लिए चर्चा में था.

पार्टी सूत्रों के मुताबिक वार्ड 21 से चुनाव जीती किरण तुंगरिया का नाम भी भाजपा के एक बड़े नेता ने सुझाया है. इसके पीछे दलील दी गई है कि पार्टी की विधायक और शहर अध्यक्ष कोली समाज से हैं. ऐसे में मेयर एससी वर्ग में अन्य समाज की महिला की होनी चाहिए.

पढ़ें- अजमेर नगर निगम चुनाव परिणाम : कांग्रेस को जबरदस्त झटका...महज 18 वार्ड जीत पाई कांग्रेस

चुनाव में सबसे अधिक मतों से विजय हासिल करने का रिकॉर्ड इस बार भी ज्ञान सारस्वत के नाम रहा है. सारस्वत डिप्टी मेयर पद के दावेदार हैं. इसके अलावा पार्टी के दिग्गज रमेश सोनी, रमेश चेनानी, धर्मेंद्र सिंह, भाजपा की प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य एवं पूर्व सभापति सुरेंद्र सिंह शेखावत भी अपने भतीजे की पत्नी अंजना शेखावत ने जीत हासिल की है. पार्टी के प्रदेश मीडिया प्रभारी नीरज जैन को सबसे कम अंतर से जीत मिली है.

अजमेर नगर निगम का मेयर पद एससी महिला के लिए आरक्षित है. वहीं डिप्टी मेयर का पद सामान्य वर्ग के लिए है. भाजपा में मेयर पद को लेकर ब्रजलता हाडा के नाम पर एक मत दिखाई पड़ा है लेकिन डिप्टी मेयर पद को लेकर कई दावेदार हैं.

अजमेर. अजमेर में जिला परिषद के चुनाव की तरह भाजपा का प्रदर्शन नगर निगम में भी शानदार रहा है. जिला प्रमुख चुनाव से सबक लेते हुए भाजपा ने अपने जीते हुए प्रत्याशियों को बाड़ेबंदी में ही रखा है. भाजपा ने नगर निगम के 80 वार्डों में से 48 वार्डों में जीत दर्ज करवाई है. हालांकि भाजपा चुनाव मिशन 60 का संकल्प लेकर चल रही थी.

अजमेर नगर निगम में भाजपा की बड़ी जीत

भाजपा ने नगर निगम चुनाव में शानदार जीत दर्ज करवाई है. लेकिन इस जीत को कांग्रेस की कमजोरी भी माना जा रहा है. कांग्रेस की तरह भाजपा में भी बगावत सुर तेज थे. भाजपा चुनाव में अपने खिलाफ उठते बगावत के सुर को कम तो नहीं कर पाई लेकिन डेमेज कंट्रोल जरूर भाजपा ने कर लिया. पार्टी ने अजमेर उत्तर विधायक वासुदेव देवनानी और दक्षिण क्षेत्र विधायक अनिता भदेल को टिकट वितरण के लिए फ्री हैंड कर दिया था. दोनों विधायकों ने अपने-अपने क्षेत्रों में अपने मुताबिक टिकट बांटे.

टिकट वितरण के बाद भाजपा के कई कार्यकर्ताओं ने बागी के रूप में चुनाव में ताल ठोंक दी. ऐसे में बागियों से निपट नहीं पाने पर भाजपा ने वार्डों में डेमेज कंट्रोल किया. वहीं कांग्रेस में भितरघात और गुटबाजी का फायदा जमकर उठाया. भाजपा से अजमेर दक्षिण विधायक अनिता भदेल का कहना है कि कांग्रेस तिनका-तिनका बिखर चुकी है. गहलोत और सचिन पायलट की लड़ाई का असर नीचे तक हो रहा है.

पढ़ें- अजमेर नगर निकाय चुनाव के परिणाम घोषित, BJP के 48 प्रत्याशियों ने ली शपथ

अजमेर में कांग्रेस नेताओ की गुटबाजी चरम पर है. भदेल ने कहा कि गहलोत सरकार के दो वर्ष के कुशासन और जनहितकारी योजनाओ को बंद करने का परिणाम कांग्रेस को भुगतना पड़ा है. जनता ने कांग्रेस पर अविश्वास जताया है. इधर अजमेर उत्तर से विधायक देवनानी ने कहा कि कांग्रेस का जनाधार घटा है. मनमाफिक परिसीमन करने के बाद भी कांग्रेस की मंशा अजमेर नगर निगम में बोर्ड बनाने की पूरी नही हो पाई.

बीजेपी से करीब सभी दिग्गज चुनाव जीतने में सफल हुए हैं. भाजपा शहर अध्यक्ष डॉ प्रियशील हाड़ा की पत्नी ब्रजलता हाड़ा चुनाव जीत गई हैं. ब्रजलता मेयर पद की दावेदार हैं. वहीं वंदना नरवाल चुनाव हार गई हैं. वंदना पूर्व पार्षद अनिल नरवाल की पत्नी हैं और मेयर पद की दावेदार मानी जा रही थी. राजनीति में पहला कदम रखते हुए हार का सामना करने वाली नेहा भाटी भी चुनाव हार गई हैं. नेहा भाटी का नाम भी मेयर के लिए चर्चा में था.

पार्टी सूत्रों के मुताबिक वार्ड 21 से चुनाव जीती किरण तुंगरिया का नाम भी भाजपा के एक बड़े नेता ने सुझाया है. इसके पीछे दलील दी गई है कि पार्टी की विधायक और शहर अध्यक्ष कोली समाज से हैं. ऐसे में मेयर एससी वर्ग में अन्य समाज की महिला की होनी चाहिए.

पढ़ें- अजमेर नगर निगम चुनाव परिणाम : कांग्रेस को जबरदस्त झटका...महज 18 वार्ड जीत पाई कांग्रेस

चुनाव में सबसे अधिक मतों से विजय हासिल करने का रिकॉर्ड इस बार भी ज्ञान सारस्वत के नाम रहा है. सारस्वत डिप्टी मेयर पद के दावेदार हैं. इसके अलावा पार्टी के दिग्गज रमेश सोनी, रमेश चेनानी, धर्मेंद्र सिंह, भाजपा की प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य एवं पूर्व सभापति सुरेंद्र सिंह शेखावत भी अपने भतीजे की पत्नी अंजना शेखावत ने जीत हासिल की है. पार्टी के प्रदेश मीडिया प्रभारी नीरज जैन को सबसे कम अंतर से जीत मिली है.

अजमेर नगर निगम का मेयर पद एससी महिला के लिए आरक्षित है. वहीं डिप्टी मेयर का पद सामान्य वर्ग के लिए है. भाजपा में मेयर पद को लेकर ब्रजलता हाडा के नाम पर एक मत दिखाई पड़ा है लेकिन डिप्टी मेयर पद को लेकर कई दावेदार हैं.

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