ETV Bharat / city

बागियों को मनाने में जुटी भाजपा, पूनिया बोले- ज्यादा दावेदार अच्छे, कांग्रेस की दुकान है खाली - rajasthan congress news

राजस्थान में उपचुनाव का बिगुल बज चुका है. सभी पार्टियां अपनी जमीनी पकड़ मजबूत करने के लिए लगातार धरातल पर काम कर हैं, बैठकों और रणनीतिक चर्चाएं जारी हैं. प्रदेश की 3 सीटों पर उपचुनाव के लिए प्रत्याशियों के नाम के एलान के बाद अब भाजपा टिकट ना मिलने से रूठे नेताओं को मनाने में जुटी है. इसके लिए पार्टी ऐसे नेताओं का भविष्य में पूरा मान सम्मान रखने और विभिन्न पदों पर उनके संभावनाओं पर विचार करने का आश्वासन भी दे रही है.

satish poonia targeted on congress
ज्यादा दावेदार अच्छे, कांग्रेस की दुकान है खाली
author img

By

Published : Mar 29, 2021, 12:09 PM IST

जयपुर. राजस्थान उपचुनाव की तारीखों के एलान के बाद टिकट के दावेदारों की लंबी फेहरिस्त को भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया इसे सकारात्मक बताने से भी नहीं चूकते. वे कहते हैं कि कांग्रेस के प्रति उम्मीदवारों का ना केवल क्रेज कम हुआ है, बल्कि कांग्रेस की दुकान में सामान भी खत्म हो चुका है.

बागियों को मनाने में जुटी भाजपा...

विधानसभा सीटों पर इन नेताओं ने भाजपा की बढ़ाई परेशानी...

दरअसल, भाजपा के लिए सहाड़ा विधानसभा क्षेत्र पर मुसीबतें बढ़ती नजर आ रही हैं, क्योंकि उपचुनाव से पहले भाजपा ने जिस लादूराम पितालिया को पार्टी में शामिल किया था, अब वही 30 मार्च को अपना नामांकन दाखिल करने का ऐलान कर चुके हैं. वहीं, इसी सीट पर टिकट की दावेदारी कर रहे पूर्व प्रत्याशी रूप लाल जाट को भी टिकट ना मिलने पर नाराजगी है, लेकिन वो खुलकर इसका इजहार नहीं करते. उनके भाई बद्रीलाल जाट को राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी ने अपना प्रत्याशी बनाकर चुनाव मैदान में इसी सीट पर उतार दिया है.

ऐसे में पर्दे के पीछे अपने भाई को रूपलाल जाट और उनके समर्थकों का समर्थन मिलना तय है, जिससे नुकसान भाजपा को ही होगा. इसी तरह राजसमंद विधानसभा सीट पर भाजपा के पूर्व नेता भंवर सिंह पलाड़ा भी ताल ठोकने की संभावना जता चुके हैं. संभवत: 30 मार्च को वह चुनाव मैदान में खड़े होंगे या नहीं, इसका खुलासा हो जाएगा. अन्य कौन-कौन से नेता या कार्यकर्ता हैं जो टिकट ना मिलने पर निर्दलीय के रूप में चुनाव मैदान में खड़े होंगे, वह भी स्थिति स्पष्ट हो जाएगी.

पढ़ें : SPECIAL : उपचुनाव के सियासी मुद्दे : भाजपा के तरकश में कानून व्यवस्था, कांग्रेस के पास महंगाई और किसान आंदोलन के हथियार

वहीं, सुजानगढ़ विधानसभा क्षेत्र में पिछले दिनों संतोष मेघवाल को भाजपा ने शामिल किया था. संतोष मेघवाल पिछले विधानसभा चुनाव में निर्दलीय चुनाव लड़ कर तीसरे नंबर पर थीं, लेकिन इस बार उन्हें पार्टी ने शामिल तो किया, लेकिन टिकट नहीं दिया. हालांकि, संतोष मेघवाल ने इसका विरोध तो नहीं जताया, लेकिन टिकट ना मिलने की मायूसी भी उनके मन में है जो कहीं ना कहीं उनके समर्थकों को भाजपा से दूर करेगी.

भाजपा के प्रति बढ़ा क्रेज, कांग्रेस की दुकान में सामान हुआ खत्म : पूनिया

उपचुनाव में भाजपा के टिकट के दावेदारों की लंबी फेहरिस्त और टिकट ना मिलने पर नाराज होकर चुनाव मैदान में उतरने की धमकी दे रहे नेताओं को भी भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने भाजपा के प्रति बढ़ते क्रेज से जोड़कर बताया है. उन्होंने कहा भाजपा के पास दिल उपचुनाव में काफी संख्या में टिकट चाहने वाले दावेदारों की फेहरिस्त तिथि और कई विकल्प खुले थे, लेकिन कांग्रेस के पास सीमित विकल्प और सीमित दावेदार थे, जो इस बात का सबूत हैं कि कांग्रेस की दुकान में सामान खत्म हो चुका है और कांग्रेस के प्रति लोगों का आकर्षण कम हो गया है.

सतीश पूनिया ने यह भी कहा कि पिछले विधानसभा चुनाव में पार्टी के पास 7,000 दावेदार थे, जिनमें से दोस्तों को टिकट मिला. वहीं, अब 3 विधानसभा उपचुनाव सीटों में भी दर्जनों दावेदारों ने टिकट के लिए दावा जताया था. सतीश पूनिया के अनुसार कार्यकर्ताओं में हेतु कायम होती है, लेकिन मेरी अपील है की जनमानस और पार्टी जिस मकसद को लेकर चल रही है, उसमें में अपना योगदान दें और कांग्रेस को हराया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार हारेगी तो उस पर जनमानस के काम करने का दबाव पड़ेगा.

जयपुर. राजस्थान उपचुनाव की तारीखों के एलान के बाद टिकट के दावेदारों की लंबी फेहरिस्त को भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया इसे सकारात्मक बताने से भी नहीं चूकते. वे कहते हैं कि कांग्रेस के प्रति उम्मीदवारों का ना केवल क्रेज कम हुआ है, बल्कि कांग्रेस की दुकान में सामान भी खत्म हो चुका है.

बागियों को मनाने में जुटी भाजपा...

विधानसभा सीटों पर इन नेताओं ने भाजपा की बढ़ाई परेशानी...

दरअसल, भाजपा के लिए सहाड़ा विधानसभा क्षेत्र पर मुसीबतें बढ़ती नजर आ रही हैं, क्योंकि उपचुनाव से पहले भाजपा ने जिस लादूराम पितालिया को पार्टी में शामिल किया था, अब वही 30 मार्च को अपना नामांकन दाखिल करने का ऐलान कर चुके हैं. वहीं, इसी सीट पर टिकट की दावेदारी कर रहे पूर्व प्रत्याशी रूप लाल जाट को भी टिकट ना मिलने पर नाराजगी है, लेकिन वो खुलकर इसका इजहार नहीं करते. उनके भाई बद्रीलाल जाट को राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी ने अपना प्रत्याशी बनाकर चुनाव मैदान में इसी सीट पर उतार दिया है.

ऐसे में पर्दे के पीछे अपने भाई को रूपलाल जाट और उनके समर्थकों का समर्थन मिलना तय है, जिससे नुकसान भाजपा को ही होगा. इसी तरह राजसमंद विधानसभा सीट पर भाजपा के पूर्व नेता भंवर सिंह पलाड़ा भी ताल ठोकने की संभावना जता चुके हैं. संभवत: 30 मार्च को वह चुनाव मैदान में खड़े होंगे या नहीं, इसका खुलासा हो जाएगा. अन्य कौन-कौन से नेता या कार्यकर्ता हैं जो टिकट ना मिलने पर निर्दलीय के रूप में चुनाव मैदान में खड़े होंगे, वह भी स्थिति स्पष्ट हो जाएगी.

पढ़ें : SPECIAL : उपचुनाव के सियासी मुद्दे : भाजपा के तरकश में कानून व्यवस्था, कांग्रेस के पास महंगाई और किसान आंदोलन के हथियार

वहीं, सुजानगढ़ विधानसभा क्षेत्र में पिछले दिनों संतोष मेघवाल को भाजपा ने शामिल किया था. संतोष मेघवाल पिछले विधानसभा चुनाव में निर्दलीय चुनाव लड़ कर तीसरे नंबर पर थीं, लेकिन इस बार उन्हें पार्टी ने शामिल तो किया, लेकिन टिकट नहीं दिया. हालांकि, संतोष मेघवाल ने इसका विरोध तो नहीं जताया, लेकिन टिकट ना मिलने की मायूसी भी उनके मन में है जो कहीं ना कहीं उनके समर्थकों को भाजपा से दूर करेगी.

भाजपा के प्रति बढ़ा क्रेज, कांग्रेस की दुकान में सामान हुआ खत्म : पूनिया

उपचुनाव में भाजपा के टिकट के दावेदारों की लंबी फेहरिस्त और टिकट ना मिलने पर नाराज होकर चुनाव मैदान में उतरने की धमकी दे रहे नेताओं को भी भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने भाजपा के प्रति बढ़ते क्रेज से जोड़कर बताया है. उन्होंने कहा भाजपा के पास दिल उपचुनाव में काफी संख्या में टिकट चाहने वाले दावेदारों की फेहरिस्त तिथि और कई विकल्प खुले थे, लेकिन कांग्रेस के पास सीमित विकल्प और सीमित दावेदार थे, जो इस बात का सबूत हैं कि कांग्रेस की दुकान में सामान खत्म हो चुका है और कांग्रेस के प्रति लोगों का आकर्षण कम हो गया है.

सतीश पूनिया ने यह भी कहा कि पिछले विधानसभा चुनाव में पार्टी के पास 7,000 दावेदार थे, जिनमें से दोस्तों को टिकट मिला. वहीं, अब 3 विधानसभा उपचुनाव सीटों में भी दर्जनों दावेदारों ने टिकट के लिए दावा जताया था. सतीश पूनिया के अनुसार कार्यकर्ताओं में हेतु कायम होती है, लेकिन मेरी अपील है की जनमानस और पार्टी जिस मकसद को लेकर चल रही है, उसमें में अपना योगदान दें और कांग्रेस को हराया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार हारेगी तो उस पर जनमानस के काम करने का दबाव पड़ेगा.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.