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मोदी सरकार की ग्रामीण विकास की नीतियों एवं किसानों के प्रति विकसित सोच की जीत है: सतीश पूनिया

राजस्थान में जिला परिषद और पंचायत समिति के चुनाव में मिली जीत पर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने बयान दिया है. उन्होंने कहा कि ये मोदी सरकार की ग्रामीण नीतियों और किसानों के प्रति विकसित सोच की जीत है. साथ ही उन्होंने राज्य की कांग्रेस सरकार पर जमकर निशाना साधा.

statement of Satish Poonia, statement of Satish Poonia on Panchayat election
पंचायत चुनाव को लेकर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया का बयान
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Published : Dec 10, 2020, 5:01 AM IST

जयपुर. पंचायतीराज एवं जिला परिषद चुनाव के नतीजों पर भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि परिसीमन में धांधली और भेदभाव, जाति पंथ और धर्म की आड़ में जोड़-तोड़ से वोटों की रोटियां सेंकने की जुगत में सत्ता के सहारे सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग से सत्ता बल, धन-बल, भुज बल के जरिए पंचायतीराज पर एकतरफा काबिज होने के कांग्रेस की अशोक गहलोत सरकार को मुंह की खानी पड़ी है और भाजपा के कार्यकर्ताओं का परिश्रम बल भारी पड़ा है.

पंचायत चुनाव को लेकर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया का बयान

बता दें कि 21 जिलों के जिला परिषद चुनाव में 636 सीटों पर भाजपा ने 353, कांग्रेस 252 और अन्य ने 31 सीटों पर विजय प्राप्त की. वहीं 21 जिलों में हुए पंचायत समिति के चुनावों में 4371 वार्डों में से भाजपा ने 1990, कांग्रेस 1856 एवं अन्य ने 525 सीटों पर जीत हासिल की है.

पूनिया ने कहा कि प्रदेश की जनता का कांग्रेस के दो साल के कुशासन और जनविरोधी नीतियों से मोहभंग हो गया है. यह तो आगाज है, ना सत्ता, ना पूंजी, ना चेहरा बस एक साल के संगठनात्मक परिश्रम का सुखद परिणाम है. कांग्रेस के सत्ता बल के आगे भाजपा कार्यकर्ताओं के परिश्रम का पसीना जीता है. पंचायतीराज के चुनावों में मिली जीत के लिए राजस्थान की जनता एवं पार्टी कार्यकर्ताओं के परिश्रम को अभिनंदन करता हूं और उनको कृतज्ञ प्रणाम करता हूं.

पूनिया ने कहा कि राजस्थान में भाजपा की जीत ऐसे समय में हुई है, जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सरकार की किसानों के प्रति कल्याणकारी नीतियों के खिलाफ राजस्थान की कांग्रेस सरकार भारत बंद का समर्थन कर रही थी और भाजपा प्रदेश कार्यालय के दफ्तर पर अशोक गहलोत के गुण्डे पथराव कर रहे थे.

पढ़ें- पंचायत चुनाव पर गहलोत का बयान, कहा- आशा के अनुकूल नहीं रहे परिणाम

उन्होंने कहा कि प्रदेश के पंचायतीराज के चुनावों के नतीजों से ऐसा लगता है कि भारत बंद तो दूर, नतीजों से प्रदेश के कई कांग्रेस नेताओं की दुकानें जरूर बंद हो गई हैं. यह जीत ऐसे समय में हुई है, जब प्रदेश में कांग्रेस पार्टी के 2 साल पूरे होने जा रहे हैं. सम्पूर्ण किसान कर्जामाफी, बेरोजगारों को रोजगार देने, अच्छी कानून व्यवस्था का वादा करके यह कांग्रेस सरकार सत्ता में आई थी, लेकिन वादाखिलाफी के खिलाफ राजस्थान के ग्रामीण मतदाताओं, किसानों, युवाओं ने कांग्रेस पार्टी के विरुद्ध एवं केन्द्र की मोदी सरकार की कल्याणकारी नीतियों के समर्थन में आस्था व्यक्त की है.

पूनिया ने कहा कि जिला परिषद एवं पंचायत समिति चुनाव के नतीजों में भाजपा को शानदार जीत मिली है. कांग्रेस पार्टी ने पंचायतीराज चुनाव जीतने के लिए क्या-क्या तिकड़म नहीं किए, परिसीमन में धांधली, सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग, सत्ता का रुतबा, पूंजी की धार, यह सब कुछ हथकंडे अपनाए, लेकिन पहली बार किसी सत्ताधारी दल की विपक्ष में रहते हुए भाजपा ने पहली बार यह धारणा तोड़ी है कि सत्ताधारी दल को ऐसे चुनावों में लाभ मिलता है, लेकिन हमने यह धारणा तोड़ने में सफलता हासिल की है.

पूनिया ने कहा कि विपक्ष में रहते हुए इस तरीके का प्रदर्शन देश के राजनीतिक इतिहास में पहली बार हुआ है, जिसमें किसी विपक्षी दल को इतनी बढ़त मिली है और निश्चित रूप से यह साबित हो गया कि कांग्रेस पार्टी के 2 साल के कुशासन में भ्रष्टाचार, अराजकता, अकर्मण्यता, बिगड़ी कानून व्यवस्था, सम्पूर्ण किसान कर्जामाफी, तीन महीने की बिजली बिलों की माफी इन तमाम जनहित के मुद्दों पर राजस्थान की जनता ने कांग्रेस को नकार दिया है.

पढ़ें- एसजीएसटी की सफलता, 4.25 करोड़ रुपए जीएसटी की होगी वसूली

साथ ही कहा कि बड़बोले प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अपने गृह क्षेत्र में कांग्रेस की करारी शिकस्त हुई है. उनके पूर्व प्रदेश अध्यक्ष के गृह जिले में भी कांग्रेस की करारी हार हुई है. स्वास्थ्य मंत्री के गृह नगर में भी करारी हार हुई. उप मुख्य सचेतक के गृह नगर में भी हार हुई. अनेक मंत्रियों के विधानसभा क्षेत्रों एवं जिलों में कांग्रेस की करारी हार हुई है, इससे साबित होता है कि कांग्रेस पार्टी राजस्थान में आधे रास्ते में ही दम तोड़ रही है. भले ही जोड़-तोड़ तिकड़म कांग्रेस सरकार करेगी और पहले भी नगर निगम चुनावों में ऐसे षड्यंत्र कांग्रेस द्वारा किए गए. अनेक जिलों में सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग कर चुनाव नतीजों को भी प्रभावित करने की कोशिश की गई, लेकिन मैं निश्चित रूप से भाजपा कार्यकर्ताओं के परिश्रम के पसीने का अभिनंदन करता हूं. जिन्होंने सत्ता के खिलाफ, पूंजी के खिलाफ सरकार की बदनीयत के खिलाफ, यह लड़ाई लड़कर जीत हासिल की.

पूनिया ने कहा कि यह जीत भाजपा की ग्रामीण विकास की नीतियों, मोदी जी की किसानों के प्रति विकसित सोच की जीत है और भाजपा के तमाम कार्यकर्ताओं नेताओं और जनप्रतिनिधियों के प्रयासों की जीत है.

साथ ही कहा कि पंचायतीराज चुनाव में सहयोग करने वाले तमाम कार्यकर्ताओं एवं नेताओं का अभिनंदन करता हू. मुझे पूरी उम्मीद है कि अधिकांश जिलों में हमारी जिला परिषदें बनेंगी. अधिकांश पंचायत समितियों में भी बोर्ड बनेंगे. वहीं आश्चर्यजनक नतीजे भी देखने को मिले. समदड़ी में वहां 17 के 17 वार्डों में भाजपा की प्रचण्ड जीत हुई है, कांग्रेस जीरो पर सिमट गईं. राजस्थान की जनता एवं कार्यकर्ताओं ने इस जीत के उत्साह एवं उमंग को ठीक से महसूस किया है. आगाज ऐसा है तो अंजाम कैसा होगा.. यह शुरुआत है कांग्रेस पार्टी के राजस्थान से मुक्त होने की.

जयपुर. पंचायतीराज एवं जिला परिषद चुनाव के नतीजों पर भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि परिसीमन में धांधली और भेदभाव, जाति पंथ और धर्म की आड़ में जोड़-तोड़ से वोटों की रोटियां सेंकने की जुगत में सत्ता के सहारे सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग से सत्ता बल, धन-बल, भुज बल के जरिए पंचायतीराज पर एकतरफा काबिज होने के कांग्रेस की अशोक गहलोत सरकार को मुंह की खानी पड़ी है और भाजपा के कार्यकर्ताओं का परिश्रम बल भारी पड़ा है.

पंचायत चुनाव को लेकर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया का बयान

बता दें कि 21 जिलों के जिला परिषद चुनाव में 636 सीटों पर भाजपा ने 353, कांग्रेस 252 और अन्य ने 31 सीटों पर विजय प्राप्त की. वहीं 21 जिलों में हुए पंचायत समिति के चुनावों में 4371 वार्डों में से भाजपा ने 1990, कांग्रेस 1856 एवं अन्य ने 525 सीटों पर जीत हासिल की है.

पूनिया ने कहा कि प्रदेश की जनता का कांग्रेस के दो साल के कुशासन और जनविरोधी नीतियों से मोहभंग हो गया है. यह तो आगाज है, ना सत्ता, ना पूंजी, ना चेहरा बस एक साल के संगठनात्मक परिश्रम का सुखद परिणाम है. कांग्रेस के सत्ता बल के आगे भाजपा कार्यकर्ताओं के परिश्रम का पसीना जीता है. पंचायतीराज के चुनावों में मिली जीत के लिए राजस्थान की जनता एवं पार्टी कार्यकर्ताओं के परिश्रम को अभिनंदन करता हूं और उनको कृतज्ञ प्रणाम करता हूं.

पूनिया ने कहा कि राजस्थान में भाजपा की जीत ऐसे समय में हुई है, जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सरकार की किसानों के प्रति कल्याणकारी नीतियों के खिलाफ राजस्थान की कांग्रेस सरकार भारत बंद का समर्थन कर रही थी और भाजपा प्रदेश कार्यालय के दफ्तर पर अशोक गहलोत के गुण्डे पथराव कर रहे थे.

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उन्होंने कहा कि प्रदेश के पंचायतीराज के चुनावों के नतीजों से ऐसा लगता है कि भारत बंद तो दूर, नतीजों से प्रदेश के कई कांग्रेस नेताओं की दुकानें जरूर बंद हो गई हैं. यह जीत ऐसे समय में हुई है, जब प्रदेश में कांग्रेस पार्टी के 2 साल पूरे होने जा रहे हैं. सम्पूर्ण किसान कर्जामाफी, बेरोजगारों को रोजगार देने, अच्छी कानून व्यवस्था का वादा करके यह कांग्रेस सरकार सत्ता में आई थी, लेकिन वादाखिलाफी के खिलाफ राजस्थान के ग्रामीण मतदाताओं, किसानों, युवाओं ने कांग्रेस पार्टी के विरुद्ध एवं केन्द्र की मोदी सरकार की कल्याणकारी नीतियों के समर्थन में आस्था व्यक्त की है.

पूनिया ने कहा कि जिला परिषद एवं पंचायत समिति चुनाव के नतीजों में भाजपा को शानदार जीत मिली है. कांग्रेस पार्टी ने पंचायतीराज चुनाव जीतने के लिए क्या-क्या तिकड़म नहीं किए, परिसीमन में धांधली, सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग, सत्ता का रुतबा, पूंजी की धार, यह सब कुछ हथकंडे अपनाए, लेकिन पहली बार किसी सत्ताधारी दल की विपक्ष में रहते हुए भाजपा ने पहली बार यह धारणा तोड़ी है कि सत्ताधारी दल को ऐसे चुनावों में लाभ मिलता है, लेकिन हमने यह धारणा तोड़ने में सफलता हासिल की है.

पूनिया ने कहा कि विपक्ष में रहते हुए इस तरीके का प्रदर्शन देश के राजनीतिक इतिहास में पहली बार हुआ है, जिसमें किसी विपक्षी दल को इतनी बढ़त मिली है और निश्चित रूप से यह साबित हो गया कि कांग्रेस पार्टी के 2 साल के कुशासन में भ्रष्टाचार, अराजकता, अकर्मण्यता, बिगड़ी कानून व्यवस्था, सम्पूर्ण किसान कर्जामाफी, तीन महीने की बिजली बिलों की माफी इन तमाम जनहित के मुद्दों पर राजस्थान की जनता ने कांग्रेस को नकार दिया है.

पढ़ें- एसजीएसटी की सफलता, 4.25 करोड़ रुपए जीएसटी की होगी वसूली

साथ ही कहा कि बड़बोले प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अपने गृह क्षेत्र में कांग्रेस की करारी शिकस्त हुई है. उनके पूर्व प्रदेश अध्यक्ष के गृह जिले में भी कांग्रेस की करारी हार हुई है. स्वास्थ्य मंत्री के गृह नगर में भी करारी हार हुई. उप मुख्य सचेतक के गृह नगर में भी हार हुई. अनेक मंत्रियों के विधानसभा क्षेत्रों एवं जिलों में कांग्रेस की करारी हार हुई है, इससे साबित होता है कि कांग्रेस पार्टी राजस्थान में आधे रास्ते में ही दम तोड़ रही है. भले ही जोड़-तोड़ तिकड़म कांग्रेस सरकार करेगी और पहले भी नगर निगम चुनावों में ऐसे षड्यंत्र कांग्रेस द्वारा किए गए. अनेक जिलों में सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग कर चुनाव नतीजों को भी प्रभावित करने की कोशिश की गई, लेकिन मैं निश्चित रूप से भाजपा कार्यकर्ताओं के परिश्रम के पसीने का अभिनंदन करता हूं. जिन्होंने सत्ता के खिलाफ, पूंजी के खिलाफ सरकार की बदनीयत के खिलाफ, यह लड़ाई लड़कर जीत हासिल की.

पूनिया ने कहा कि यह जीत भाजपा की ग्रामीण विकास की नीतियों, मोदी जी की किसानों के प्रति विकसित सोच की जीत है और भाजपा के तमाम कार्यकर्ताओं नेताओं और जनप्रतिनिधियों के प्रयासों की जीत है.

साथ ही कहा कि पंचायतीराज चुनाव में सहयोग करने वाले तमाम कार्यकर्ताओं एवं नेताओं का अभिनंदन करता हू. मुझे पूरी उम्मीद है कि अधिकांश जिलों में हमारी जिला परिषदें बनेंगी. अधिकांश पंचायत समितियों में भी बोर्ड बनेंगे. वहीं आश्चर्यजनक नतीजे भी देखने को मिले. समदड़ी में वहां 17 के 17 वार्डों में भाजपा की प्रचण्ड जीत हुई है, कांग्रेस जीरो पर सिमट गईं. राजस्थान की जनता एवं कार्यकर्ताओं ने इस जीत के उत्साह एवं उमंग को ठीक से महसूस किया है. आगाज ऐसा है तो अंजाम कैसा होगा.. यह शुरुआत है कांग्रेस पार्टी के राजस्थान से मुक्त होने की.

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