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उपलब्धियों के नाम पर कांग्रेस की स्लेट खाली है और गहलोत का पन्ना कोरा: सतीश पूनिया

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई की जयंती के अवसर पर किसान आंदोलन के काउंटर पर बीजेपी ने देश भर में किसान चौपालों का आयोजन किया. इसी कड़ी में जयपुर के महेशवास कला गांव में किसान सम्मेलन में शामिल हुए बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने गहलोत सरकार पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि गहलोत सरकार के पास उपलब्धियों के नाम पर कुछ भी नहीं है.

statement of Satish Poonia, Satish Poonia Targeted Gehlot Government
सतीश पूनिया ने साधा गहलोत सरकार पर निशाना
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Published : Dec 25, 2020, 10:40 PM IST

जयपुर. जिले के महेशवास कला गांव में आयोजित किसान सम्मेलन में मीडिया से रूबरू होते हुए सतीश पूनिया ने गहलोत सरकार पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा कि गहलोत सरकार खाली डिब्बे और खाली बोतल जैसी है. 2 साल की उपलब्धियों के नाम पर कांग्रेस की स्लेट खाली है और अशोक गहलोत का पन्ना कोरा है.

सतीश पूनिया ने साधा गहलोत सरकार पर निशाना

किसान सम्मेलन में सतीश पूनिया ने कहा कि उपलब्धियों के नाम पर अशोक गहलोत रटी रटाई और टेप रिकॉर्डर जैसी बातें बोलते हैं. पूत के पांव पालने में ही दिख जाते हैं और अशोक गहलोत का राज भी कुछ इसी तरह का है. जब से ही प्रदेश में अशोक गहलोत् मुख्यमंत्री बने हैं, तब से ही किसान आत्महत्या करने लगे, बेरोजगार सड़कों पर हैं, किसानों के कर्ज भी माफ नहीं हुए. किसानों ने कर्ज माफी के भ्रम में कांग्रेस को वोट भी दिया. कांग्रेस के अंतरराष्ट्रीय नेता ने तो 10 की गिनती गिन कर 10 दिन में किसानों का कर्जा माफ करने की बात कही थी. कानून व्यवस्था भी प्रदेश में बिगड़ रही है. इस तरह से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की झोली में उपलब्धियां गिनाने के लिए कुछ भी नहीं है. वे अपनी पीठ थपथपाने के लिए स्वतंत्र हैं.

पूनिया ने कहा कि यदि कांग्रेस सरकार के 2 साल की बात की जाए तो कांग्रेस की स्लेट बिल्कुल खाली है और अशोक गहलोत का पन्ना भी कोरा है. कांग्रेस पार्टी को अपने झगड़े से फुर्सत मिले तो वे शासन करें. उनको बाड़ाबंदी से ही फुर्सत नहीं है. वे भेड़िये की तरह डरते हैं कि कोई आएगा और उनकी सरकार गिरा देगा. उन्होंने कहा कि यह सरकार विग्रह, विखंडन की और अंतर्विरोध की सरकार है.

पढ़ें- कांग्रेस स्थापना दिवस पर किसानों से होगा संवाद, मंत्री-विधायक और नेता होंगे शामिल

उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार अब तक के इतिहास की सबसे कमजोर सरकार है. 2013 से 2018 तक सड़क, स्कूल, शिक्षा आदि में बहुत सारा काम हुआ, लेकिन पिछले 2 साल की बात की जाए तो कुछ भी काम नहीं हुआ. मेरे अपने क्षेत्र में कई बार पत्र लिखने के बावजूद भी कोई काम नहीं हुआ है. मेरे क्षेत्र में जो भी विकास हुआ, वह केंद्रीय योजनाओं से हुआ है.

सतीश पूनिया ने कहा कि गहलोत सरकार ने काम नहीं कराया, उसी का नतीजा रहा कि पंचायत राज चुनाव में ढाई करोड़ जनता के सामने उन्हें मुंह की खानी पड़ी.

सीएम के आरोप पर बोले पूनिया, नहीं है कोई एविडेंस

मुख्यमंत्री ने प्रेस कांफ्रेस के दौरान सरकार गिराने के लिए प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया, नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया सहित अन्य भाजपा नेताओं के नाम लिए. सतीश पूनिया ने कहा कि राजनीति में शब्दों की मानहानि बहुत आसान काम है. उसका कोई एविडेंस नहीं है. जनता के बीच में वे एक सहानुभूति बटोरने का काम करते हैं. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच हुई खींचतान को लेकर सतीश पूनिया ने कहा कि जब पति और पत्नी का झगड़ा हो तो पड़ोसी का क्या दोष है. झगड़ा भी उनका खुद का ही था.

सचिन पायलट को पीसीसी चीफ और उप मुख्यमंत्री के पद से बर्खास्त किया गया. इसके लिए उन्हें किसी ने नहीं कहा. उनके पूर्व मंत्री मंत्रिमंडल की खरपतवार हटाने के लिए कहते हैं उसके लिए भी उन्हें किसी ने नहीं कहा. सतीश पूनिया ने कहा कि कांग्रेस का एक धड़ा अलग हुआ और उसने ही विद्रोह किया. इसमें बीजेपी का कोई दोष नहीं है. बीजेपी के सरकार गिराने की मुख्यमंत्री की ओर से कही गई बात बिल्कुल बेबुनियाद है.

किसान सम्मेलन में उठा ईस्टर्न कैनाल का मुद्दा

किसान सम्मेलन में किसानों ने ईस्टर्न कैनाल का मुद्दा भी उठाया. इस मुद्दे को लेकर प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि ईस्टर्न कैनाल की घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अजमेर में की थी और जब भी इस तरह का कोई प्रोजेक्ट शुरू होता है, तो प्रदेश सरकार भी उस में कुछ ना कुछ इन्वेस्टमेंट करती है.

पूनिया ने गहलोत सरकार से सवाल पूछा कि सरकार इस बात का जवाब दे कि उसने ईस्टर्न कैनल प्रोजेक्ट पर अब तक कितना पैसा खर्च किया है. उन्होंने कहा कि इस प्रोजेक्ट पर अभी तक प्रदेश सरकार की ओर से 9 या 10 करोड़ रुपये से ज्यादा खर्चा नहीं किया है और इतने कम रुपए में 13 जिलों की कैनाल कैसे बनेगी.

पूनिया ने कहा कि राज्य सरकार को व्यवहारिक बात करनी चाहिए, यदि उन्हें केंद्र के पाले में गेंद डालने की मंशा है तो वह डाल सकते हैं. उन्हें यह बताना चाहिए कि आज यदि तेरह जिलों में कैनाल जाएगी तो उसमें जमीन अधिग्रहण के मामले में किसी भी तरह की कोई परेशानी नहीं होगी या अन्य कोई कानूनी पेचेदगी आएगी. उन्होंने कहा कि यदि राज्य सरकार व्यवहारिक रुप से योजना के लिए तकनीकी और आर्थिक पक्ष पर काम करें तो इस योजना को अमलीजामा पहनाया जा सकता है.

पढ़ें- सीएम गहलोत ने की कृषि कानून वापस लेने की मांग, कहा- ठंड में किसान ठिठुर रहे हैं लेकिन केंद्र सरकार संवेदनहीन बनी है

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने भारतीय जनसंघ के संस्थापकों में से एक भारत के पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेई की जयंती पर श्रद्धा पूर्वक उन्हें नमन किया और इस दिन मनाए जाने वाले राष्ट्रीय सुशासन दिवस की सभी प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं भी दी. उन्होंने अटल बिहारी वाजपेयी की जन्मदिन के अवसर पर जरूरतमंदों को श्याम झा के सहयोग और जयपुर ग्रेटर की महापौर डॉक्टर सौम्या में गुर्जर की उपस्थिति में जयपुर शहर में कंबल वितरण भी किया. पूनिया ने तुलसी पूजन दिवस पर भी शुभकामनाएं दी. उन्होंने महाराजा सूरजमल के बलिदान दिवस पर उन्हें नमन किया. उन्होंने कहा कि महाराजा सूरजमल में वीरता धीरता उदारता सतरकता दूरदर्शिता सूझबूझ चातुर्य का सुखद संगम सुशोभित था.

पूनिया को भगवत गीता भेंट की

गीता जयंती के अवसर पर शुक्रवार को भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया को समाजसेवी डॉ. अनुपमा सोनी ने श्रीमद्भागवत गीता की प्रति भेंट की. सोनी बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान की ब्रांड एंबेसडर भी है. पूनिया ने कहा कि भगवान श्री कृष्ण का भगवत गीता के माध्यम से दिया गया, संदेश प्रत्येक व्यक्ति को आत्मसात कर अपने जीवन में प्रेरणा लेनी चाहिए.

जयपुर. जिले के महेशवास कला गांव में आयोजित किसान सम्मेलन में मीडिया से रूबरू होते हुए सतीश पूनिया ने गहलोत सरकार पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा कि गहलोत सरकार खाली डिब्बे और खाली बोतल जैसी है. 2 साल की उपलब्धियों के नाम पर कांग्रेस की स्लेट खाली है और अशोक गहलोत का पन्ना कोरा है.

सतीश पूनिया ने साधा गहलोत सरकार पर निशाना

किसान सम्मेलन में सतीश पूनिया ने कहा कि उपलब्धियों के नाम पर अशोक गहलोत रटी रटाई और टेप रिकॉर्डर जैसी बातें बोलते हैं. पूत के पांव पालने में ही दिख जाते हैं और अशोक गहलोत का राज भी कुछ इसी तरह का है. जब से ही प्रदेश में अशोक गहलोत् मुख्यमंत्री बने हैं, तब से ही किसान आत्महत्या करने लगे, बेरोजगार सड़कों पर हैं, किसानों के कर्ज भी माफ नहीं हुए. किसानों ने कर्ज माफी के भ्रम में कांग्रेस को वोट भी दिया. कांग्रेस के अंतरराष्ट्रीय नेता ने तो 10 की गिनती गिन कर 10 दिन में किसानों का कर्जा माफ करने की बात कही थी. कानून व्यवस्था भी प्रदेश में बिगड़ रही है. इस तरह से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की झोली में उपलब्धियां गिनाने के लिए कुछ भी नहीं है. वे अपनी पीठ थपथपाने के लिए स्वतंत्र हैं.

पूनिया ने कहा कि यदि कांग्रेस सरकार के 2 साल की बात की जाए तो कांग्रेस की स्लेट बिल्कुल खाली है और अशोक गहलोत का पन्ना भी कोरा है. कांग्रेस पार्टी को अपने झगड़े से फुर्सत मिले तो वे शासन करें. उनको बाड़ाबंदी से ही फुर्सत नहीं है. वे भेड़िये की तरह डरते हैं कि कोई आएगा और उनकी सरकार गिरा देगा. उन्होंने कहा कि यह सरकार विग्रह, विखंडन की और अंतर्विरोध की सरकार है.

पढ़ें- कांग्रेस स्थापना दिवस पर किसानों से होगा संवाद, मंत्री-विधायक और नेता होंगे शामिल

उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार अब तक के इतिहास की सबसे कमजोर सरकार है. 2013 से 2018 तक सड़क, स्कूल, शिक्षा आदि में बहुत सारा काम हुआ, लेकिन पिछले 2 साल की बात की जाए तो कुछ भी काम नहीं हुआ. मेरे अपने क्षेत्र में कई बार पत्र लिखने के बावजूद भी कोई काम नहीं हुआ है. मेरे क्षेत्र में जो भी विकास हुआ, वह केंद्रीय योजनाओं से हुआ है.

सतीश पूनिया ने कहा कि गहलोत सरकार ने काम नहीं कराया, उसी का नतीजा रहा कि पंचायत राज चुनाव में ढाई करोड़ जनता के सामने उन्हें मुंह की खानी पड़ी.

सीएम के आरोप पर बोले पूनिया, नहीं है कोई एविडेंस

मुख्यमंत्री ने प्रेस कांफ्रेस के दौरान सरकार गिराने के लिए प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया, नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया सहित अन्य भाजपा नेताओं के नाम लिए. सतीश पूनिया ने कहा कि राजनीति में शब्दों की मानहानि बहुत आसान काम है. उसका कोई एविडेंस नहीं है. जनता के बीच में वे एक सहानुभूति बटोरने का काम करते हैं. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच हुई खींचतान को लेकर सतीश पूनिया ने कहा कि जब पति और पत्नी का झगड़ा हो तो पड़ोसी का क्या दोष है. झगड़ा भी उनका खुद का ही था.

सचिन पायलट को पीसीसी चीफ और उप मुख्यमंत्री के पद से बर्खास्त किया गया. इसके लिए उन्हें किसी ने नहीं कहा. उनके पूर्व मंत्री मंत्रिमंडल की खरपतवार हटाने के लिए कहते हैं उसके लिए भी उन्हें किसी ने नहीं कहा. सतीश पूनिया ने कहा कि कांग्रेस का एक धड़ा अलग हुआ और उसने ही विद्रोह किया. इसमें बीजेपी का कोई दोष नहीं है. बीजेपी के सरकार गिराने की मुख्यमंत्री की ओर से कही गई बात बिल्कुल बेबुनियाद है.

किसान सम्मेलन में उठा ईस्टर्न कैनाल का मुद्दा

किसान सम्मेलन में किसानों ने ईस्टर्न कैनाल का मुद्दा भी उठाया. इस मुद्दे को लेकर प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि ईस्टर्न कैनाल की घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अजमेर में की थी और जब भी इस तरह का कोई प्रोजेक्ट शुरू होता है, तो प्रदेश सरकार भी उस में कुछ ना कुछ इन्वेस्टमेंट करती है.

पूनिया ने गहलोत सरकार से सवाल पूछा कि सरकार इस बात का जवाब दे कि उसने ईस्टर्न कैनल प्रोजेक्ट पर अब तक कितना पैसा खर्च किया है. उन्होंने कहा कि इस प्रोजेक्ट पर अभी तक प्रदेश सरकार की ओर से 9 या 10 करोड़ रुपये से ज्यादा खर्चा नहीं किया है और इतने कम रुपए में 13 जिलों की कैनाल कैसे बनेगी.

पूनिया ने कहा कि राज्य सरकार को व्यवहारिक बात करनी चाहिए, यदि उन्हें केंद्र के पाले में गेंद डालने की मंशा है तो वह डाल सकते हैं. उन्हें यह बताना चाहिए कि आज यदि तेरह जिलों में कैनाल जाएगी तो उसमें जमीन अधिग्रहण के मामले में किसी भी तरह की कोई परेशानी नहीं होगी या अन्य कोई कानूनी पेचेदगी आएगी. उन्होंने कहा कि यदि राज्य सरकार व्यवहारिक रुप से योजना के लिए तकनीकी और आर्थिक पक्ष पर काम करें तो इस योजना को अमलीजामा पहनाया जा सकता है.

पढ़ें- सीएम गहलोत ने की कृषि कानून वापस लेने की मांग, कहा- ठंड में किसान ठिठुर रहे हैं लेकिन केंद्र सरकार संवेदनहीन बनी है

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने भारतीय जनसंघ के संस्थापकों में से एक भारत के पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेई की जयंती पर श्रद्धा पूर्वक उन्हें नमन किया और इस दिन मनाए जाने वाले राष्ट्रीय सुशासन दिवस की सभी प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं भी दी. उन्होंने अटल बिहारी वाजपेयी की जन्मदिन के अवसर पर जरूरतमंदों को श्याम झा के सहयोग और जयपुर ग्रेटर की महापौर डॉक्टर सौम्या में गुर्जर की उपस्थिति में जयपुर शहर में कंबल वितरण भी किया. पूनिया ने तुलसी पूजन दिवस पर भी शुभकामनाएं दी. उन्होंने महाराजा सूरजमल के बलिदान दिवस पर उन्हें नमन किया. उन्होंने कहा कि महाराजा सूरजमल में वीरता धीरता उदारता सतरकता दूरदर्शिता सूझबूझ चातुर्य का सुखद संगम सुशोभित था.

पूनिया को भगवत गीता भेंट की

गीता जयंती के अवसर पर शुक्रवार को भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया को समाजसेवी डॉ. अनुपमा सोनी ने श्रीमद्भागवत गीता की प्रति भेंट की. सोनी बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान की ब्रांड एंबेसडर भी है. पूनिया ने कहा कि भगवान श्री कृष्ण का भगवत गीता के माध्यम से दिया गया, संदेश प्रत्येक व्यक्ति को आत्मसात कर अपने जीवन में प्रेरणा लेनी चाहिए.

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