जयपुर. राजधानी में प्रदेश भाजपा कार्यालय पर नवनियुक्त पार्षदों की बैठक आयोजित हुई, जिसमें प्रदेश भाजपा अध्यक्ष डॉ. सतीश पूनिया, राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री वी सतीश और सांसद राजेंद्र गहलोत ने पार्षदों को संबोधित किया. इस दौरान प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि जयपुर में दोनों निगमों में हमारी भूमिका अलग अलग है. एक जगह हमारा मेयर है, एक जगह हमारा विपक्ष है. ऐसे में संतुलन कैसे रहे और लोगों की समस्याओं का समाधान कैसे करें, इसे लेकर चर्चा करने की शुरुआत हुई है, जो आगे भी कायम रहेगी.
पार्टी के विग्रह से परिपक्व नेता होने के बावजूद भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत मानसिक रूप से है विचलित
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के राजस्थान में सरकार गिराने के षड्यंत्र में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सतीश पूनिया समेत नेता प्रतिपक्ष के शामिल होने के आरोप लगाने के बाद शनिवार को भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि उन्हें अफसोस है कि इतने परिपक्व नेता होने के बावजूद भी टेप रिकॉर्डर की तरह मुख्यमंत्री भाजपा पर खरीद फरोख्त के ऐसे आरोप लगाते हैं, जिनका कोई आधार नहीं है.
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पूनिया ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत इन दिनों मानसिक तरीके से विचलित हैं. सरकार सही से चला नहीं पा रहे हैं. पार्टी में विग्रह है और इसलिए इस कमजोरी को छुपाने के लिए भाजपा पर आरोप लगाते हैं. उन्होंने कहा कि भाजपा पर आरोप लगाने से उनके लिए यह सहूलियत है कि वह हम पर आरोप लगाकर सहानुभूति बटोर सकते हैं.
आशा सहयोगिनियों के प्रति सहानुभूति दिखाए सरकार
पूनिया ने कहा कि सरकार बातें तो बड़ी बड़ी करती है, लेकिन आशा सहयोगिनी बहनें जो खुले आसमान के नीचे पूरी रात भर जिस तरीके से तकलीफ में गुजारती हैं और दूसरी तरफ राजस्थान के लगभग 20 जिलों के किसान पूरी रात बिजली का इंतजार करते हैं. उन्हें दिन में बिजली मिलती नहीं है. उनके लिए सरकार कुछ नहीं कर रही है. एक तरफ किसान बिजली के लिए कई जगह प्रदर्शन कर रहे हैं तो उन्हें सरकार की ओर से कहा जा रहा है कि अभी केवल 15 जिलों में ही वह दिन में बिजली देने में समर्थ हैं. वहीं दूसरी ओर आशा सहयोगिनियों की मांगों को नहीं माना जा रहा है. ऐसे में सरकार जिस तरीके से असंवेदनशीलता दिखा रही है, उन्हें किसानों और आशा सहयोगिनियों से सहानुभूति है.
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को लिखा पत्र
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अध्यक्ष डॉ. सतीश पूनिया ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को शनिवार को एक पत्र लिखकर आयकर व जीएसटी की अंतिम तारीखों को 31 मार्च 2021 तक बढ़ाने का आग्रह किया है. उन्होंने पत्र के जरिए वित्त मंत्री से अपील की है कि ऐसा करने से कोविड-19 की परिस्थितियों में व्यापारिक संगठनों, व्यापार मंडल एवं व्यापारियों को राहत मिलेगी. डॉ. पूनिया ने अपने पत्र में लिखा कि व्यापारी वर्गों की समस्याओं को देखते हुए मेरा आपसे आग्रह है कि आयकर व जीएसटी की अंतिम तारीखों को आगे बढ़ाने का आग्रह स्वीकार कर इन तबकों को राहत प्रदान करें.