जयपुर. निकाय चुनावों में भाजपा के जनप्रतिनिधियों और कार्यकर्ताओं ने अथक परिश्रम किया और हम 12 निकायों में सफल रहे. कांग्रेस की गहलोत सरकार ने सरकारी मशीनरी का जमकर दुरूपयोग किया. लोगों को मुकदमों की धमकी और पुलिस प्रशासन के माध्यम से डराया-धमकाया गया, निर्दलीयों के भरोसे कांग्रेस अपनी इज्जत बचाने में बेशक कामयाब हुई है. यह कहना है भाजपा प्रदेशाध्यक्ष डॉ. सतीश पूनिया का.
पूनिया ने निकायों के चेयरमैन के चुनाव परिणाम के बाद अपनी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि 2023 के विधानसभा चुनावों में प्रदेश की जनता कांग्रेस का सूपड़ा साफ कर देगी, क्योंकि दो साल में ही जनविरोधी नीतियों के कारण इनके खिलाफ सत्ता विरोधी माहौल बन चुका है.
डॉ. पूनिया ने कहा कि इन 50 निकायों में हुए चुनावों में कुल 14 लाख मतदाताओं में से कांग्रेस को सिर्फ 2,888 वोट अधिक मिले हैं, जबकि पंचायतीराज चुनाव में भाजपा को कांग्रेस से 1 लाख 49 हजार से अधिक वोट मिले. उन्होंने कहा कि भाजपा और निर्दलीय पार्षदों की संख्या को मिलाकर निकाय चुनावों में जनादेश कांग्रेस सरकार के खिलाफ है.
राजस्थान के इतिहास में इस तरीके से सरकारी मशीनरी के दुरूपयोग का नंगा नाच पहली बार हो रहा है, पुलिस कांग्रेस के एजेंट के रूप में काम कर रही है. डॉ पूनिया ने कहा कि प्रदेश के 21 जिलों में हुए पंचायतीराज चुनाव में भी गहलोत सरकार ने पुलिस प्रशासन का दुरूपयोग किया था. इसके बावजूद भी किसानों और युवाओं ने कांग्रेस सरकार को सबक सिखाया और भाजपा को शानदार जीत का आशीर्वाद दिया था. उन्होंने कहा कि कांग्रेस की स्थिति ना केवल प्रदेश के गांवों बल्कि शहरों में भी कमजोर हो चुकी है और इनकी जमीन खिसकती हुई जा रही है.