जयपुर. महापौर व पार्षदों के निलंबन मामले में भड़की सियासत के बीच आए पीसीसी चीफ गोविंद डोटासरा के बयान पर भाजपा प्रदेश प्रवक्ता और विधायक रामलाल शर्मा ने चुटकी ली है. शर्मा ने कहा कि अब खुद पीसीसी चीफ गोविंद डोटासरा ने भी मान लिया है कि स्वायत शासन विभाग ने निलंबन की कार्रवाई में काफी जल्दबाजी की, जिसकी जरूरत नहीं थी.
शर्मा ने एक बयान जारी कर बताया कि राजस्थान की सरकार ने जयपुर ग्रेटर में डॉ. सौम्या गुर्जर को लेकर जो कार्रवाई की, उसका प्रमाण तो अब कांग्रेस पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने दे दिया. उन्होंने कहा है कि स्वायत्त शासन विभाग को जल्दबाजी करने की आवश्यकता नहीं थी, लेकिन जयपुर ग्रेटर की जो घटना घटी. उससे कहीं अधिक घटना अलवर के अंदर घटी थी और अलवर के अंदर जिस प्रकार से सभापति द्वारा एक अधिशासी अभियंता, जिसके पास कमिश्नर का चार्ज था, उसके साथ मारपीट की गई. ये राजस्थान की सरकार दोहरा मापदंड क्यों अपना रही है? एक तरफ सख्त कार्रवाई कर रही है, तो दूसरी तरफ उदासीनता बरतने का काम कर रही है.
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रामलाल शर्मा ने कहा कि मैं चाहूंगा कि राजस्थान की सरकार अपनी निरंकुशता के ऊपर अंकुश लगाते हुए जो जयपुर ग्रेटर मेयर और पार्षदों का जो निलंबन किया गया है, वह अनुचित है और उसको तत्काल वापस लेने का काम करें.