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कोरोना प्रबंधन में फेल हुई गहलोत सरकार अब ज्ञापन देने का कर रही नाटक -भाजपा - उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़

कोरोना वैक्सीनेशन को लेकर इन-दिनों सियायत तेज है. जहां कांग्रेस ने शुक्रवार को जिला स्तर पर कलेक्टर और राज्य स्तर पर राज्यपाल को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा. जिसके बाद भाजपा ने गहलोत सरकार पर ही कोरोना प्रबंधन में फेल होने का आरोप लगाया.

कोरोना वैक्सीनेशन को लेकर सियासत, politics regarding corona vaccination
कोरोना वैक्सीनेशन को लेकर सियासत
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Published : Jun 4, 2021, 2:27 PM IST

जयपुर. कोरोना वैक्सीनेशन को लेकर चल रही सियासत अपने उबाल पर है. जहां कांग्रेस ने शुक्रवार को जिला स्तर पर कलेक्टर और राज्य स्तर पर राज्यपाल को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा. वहीं पलटवार में भाजपा ने गहलोत सरकार पर ही कोरोना प्रबंधन में फेल होने का आरोप लगाते हुए इन ज्ञापनों के कार्यक्रम को नौटंकी करार दिया है. नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया, उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ और भाजपा विधायक व पूर्व चिकित्सा मंत्री कालीचरण सराफ ने बयान जारी कर इस मसले पर कांग्रेस और प्रदेश सरकार को घेरा है.

राजेंद्र राठौड़ का बयान

पढ़ें- AICC की कोविड टास्क फोर्स की वर्चुअल बैठक, डोटासरा बोले- राजस्थान में किए जा रहे सबसे ज्यादा टेस्ट

सर्वाधिक वैक्सीनेशन केंद्र सरकार ने राजस्थान को फ्री दी फिर नाटक क्यों - कटारिया

गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि केंद्र सरकार ने राजस्थान को अब तक 1 करोड़ 70 लाख वैक्सीनेशन निशुल्क दिए हैं, जिसकी बदौलत देश भर में राजस्थान में सर्वाधिक वैक्सीनेशन हुआ, लेकिन 18 से 44 वर्ष के लोगों को वैक्सीनेशन करवाने की जिम्मेदारी राज्य सरकारों की है और उसमें प्रदेश की गहलोत सरकार पूरी तरह फेल साबित हुई. कटारिया ने कहा खोज प्रधानमंत्री के साथ हुई मीटिंग में मुख्यमंत्रियों ने वैक्सीनेशन में स्वायत्तता मांगी थी, लेकिन उस वक्त किसी भी मुख्यमंत्री ने वैक्सीनेशन फ्री होने की बात नहीं कही.

गुलाबचंद कटारिया का बयान

कटारिया ने कहा कि गहलोत सरकार अपनी जिम्मेदारी निभा नहीं पा रही और ग्लोबल टेंडर के बाद भी हवा हवाई निकली, अब जब खुद कोरोना प्रबंधन में प्रदेश सरकार फेल हो गई तो अपनी जिम्मेदारी इस प्रकार के कार्यक्रमों के जरिए केंद्र सरकार पर डाल रही है.

ज्ञापन की नौटंकी कर रही गहलोत सरकार बताए साढ़े 11 लाख वैक्सीन डोज क्यों खराब थी - राठौड़

वहीं प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ ने एक बयान जारी कर इस मसले पर गहलोत सरकार और कांग्रेस की ओर से नौटंकी करने की बात कही. राठौड़ ने कहा कि कोरोना प्रबंधन में फेल हुई राज्य सरकार अब ज्ञापन देने का नाटक कर रही है, लेकिन प्रदेश सरकार सबसे पहले इस बात को स्पष्ट करें कि साढ़े 11 लाख वैक्सीन की डोज क्यों खराब की. राठौड़ ने कहा चिकित्सा और स्वास्थ्य राज्यों का सब्जेक्ट है, लेकिन सरकार इन ज्ञापन के माध्यम से अपने कु प्रबंधन को छुपा रही है. राठौड़ ने कहा टुकड़ों में बंटी कांग्रेस की स्थिति और दयनीय हो चुकी है.

कालीचरण सराफ का बयान

पढ़ें- डोटासरा बोले- सोनिया गांधी से करूंगा शिकायत...धारीवाल ने कहा- जो बिगाड़ना है बिगाड़ लो, जानें विवाद की पूरी कहानी

कोरोना में हुई मौतें के लिए जनता से माफी मांगे गहलोत सरकार - कालीचरण सराफ

वहीं भाजपा विधायक और पूर्व चिकित्सा मंत्री कालीचरण सराफ ने कांग्रेस के ज्ञापन देने के कार्यक्रम को नौटंकी बताते हुए कहा कि पहले तो गहलोत सरकार को कोरोना कुप्रबंधन के कारण राजस्थान में हुई मौतों के लिए जनता से माफी मांगना चाहिए. कालीचरण सराफ ने कहा कि केवल अपनी नाकामियों को छुपाने के लिए इस प्रकार के ज्ञापन कांग्रेस दे रही है, जबकि मुख्यमंत्री तो वरिष्ठ नेता है, उन्हें इस बात की जानकारी होना चाहिए कि स्वास्थ्य राज्यों का विषय होता है.

कालीचरण सराफ ने कहा कि प्रदेश सरकार के पास एसडीआरएफ 4000 करोड़ का फंड पड़ा है और विधायकों से भी 600 करोड़ रुपए उनके विकास कोष से ले ली है फिर आखिर गहलोत साहब इसका उपयोग वेक्सीनेशन में क्यों नहीं कर रहे. क्योंकि अब तक तो 50 करोड़ की ही वैक्सीन खरीद के आर्डर सरकार ने जारी किए है.

जयपुर. कोरोना वैक्सीनेशन को लेकर चल रही सियासत अपने उबाल पर है. जहां कांग्रेस ने शुक्रवार को जिला स्तर पर कलेक्टर और राज्य स्तर पर राज्यपाल को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा. वहीं पलटवार में भाजपा ने गहलोत सरकार पर ही कोरोना प्रबंधन में फेल होने का आरोप लगाते हुए इन ज्ञापनों के कार्यक्रम को नौटंकी करार दिया है. नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया, उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ और भाजपा विधायक व पूर्व चिकित्सा मंत्री कालीचरण सराफ ने बयान जारी कर इस मसले पर कांग्रेस और प्रदेश सरकार को घेरा है.

राजेंद्र राठौड़ का बयान

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सर्वाधिक वैक्सीनेशन केंद्र सरकार ने राजस्थान को फ्री दी फिर नाटक क्यों - कटारिया

गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि केंद्र सरकार ने राजस्थान को अब तक 1 करोड़ 70 लाख वैक्सीनेशन निशुल्क दिए हैं, जिसकी बदौलत देश भर में राजस्थान में सर्वाधिक वैक्सीनेशन हुआ, लेकिन 18 से 44 वर्ष के लोगों को वैक्सीनेशन करवाने की जिम्मेदारी राज्य सरकारों की है और उसमें प्रदेश की गहलोत सरकार पूरी तरह फेल साबित हुई. कटारिया ने कहा खोज प्रधानमंत्री के साथ हुई मीटिंग में मुख्यमंत्रियों ने वैक्सीनेशन में स्वायत्तता मांगी थी, लेकिन उस वक्त किसी भी मुख्यमंत्री ने वैक्सीनेशन फ्री होने की बात नहीं कही.

गुलाबचंद कटारिया का बयान

कटारिया ने कहा कि गहलोत सरकार अपनी जिम्मेदारी निभा नहीं पा रही और ग्लोबल टेंडर के बाद भी हवा हवाई निकली, अब जब खुद कोरोना प्रबंधन में प्रदेश सरकार फेल हो गई तो अपनी जिम्मेदारी इस प्रकार के कार्यक्रमों के जरिए केंद्र सरकार पर डाल रही है.

ज्ञापन की नौटंकी कर रही गहलोत सरकार बताए साढ़े 11 लाख वैक्सीन डोज क्यों खराब थी - राठौड़

वहीं प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ ने एक बयान जारी कर इस मसले पर गहलोत सरकार और कांग्रेस की ओर से नौटंकी करने की बात कही. राठौड़ ने कहा कि कोरोना प्रबंधन में फेल हुई राज्य सरकार अब ज्ञापन देने का नाटक कर रही है, लेकिन प्रदेश सरकार सबसे पहले इस बात को स्पष्ट करें कि साढ़े 11 लाख वैक्सीन की डोज क्यों खराब की. राठौड़ ने कहा चिकित्सा और स्वास्थ्य राज्यों का सब्जेक्ट है, लेकिन सरकार इन ज्ञापन के माध्यम से अपने कु प्रबंधन को छुपा रही है. राठौड़ ने कहा टुकड़ों में बंटी कांग्रेस की स्थिति और दयनीय हो चुकी है.

कालीचरण सराफ का बयान

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कोरोना में हुई मौतें के लिए जनता से माफी मांगे गहलोत सरकार - कालीचरण सराफ

वहीं भाजपा विधायक और पूर्व चिकित्सा मंत्री कालीचरण सराफ ने कांग्रेस के ज्ञापन देने के कार्यक्रम को नौटंकी बताते हुए कहा कि पहले तो गहलोत सरकार को कोरोना कुप्रबंधन के कारण राजस्थान में हुई मौतों के लिए जनता से माफी मांगना चाहिए. कालीचरण सराफ ने कहा कि केवल अपनी नाकामियों को छुपाने के लिए इस प्रकार के ज्ञापन कांग्रेस दे रही है, जबकि मुख्यमंत्री तो वरिष्ठ नेता है, उन्हें इस बात की जानकारी होना चाहिए कि स्वास्थ्य राज्यों का विषय होता है.

कालीचरण सराफ ने कहा कि प्रदेश सरकार के पास एसडीआरएफ 4000 करोड़ का फंड पड़ा है और विधायकों से भी 600 करोड़ रुपए उनके विकास कोष से ले ली है फिर आखिर गहलोत साहब इसका उपयोग वेक्सीनेशन में क्यों नहीं कर रहे. क्योंकि अब तक तो 50 करोड़ की ही वैक्सीन खरीद के आर्डर सरकार ने जारी किए है.

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