जयपुर. रीट पेपर लीक मामले (REET Paper Leak Case) में पूर्व माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष डीपी जारोली को एसओजी की ओर से क्लीन चिट मिलने (SOG clean chit to DP Jaroli) के मामले में सियासी उबाल आ गया है. भाजपा सांसद डॉ. किरोड़ी लाल मीणा और भाजयुमो प्रदेश अध्यक्ष हिमांशु शर्मा ने जारोली को क्लीन चिट देने पर नाराजगी जताते हुए सरकार से पूछा है कि फिर पूर्व में इस प्रकरण में जारोली को बर्खास्त क्यों किया गया था. मीणा ने कहा कि सरकार जारोली को क्लीन चिट देखकर इस प्रकरण में फंसे बड़े मगरमच्छों को बचाना चाहती है.
मीणा ने एक बयान जारी कर कहा कि खुद जारोली ने स्वीकार किया था कि बिना राजनीतिक संरक्षण के पेपर लीक हो ही नहीं सकता, जो इस बात का संकेत था कि जारोली की रीट पेपर लीक में भूमिका थी. मीणा ने कहा कि मैं एसओजी से पूछना चाहता हूं कि जब परीक्षा पूरे प्रदेश में संपन्न कराई जाने वाली थी उससे 1 दिन पूर्व यानी 24 सितंबर को डीपी जारोली शिक्षा संकुल में क्या कर रहे थे. आखिर इस क्लीन चिट का राज क्या है. प्रदेश के मुखिया से यह राजस्थान की जनता जानना चाहती है.
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किरोड़ी मीणा ने कहा कि प्रदेश के 26 लाख युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने वाले मगरमच्छों जिनमें सीएमओ, सीएमआर, मंत्री, विधायक और अधिकारी भी शामिल हैं, इनको राज्य सरकार बचाने का कितना भी प्रयास कर ले इन पर जल्द ही गाज गिरने वाली है.
वहीं, भाजयुमो प्रदेश अध्यक्ष हिमांशु शर्मा ने इस मामले में कहा कि मैंने पूर्व में कई बार कहा था कि एसओजी रीट पेपर लीक प्रकरण में अनुसंधान आरोपियों को पकड़ने के लिए नहीं बल्कि मुख्य अभियुक्तों को बचाने और उनके खिलाफ सबूत मिटाने के लिए काम कर रही है. अब एसओजी ने जारोली के खिलाफ सबूत मिटा कर जारोली का नाम मामले से निकाल दिया है मतलब अनुसंधान त्रुटिपूर्ण है.