जयपुर. बीजेपी की केंद्रीय अनुशासन समिति ने विधायक शोभारानी कुशवाह को कारण बताओ नोटिस (Show Cause Notice On Cross Voting) जारी किया है. इसमें नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया की सिफारिश और प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया की रिपोर्ट को आधार बनाया गया है. रिपोर्ट में लिखा गया है कि कुशवाह ने पार्टी व्हिप का उल्लंघन कर घोर अनुशासनहीनता की है. बीजेपी के संविधान और नियमों के आर्टिकल 25 के रूल 10-बी का भी उल्लंघन पाया गया है.
केंद्रीय अनुशासन समिति (BJP Central Disciplinary Committee) के मेंबर सेक्रेट्री ओम पाठक ने 7 दिन में शोभारानी से कारण बताने को कहा है. पूछा है कि उन्हें पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से क्यों नहीं निष्कासित कर दिया जाए? 19 जून तक उनसे जवाब मांगा गया है. जांच के फाइनल रिजल्ट आने तक उन्हें पार्टी की प्राथमिक मेंबरशिप, अन्य जिम्मेदारियों और दायित्वों से तत्काल प्रभाव से निलंबित (BJP Suspends Shobharani) कर दिया गया है.
कटारिया ने पहले ही उठाया ये कदम: बता दें कि शोभारानी के कांग्रेस उम्मीदवार प्रमोद तिवारी के पक्ष में क्रॉस वोटिंग के साथ ही नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया था. यहां से भी उन्हें 7 दिन का नोटिस सर्व किया (Show Cause Notice To Shobharani) गया है. कटारिया ने कहा है- शोभारानी के निष्कासन की कार्यवाही शुरु कर दी गई है. शोभारानी की वोटिंग की वजह से राजस्थान से भाजपा को एक मत कम मिला. इससे पार्टी के भीतर का अंसतोष सावर्जनिक होने की चिंता शीर्ष नेतृत्व को सता रही है.
कांग्रेस के संपर्क में थीं शोभारानी!: शीर्ष नेतृत्व अगर आशंकित है तो इसके पीछे की वजह भी ढूंढ के निकाली गई है. सियासी गलियारों में चर्चा है कि शोभारानी भाजपा की बाड़ेबंदी से पहले ही कांग्रेस नेतृत्व के सम्पर्क में थीं. ऐसा नहीं है कि उनका ये मेल मिलाप पार्टी दिग्गजों को ना मालूम था. कुछ को जानकारी थी लेकिन इसे नजरअंदाज कर दिया गया. ये अनदेखा करना ही टॉप नेतृत्व को खल रहा है. इसे नेगेटिव मैसेज के तौर पर देखा जा रहा है.