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BJP Protest In Jaipur: निष्पक्ष जांच के लिए कमिश्नर को छुट्टी पर भेजें, हस्तक्षेप नहीं हुआ तो कई बड़े चेहरे होंगे बेनकाब - भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस

भ्रष्ट अधिकारी और कर्मचारियों के खिलाफ ग्रेटर निगम में एसीबी लगातार कार्रवाई (ACB action in Greater Corporation) कर रही है. इस बीच ग्रेटर निगम (Jaipur Greater Municipal Corporation Corruption) के वित्तीय सलाहकार अचलेश्वर मीणा और दो दलालों की कार्रवाई में निगम कमिश्नर का नाम भी सामने आने के बाद बीजेपी ने राज्य सरकार और निगमायुक्त के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए अमर जवान ज्योति के ठीक सामने धरना देकर विरोध दर्ज कराया है. साथ ही निष्पक्ष जांच के लिए कमिश्नर को छुट्टी पर भेजने की मांग की है.

BJP Protest In Jaipur
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Published : Jan 10, 2022, 4:07 PM IST

जयपुर. ग्रेटर निगम के पार्षद और बीजेपी के पदाधिकारियों ने सोमवार को अमर जवान ज्योति के ठीक सामने धरना देकर विरोध प्रदर्शन (BJP Protest Against Congress Government) करते हुए नगर निगम कमिश्नर को भ्रष्ट (Municipal Commissioner Corrupt in Jaipur) बताते हुए कार्रवाई मांग की है. हालांकि इस प्रदर्शन के दौरान कोरोना नियमों की धज्जियां उड़ती दिखाई दी. इस दौरान कई लोगों ने मास्क नहीं लगाया साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग की भी पालना नहीं की गई.

निष्पक्ष हो जांच

इस दौरान मौजूद रहे शहर अध्यक्ष राघव शर्मा ने कहा कि सीएम भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस (Zero Tolerance On Corruption In Rajasthan) की बात कहते हैं. उन्हीं के डिपार्टमेंट एंटी करप्शन ने जांच में निगम के एक अधिकारी और दो कर्मचारी को रिश्वत के मामले में पकड़ा है. अब भ्रष्टाचार में डूबे हुए निगम कमिश्नर जिसके नाम पर दलाली ली जा रही थी, उन्हें बर्खास्त किया जाए. उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार में जाने वाले पैसे को जनता के विकास कार्य में लगाया जाए. उन्होंने कहा कि या तो मुख्यमंत्री भ्रष्टाचार के जीरो टॉलरेंस (Zero Tolerance On Corruption In Rajasthan) वाले कथन को वापस ले, और यदि वो भ्रष्टाचार से लड़ाई लड़ना चाहते हैं तो कमिश्नर यज्ञ मित्र सिंह देव को छुट्टी पर भेज कर इस मामले की निष्पक्ष जांच करा कर दूध का दूध पानी का पानी करते हुए, दोषियों को जेल की सलाखों के पीछे भेजें.

यह भी पढ़ें - Jaipur ACB in Action : जयपुर के ग्रेटर नगर निगम में एसीबी खंगाल रही फाइलें, शक के घेरे में कमिश्नर

बीजेपी बोर्ड में भ्रष्टाचार नहीं

हालांकि निगम के इतिहास में एसीबी की कार्रवाई (ACB action in Greater Corporation) कोई नई बात नहीं है. इस पर राघव शर्मा ने कहा कि निगम में भ्रष्टाचार रहा है इस बात से वो सहमत नहीं है. बोर्ड में वो खुद भी सदस्य रहे हैं, उस दौरान भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस था. बीजेपी बोर्ड जनता की कसौटी पर खरा उतरा है, उसी का नतीजा है कि यहां लगातार बीजेपी का बोर्ड रहा और यदि भ्रष्टाचार की कोई सुगबुगाहट होती है तो उस पर कार्रवाई भी की जानी चाहिए.

यह भी पढ़ें - भ्रष्टाचार का अड्डा बन गया Jaipur Nagar Nigam, कर्मचारी से लेकर जनप्रतिनिध तक धरे ACB ने

जांच को लंबित रखने का आरोप

इस दौरान उन्होंने निलंबित महापौर सौम्या गुर्जर के पति राजाराम गुर्जर पर की गई एसीबी की कार्रवाई (ACB action in Greater Corporation) को लेकर कहा कि अभी जांच रिपोर्ट नहीं आई है. जांच रिपोर्ट आने से पहले उन्हें भ्रष्ट नहीं कहा जा सकता. साथ ही उन्होंने कहा कि निगम कमिश्नर चाहता था कि बीवीजी कंपनी का ठेका चलता रहे. इस बात पर पूर्व मेयर से भी उनका मतभेद हुआ. जिस पर कमिश्नर ने राज्य सरकार को गुमराह करते हुए बोर्ड को अस्थिर करने का प्रयास किया था. आज 8 महीने बाद स्पष्ट हो गया है कि भ्रष्ट बीजेपी के लोग नहीं है. साथ ही उन्होंने अभी तक न्यायिक आयोग ना बनाकर जांच को लंबित रखने पर भी सवाल खड़े किए.

यह भी पढ़ें - Kota ACB Work Report 2021 : भ्रष्टाचारियों पर कार्रवाई में बारां सबसे फिसड्डी, कोटा और भरतपुर सबसे आगे

निगम में भ्रष्टाचार पर राज्य सरकार का संरक्षण

वहीं ग्रेटर निगम उप महापौर ने कहा कि निगम में भ्रष्टाचार का जो खेल चल रहा है, उसमें राज्य सरकार का संरक्षण स्पष्ट रूप से नजर आ रहा है. डीएलबी की ओर से यहां सीधी नियुक्तियां दी जाती है. चुने हुए बोर्ड की शक्तियों को रोका गया है. समितियों को काम नहीं करने दिया जा रहा और अधिकारी अपनी मनमर्जी चला रहे हैं. जिसके आधार पर यहां भ्रष्टाचार पनप रहा है. उन्होंने एसीबी को धन्यवाद देते हुए कहा कि एसीबी ने 3 महीने तक सर्विलांस पर लेते हुए भ्रष्ट अधिकारी और कांट्रेक्टर के इस जाल का पर्दाफाश किया है. उन्होंने कहा कि यदि ये जांच निष्पक्ष हुई, बिना किसी दबाव के हुई, इसमें राजनीतिक हस्तक्षेप नहीं हुआ तो बहुत बड़े-बड़े चेहरे बेनकाब होंगे.

जयपुर. ग्रेटर निगम के पार्षद और बीजेपी के पदाधिकारियों ने सोमवार को अमर जवान ज्योति के ठीक सामने धरना देकर विरोध प्रदर्शन (BJP Protest Against Congress Government) करते हुए नगर निगम कमिश्नर को भ्रष्ट (Municipal Commissioner Corrupt in Jaipur) बताते हुए कार्रवाई मांग की है. हालांकि इस प्रदर्शन के दौरान कोरोना नियमों की धज्जियां उड़ती दिखाई दी. इस दौरान कई लोगों ने मास्क नहीं लगाया साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग की भी पालना नहीं की गई.

निष्पक्ष हो जांच

इस दौरान मौजूद रहे शहर अध्यक्ष राघव शर्मा ने कहा कि सीएम भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस (Zero Tolerance On Corruption In Rajasthan) की बात कहते हैं. उन्हीं के डिपार्टमेंट एंटी करप्शन ने जांच में निगम के एक अधिकारी और दो कर्मचारी को रिश्वत के मामले में पकड़ा है. अब भ्रष्टाचार में डूबे हुए निगम कमिश्नर जिसके नाम पर दलाली ली जा रही थी, उन्हें बर्खास्त किया जाए. उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार में जाने वाले पैसे को जनता के विकास कार्य में लगाया जाए. उन्होंने कहा कि या तो मुख्यमंत्री भ्रष्टाचार के जीरो टॉलरेंस (Zero Tolerance On Corruption In Rajasthan) वाले कथन को वापस ले, और यदि वो भ्रष्टाचार से लड़ाई लड़ना चाहते हैं तो कमिश्नर यज्ञ मित्र सिंह देव को छुट्टी पर भेज कर इस मामले की निष्पक्ष जांच करा कर दूध का दूध पानी का पानी करते हुए, दोषियों को जेल की सलाखों के पीछे भेजें.

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बीजेपी बोर्ड में भ्रष्टाचार नहीं

हालांकि निगम के इतिहास में एसीबी की कार्रवाई (ACB action in Greater Corporation) कोई नई बात नहीं है. इस पर राघव शर्मा ने कहा कि निगम में भ्रष्टाचार रहा है इस बात से वो सहमत नहीं है. बोर्ड में वो खुद भी सदस्य रहे हैं, उस दौरान भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस था. बीजेपी बोर्ड जनता की कसौटी पर खरा उतरा है, उसी का नतीजा है कि यहां लगातार बीजेपी का बोर्ड रहा और यदि भ्रष्टाचार की कोई सुगबुगाहट होती है तो उस पर कार्रवाई भी की जानी चाहिए.

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जांच को लंबित रखने का आरोप

इस दौरान उन्होंने निलंबित महापौर सौम्या गुर्जर के पति राजाराम गुर्जर पर की गई एसीबी की कार्रवाई (ACB action in Greater Corporation) को लेकर कहा कि अभी जांच रिपोर्ट नहीं आई है. जांच रिपोर्ट आने से पहले उन्हें भ्रष्ट नहीं कहा जा सकता. साथ ही उन्होंने कहा कि निगम कमिश्नर चाहता था कि बीवीजी कंपनी का ठेका चलता रहे. इस बात पर पूर्व मेयर से भी उनका मतभेद हुआ. जिस पर कमिश्नर ने राज्य सरकार को गुमराह करते हुए बोर्ड को अस्थिर करने का प्रयास किया था. आज 8 महीने बाद स्पष्ट हो गया है कि भ्रष्ट बीजेपी के लोग नहीं है. साथ ही उन्होंने अभी तक न्यायिक आयोग ना बनाकर जांच को लंबित रखने पर भी सवाल खड़े किए.

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निगम में भ्रष्टाचार पर राज्य सरकार का संरक्षण

वहीं ग्रेटर निगम उप महापौर ने कहा कि निगम में भ्रष्टाचार का जो खेल चल रहा है, उसमें राज्य सरकार का संरक्षण स्पष्ट रूप से नजर आ रहा है. डीएलबी की ओर से यहां सीधी नियुक्तियां दी जाती है. चुने हुए बोर्ड की शक्तियों को रोका गया है. समितियों को काम नहीं करने दिया जा रहा और अधिकारी अपनी मनमर्जी चला रहे हैं. जिसके आधार पर यहां भ्रष्टाचार पनप रहा है. उन्होंने एसीबी को धन्यवाद देते हुए कहा कि एसीबी ने 3 महीने तक सर्विलांस पर लेते हुए भ्रष्ट अधिकारी और कांट्रेक्टर के इस जाल का पर्दाफाश किया है. उन्होंने कहा कि यदि ये जांच निष्पक्ष हुई, बिना किसी दबाव के हुई, इसमें राजनीतिक हस्तक्षेप नहीं हुआ तो बहुत बड़े-बड़े चेहरे बेनकाब होंगे.

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