जयपुर. राजस्थान विधानसभा का मौजूदा सत्र अब तक हंगामेदार (ruckus on reet Leak) रहा है. विपक्ष के रूप में भाजपा ने रीट परीक्षा में हुई अनियमितता की सीबीआई जांच की मांग (BJP demands CBI Probe In Reet Leak) बुलंद कर रखी है लेकिन सत्ता पक्ष भी मांग नहीं माने जाने पर अडिग है. इस बीच राज्यपाल के अभिभाषण की बहस पर 15 फरवरी को आने वाले मुख्यमंत्री के जवाब के दिन ही भाजपा ने सदन के बाहर और सदन के भीतर तक सरकार को घेरने की रणनीति तैयार कर ली है.
सदन में बीजेपी विधायक, बाहर कार्यकर्ता और पदाधिकारी करेंगे घेराव: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत राज्यपाल के अभिभाषण पर चल रही बहस के दौरान 15 फरवरी को सदन में अपनी बात रखेंगे. उसी दिन बीजेपी ने विधानसभा घेराव का ऐलान किया है और इसकी जिम्मेदारी भाजपा के अग्रिम मोर्चा को दी गई है. युवा मोर्चा और अल्पसंख्यक मोर्चा सहित जयपुर शहर, जयपुर देहात, उत्तर और दक्षिण से जुड़े भाजपा कार्यकर्ता और पार्टी के प्रदेश पदाधिकारी इसमें जुड़ेंगे. बताया जा रहा है कि युवा मोर्चा ने अलग-अलग जिलों से भी अपने कार्यकर्ता विधानसभा के घेराव (BJP planned vidhansabha Gherao) के लिए बुलाए हैं.
मतलब साफ है कि 15 फरवरी को भाजपा का यह प्रदर्शन न सिर्फ प्रदेश सरकार बल्कि जयपुर जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन के लिए भी सिरदर्द बन सकता है. प्लानिंग के तहत भाजपा के कार्यकर्ता विधानसभा घेराव के जरिए प्रदेश सरकार पर रीट परीक्षा अनियमितता की सीबीआई जांच का दबाव बनाएंगे. भाजपा के विधायक विधानसभा के भीतर सदन में इसी मुद्दे पर सरकार को घेरेंगे.
15 फरवरी को ही बुलाई भाजपा विधायक दल की बैठक : 15 फरवरी का दिन काफी महत्वपूर्ण है लिहाजा भाजपा ने सुबह 10 बजे ना पक्ष लॉबी में विधायक दल की बैठक बुलाई है. इसी बैठक में रीट परीक्षा अनियमितता मामले में सरकार को घेरने की रणनीति बनेगी. भाजपा विधायकों के विरोध प्रदर्शन के चलते पिछले दिनों पार्टी के 4 विधायकों को सत्र की शेष कार्रवाई के लिए निलंबित कर दिया था.
भाजपा सरकार में पेपर लीक मामलों की नहीं कराई सीबीआई जांच,अब तक के प्रकरण लंबित : रीट पेपर लीक मामले में भाजपा सीबीआई जांच की मांग कर रही है लेकिन कांग्रेस, एसओजी की अब तक की जांच पर संतुष्ट है. गहलोत सरकार इसके चलते सीबीआई जांच की मांग से साफ मना कर रही है. कांग्रेस नेताओं (BJP Vs Congress) का यह भी तर्क है कि पिछली भाजपा सरकार के कार्यकाल में कई पेपर लीक मामले हुए. तब भी तत्कालीन बीजेपी सरकार ने एसओजी की जांच पर ही भरोसा जताया और सीबीआई की जांच नहीं करवाई.
ऐसे में अब सिर्फ दिल्ली के इशारे पर यहां पर यह मांग उठाई जा रही है. दूसरा तर्क ये भी है कि पिछले 3 साल में गहलोत सरकार के कार्यकाल के दौरान जिन प्रकरणों को सीबीआई जांच के लिए भेजा गया वह भी अभी ठंडे बस्ते में ही है और यही तक कांग्रेस भी दे रही है.
अरुण सिंह व तेजस्वी सूर्या करेंगे संबोधित, 60 हजार कार्यकर्ताओं के जुटने का दावा : 15 फरवरी को होने वाले विधानसभा के घेराव मैं भाजपा के प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह के साथ ही भाजयुमो के राष्ट्रीय अध्यक्ष तेजस्वी सूर्या भी शामिल होंगे और इसे संबोधित करेंगे. वहीं, पार्टी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया, उपनेता राजेन्द्र राठौड़ सहित कई प्रमुख नेता इस विरोध प्रदर्शन को संबोधित करेंगे.
भाजपा इस विरोध-प्रदर्शन में करीब 60 हजार बीजेपी कार्यकर्ता और युवा जुटने का अनुमान लगा रही है. हालांकि, पार्टी नेताओं के यह सियासी दावे हैं, क्योंकि इससे पहले हुए प्रदर्शनों में भीड़ तो जुटी लेकिन जितने हजार का अनुमान भाजपा ने जताया था उतनी भीड़ नहीं जुटी.